धर्मशाला, 11 मार्च: सहित्य एक घटना और परिस्थिति को देखने के विविध दृष्टिकोण प्रदान करता है। मेलो-2018 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के मौके पर मेलो सचिव मंजू जैदका ने कही। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की मुख्य थीम ‘स्पेस, प्लेस एंड लैंडस्केप इन लिटरेचर ऑफ दी वर्ल्ड ’ को अलग-अगल दृष्टिकोणों से विश्लेषित और प्रस्तुत करने के प्रयास किए गए।
मंजू जैदका ने युवा शोधार्थियों को उनके अकादमिक कार्य को और गंभीरता से लेने का सुझाव भी दिया। साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को सम्मेलन के आयोजन में सहयोग के लिए आभार प्रकट किया ‘Melow 2018,’ 17वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन्न का बीते कल हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में विधिवत समापन हो गया।
तीन दिन तक चले इस सम्मेलन में देश-विदेश से आये दो सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में सौ से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘स्पेस, प्लेस एंड लैंडस्केप इन लिटरेचर ऑफ दी वर्ल्ड ’ रहा। इस बार सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र का ‘आइसेक मेमोरियल अवॉर्ड’ नीपा सरकार को दिया गया। उनका शोधपत्र इतालवी लेखक इतालो केल्वीनो के उपन्यास ‘इनविजिबल सिटीज्’ पर आधारित था।
डॉ. हेमराज बंसल को उनके शोधपत्र के लिए ‘सर्टिफिकट ऑफ मेरिट’ का पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रत्येक शोधपत्र प्रस्तुतकर्ता को हिमाचली टोपी और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्विद्यालय के अंग्रेजी एवं यूरोपीय भाषा विभाग ने मेलो-2018 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। सम्मेलन के संयोजक प्रो. रोशनलाल शर्मा ने सम्मेलन की मेजबानी का अवसर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को देने के लिए मेलो का धन्यवाद व्यक्त किया।
प्रो.रोशनलाल ने कहा कि अकादमिक दृष्टिकोण से हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय परिवार, विशेषकर शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए यह एक सुअवसर था जिसका लाभ उठाने में वह पूर्णत सफल रहे हैं।
आगे उन्होंने बताया कि यह तीन दिवसीय समागम ‘स्पेस, प्लेस एंड लैंडस्केप इन लिटरेचर ऑफ दी वर्ल्ड’ विषय पर विविध परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम रहा है। प्रो. रोशनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री को उनके मार्गदर्शन और आशीर्वाद के लिए भी आभार प्रकट किया।
सम्मेलन के दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें कुल्लवी नाटी, शिमला नाटी, भांगड़ा, झमाकड़ा, वेस्टर्न डांस, एकल और समूह गायन ने सम्मेलन में देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों का खूब मनोरंजन किया।
फोटो रूही शर्मा
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