शिमला।एक सा ब्लड ग्रुप न होने पर जापान व अमेरिका के बाद अब भारत में किडनी ट्रांसप्लांट संभव है। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में पिछले डेढ साल में छह ऐसे मरीजों की किडनियां ट्रांसप्लांट की गई है जिनमें मरीज और डोनर का ब्लड ग्रुप अलग-अलग था। इन छह मरीजों में से तीन हिमाचल से है।
फोर्टिस अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन प्रियदर्शिनी रंजन और कंसल्टेंट नेफ्रॉलाजी अमित शर्मा ने मंगलवार को राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले ये संभव नहीं था देश में अब कई अस्पतालों में इस तरह के ट्रांसप्लाट हो रहे है।
प्रियदर्शिनी ने कहा कि अब तक किडनी फेल हो जाने पर डायलासिस इलाज था या फिर परिवार में एक ही ब्लड ग्रुप कि किसी व्यक्ति की ओर से किडनी डोनेट करने पर ट्रांसप्लांट संभव था।लेकिन नई तकनीक से अब अलग –अलग ब्लड ग्रुप के खून या कानूनी रिश्तेदार भी किडनी डोनेट कर सकता है।
संवाददाता सम्मेलन में कांगड़ा की रेखा नामक महिला जिसमें उनके पति कि किडनी ट्रांसप्लांट की गई है,ने कहा कि वो अभी ठीक है। रेखा को उनके पति ने किडनी डोनेट की इन दोनों में एक का ब्ल्ड ग्रुप ए और दूसरे का बी था।प्रियदर्शिनी ने कहा कि ट्रांसप्लांट के बाद दो सप्ताह से तीन महीने का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है व इस समय निगरानी की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि जिसमें दूसरे ब्लड ग्रुप कि किडनी ट्रांसप्लाट की जाती है उसके खून को साफ किया जाता है ताकि एंटीबॉडी के स्तर को कम किया जा सके। अन्यथा एंटीबॉडी किडनी को स्पोर्ट नहीं करेंगे।उसके कुछ समय के बाद एंटी बाडी नई लगाई किडनी के साथ एडजेस्ट कर लेती है और मरीज सही जिंदगी जी सकता है।
अमित शर्मा ने कहा कि इस तरह किडनी ट्रांसप्लांट करने का खर्च आठ से दस साल लाख रुपए है। इसके बाद एक साल तक लगातार बीस बीस हजार रुपए की दवाएं खानी पड़ेगी और इसके बाद सब कुछ ठीक रहा तो उम्र भर आठ से दस हजार रुपए की दवा प्रति महीना खनी पड़ेगी।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद प्रेग्नेट हो सकती है महिला
अगर कोई दंपति किडनी ट्रांसप्लांट के बाद बच्चा चाहता है तो डाक्टरों से मशविरा कर महिला गर्भ धारण कर सकती है। इन डॉक्टरों के मुताबिक जब तक बच्चा पीता है तब तक कुछ दवाएं बंद कर दी जाती है। इसके बाद दवाओं को नियमित करना होता है।
डायबिटीज,ब्लड प्रेशर,पत्थरी और पेनकिलर से तबाह हो सकती है किडनी
इस मौके पर डा. अमित शर्मा ने कहा कि आठ से दस प्रतिशत आबादी की किडनी में कुछ खराबी हो सकती है। डायबिटीज,ब्लडप्रेशर और किडनी में पत्थरी का होना किडनी के फेल होने की मुख्य वजह है। इसके अलावा लगातार पेनकिलर खाते रहना भी किडनी के लिए घातक है। हिमाचल में पत्थरी किडनी के फेल होने की मुख्य वजह है।पत्थरी इसलिए होती है क्योंकि लोग पानी कम पीते है।रोजाना खूब सारा पानी पीना किडनी के लिए वरदान है।
डा प्रियदर्शिनी के मुताबिक किडनी डोनेट करने वाले को कोई नुकसान नहीं होता है। इंसान में दो किडनियां होती है। इनमें दोनों किडनियों का केवल 20 प्रतिशत सही होना ही जिंदगी के लिए जरूरी है। लेकिन जब तक 80 प्रतिशत किडनी खराब नहीं हो जाती तब तक मरीज को पता ही नहीं चलता। ऐसे में 30 साल की उम्रके बाद टेस्ट कराते रहना चाहिए।
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