शिमला।हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलसिया कार्रवाई गैर-लोकतान्त्रिाक करार दिया है। किसान सभा राज्यध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि आज जिस तरह की कार्रवाई छात्रों पर की गई वह एक सोची समझी और पूर्ण नियोजित योजना के तहत की गई। बखतरबंद गाड़ी के अन्दर डाल कर छात्रों के बेहरमी से पीटा गया और गाडि़यों को इस तरह से लगाया गया ताकि पुलिस की बर्बरतापूर्ण कारवाई मीडिया और पत्राकारों की नज़र में न आ सके,वो शर्मनाक है।
कुलदीप सिंह तंवर ने कहां कि इस तरह की कार्यवाही न केवल छात्रा विरोधीही नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के खिलाफ भी है। प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रा,छात्राएं प्रदेश के ग्रामीण व आम परिवार से सम्बन्ध् रखते है जिनके माता-पिता अपनी खून पसीने की कमाई और कड़ी मेहनत से पैसा कमाकर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने की हसरत रखते है।
किसान सभा अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय की फीस बढ़ोतरी का ढ़ांचा आम छात्रों को शिक्षा से वंचित रखने की साजि़श लगती है। इस तरह की बेतहाशा फीस बढ़ोतरी का सीधा अर्थ है कि सरकार विश्वविद्यालय को मुखैटा बनाकर प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को परोक्ष रूप से फायदा पंहुचाना चाहती है ताकि बच्चे सरकारी संस्थानों से विमुख होकर नीज संस्थानों का रूख करे। डा0 तंवर ने सरकार के दो मुंहे चरित्रा की भी कड़ी आलोचना की है। उन्होने सरकार से फीस वृ(ि मामले में अपनी स्थिति सपष्ट करने को कहां है। उन्होने कहां कि एक ओर तो मुख्यमंत्राी का ब्यान आता है कि नीजी विश्व विद्यालयों की लूट पर पाबन्दी लगनी चाहिए और दुसरी तरफ सरकारी विश्वविद्यालय में फीस वृ(ि कर जनता की जेबों पर डांका डाला जा रहा है। डा0 तंवर ने कहां कि उद्योगपतियों एवं पनविजली परियोजनाओं में निवेश करने वाले पूंजीपतियों के हितों में सरकार बिना विचार फैसला पलट देती है मगर जब आम जनता के हितों की बात आती है तो सरकार साध्नों की कमी का हवाला देकर जनता पर अनुचित बोझ डाल देती है। डा0 तंवर ने गिरफ्रतार सैकड़ों छात्रों को तुरन्त रिहा करने और फीस वृ(ि के फैसले को तुरन्त वापिस करने की मांग की है।
सतेन्द्र चैहान
प्रैस सचिव
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