शिमला।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी टोली पर तमाम तरह के संगीन इल्जाम लगाने वाले कांग्रेस नेता युद्ध चंद बैंस की जमानत मामले में विजीलेंस ने पेंच फंसा दिया है।
विजीलेंस की ओर से आज प्रदेश हाईकोर्ट में कहा गया कि इस मामले में विजीलेंस को better status report दायर करनी है। इसलिए बैंस को नियमित जमानत न दी जाए। उधर, बैंस की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा व नियमित जमानत देने का आग्रह किया।
इस मामले की सुनवाई आज मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी एस संधावालिया की अदालत में हुई । अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बैंस को नियमित जमानत तो नहीं दी लेकिन उनकी अंतरिम जमानत को अगली सुनवाई छह मार्च तक बढ़ा दिया हैं।
अब इस दिलचस्प मामले में विजीलेंस आने वाले दिनों में किस तरह की पूछताछ करती है ये देखना महत्वपूर्ण होगा। बैंस इस मामले में 11 जनवरी से लेकर अब तक करीब 12 दिनों तक विजीलेंस जांच का सामना कर चुके है।
बैंस की पैरवी कर रहे वकीलों ने अदालत से आग्रह किया कि उनके मुव्वकिल को राज्य से बाहर जाना पड़ रहा है। इस बावत अदालत ने कहा कि इसके लिए अलग से अर्जी दायर करे। संभवत इस बावत आने वाले दिनों में बैंस की ओर से अर्जी दायर कर भी दी जाएगी।
याद रहे विजीलेंस ने आठ जनवरी को बैंस के खिलाफ केसीसी बैंक से 20 करोड़ का कर्ज लेने में अनियमितताएं बरतने को लेकर एफआइआर दर्ज की थी। बैंस ने नौ जनवरी को प्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
बैंस ने 11 जनवरी को ऊना में प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सुक्खू और उनकी टोली पर कई संगीन इल्जाम लगाए थे। इनमें से कुछ लोगों ने बैंस को मानहानि के नोटिस भी जारी किए हैं।
इस मामले में अभी कई मोड़ आने की संभावना हैं जो प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल मचाने वाली होने वाले हैं।
(76)