शिमला।भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी आर डी नजीम पर कंपनी के प्रति पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने व राजनीतिक दबाव में कार्यवाही करने का आरोप लगा दिया। एचपीसीए ने लिखित में दर्ज कराई आपतियों में कहा है कि ऐसे में निष्पक्ष फैसला नहीं दे सकते।एचपीसीए ने कहा कि रजिस्ट्रार राजनीतिक दबाव में बुरी मंशा के तहत कंपनी के खिलाफ कार्यवाही कर रहे है। वो मौजूदा समय और इससे पहले भी चिटिठयां लिखकर कंपनी के कामकाज में दखल दे रहे है।ये उनके पक्षपात पूर्ण रवैये को दर्शाता है।अनुराग ठाकुर एचपीसीए के अध्यक्ष है।
एचपीसीए कंपनी है और रजिसट्रार को इस मामले में कोई दखल देने का हक नहीं है। एचपीसीए के वकीलों ने रजिस्ट्रार की ओर से बीसीसीआई को चिटठी लिखने का भी कड़ा संज्ञान लिया और और कहा कि ये एचपीसीए की छवि धूमिल करने का प्रयास है। एचपीसीए की ओर से धूमल सरकार में महाधिवक्ता रहे वरिष्ठ वकील आर के बाबा,पुरषोतम चौधरी और विक्रांत ठाकुर ने कंपनी का पक्ष रखा।
इन अधिवक्ताओं ने कहा कि सोसायटी ने सोसायटी कंपनी में कंनवर्ट करने का प्रस्ताव रजिस्ट्रार को भेज दिया था।इसके अलावा सरकार ने कंपनी की ओर से दिए 98 लाख 55 हजार रुपए को भी स्वीकारकर लिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार को 4 करोड़ 45 हजार रुपए के कर कर भी अदा किए है। रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट के आदेश का गलत मतलब निकाल लिया है।
इसके बाद इस तरह की कार्यवाही राजनीतिक आकाओं के दबाव में अमल में लाई जा रही है।रजिस्ट्रार के पास कंपनी की वैधता को तय करने का कोई अधिकार ही नहीं है।एपीसीए ने रजिस्ट्रार से 7 सितंबर को भेजे शो कॉज नोटिस को वापस लेने का आग्रह किया।
इस मसले पर रजिस्ट्रार आर नजीम ने कहा कि उन्होंने एचपीसीए की ओर से उठाई आपतियों को सुन लिया है और वो लिखित में दी आपतियों को देखने के बाद अपना फैसला सुना देंगे।
उधर एचपीसीए के वकील विक्रांत ठाकुर ने कहा कि जिस रोज भी फैसला सुनाया जाए उन्हें भी मौके पर हाजिर रहने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
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