शिमला। वीरभद्र सिंह व धूमल परिवार एक दूसरे के कारनामों को उजागर कर एचपीसीए में बरती गई अनियमितताओं को दफन करने का खेल खेल रहे है।एक दूसरे पर आरोप लगाकर दोनों परिवार इस मामले को दफन कर समझौता करने की ओर बढ़ रही है। लेकिन ये खेल कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। माकपा नेता व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने ये खुलासा आज यहां किया। उन्होंने कहा कि एचपीसीए को व्यक्तिगत जागीर बना दिया गया है।इस जागीर ने क्रिकेट को खत्म करके रख दिया।जब से एचपीसीए पर धूमल परिवार का कब्जा हुआ तब से प्रदेश में जिला स्तर के टूर्नामेंट नहीं हुए है। जिनके पास पैसा व पहुंच है वो रणजी खेल सकते है। गांव में जो प्रतिभा है वो तो आ ही नहीं रही है। खेल को खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने वीरभद्र सिंह सरकार पर एचपीसीए को लेकर चल रही जांच को धीमी गति से चलाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि विनयशर्मा नामक एक व्यक्ति ने धर्मशाला की स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है । कोर्ट ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से इस मामले में अगस्त में जवाब के लिए नोटिस भेजा था। ये जवाब आज तक नहीं आया है।
इसी तरह विभिन्न मैचों में सुरक्षा के लिए तैनातकी गई पुलिस के पांच करोड़ 67 लाख रुपए सरकार को देने है। लेकिन ये पैसे सरकार वसूल नहीं पाई है।
स्टेडियम व होटल पेवेलियन को कॉमन विलेज लैंड दी गई थी ये दी ही नहीं जा सकती थी। सरकार ने ये लीज भी रदद नहीं की है।
इससे साफ है कि एक दूसरे पर आरोप लगाकर दोनों परिवार कोई डील करने वाले है। उन्होंने वीरभद्र सिंह सरकार से मांग की अगर कोई डील नहीं हो रही है तो एचपीसीए के पास बकाया पांच करोड़ 67 लाख रुपए वापस ले। जमीन की लीज रदद कर इस जमीन को सेट्रल यूनिवर्सिटी के नाम कर दे।एचपीसीए को लेकर चल रहे आपराधिक व सिविल मामलों में जांच जल्द पूरी कर आरोपियों को सजा दी जाए।
नहीं आए विनय शर्मा
टिकेंद्र पंवर के साथ राजधानी में एचपीसीए को लेकर अदालत में विभिन्न मामले दायर करने वाले वकील विनय शर्मा भी संववाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वाले थे। टिकेंद्र के मुताबिक वो बुधवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मिले।लेकिन वो ऐन मौके पर संवाददाता सम्मेलन में नहीं आए। उनका मोबाइल शाम तक आउट आफ रीच जाता रहा।बाद में ये स्वीच आफ हो गया।विनय शर्मा पहले भाजपा में थे। उन्हें शांता कुमार का समर्थक समझ जाता है।लेकिन आज वो अचानक सामने आने से मुकर गए। इससे कई सवाल उठने लगे है।
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