शिमला। भाजपा मुख्यालय दीपकमल पर युवा कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुई खूनी झड़प में पुलिस ने जिला सेशन जज बीरेंद्र सिंह की अदालत में शनिवार को पुलिस ने कहा कि युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह पुलिस जांच में शामिल नहीं हो रहे है।पुलिस ने शनिवार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट अदालत में पेश की। अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे व युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य को पुलिस जांच में शामिल होने के आदेश दिए।
विक्रमादित्य आज खुद अदालत में पेश हुए। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत नौ तारीख तक बढ़ा दी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद गृह मंत्री भी है और पुलिस व अभियोजन विभाग उनके पास है।ऐसे में पुलिस का अदालत में ये कहना कि विक्रमादित्य पुलिस जांच में शामिल नहीं हो रहा है कई सवाल खड़े करता है। हालांकि इससे पहले विक्रमादित्य जिला प्रशासन की ओर से शुरू की की गई मजिस्ट्रेट की जांच में शामिल हो चुके है। मजिस्ट्रेट जांच एडीएम डी के रत्न कर रहे है। उनके पास जाकर विक्रमादित्य सिंह बयान दे आए हैं।
अदालत ने विक्रमादित्य को इस मामले में31 जनवरी को अंतरिम जमानत दी थी ।इसके बाद मामले की सुनवाई चार फरवरी को लगी। इस मौके पर वह अदालत में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने इसका कड़ा़ संज्ञान लेते हुए उन्हें सात फरवरी को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। आज वो अदालत में पेश हुए लेकिन उनकी जमानत कंफर्म नहीं हुई।
विक्रमादित्य पर भाजपा मुख्यालय पर 29 जनवरी को मेादी सरकार की ओर से संसद में लाए गए जमीन अधिग्रहण बिल के विरोध में किए गए प्रदर्शन के दौरान हुई खूनी झड़प को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजेश शारदा की आंख में गंभीर चोट लग गई थी।वो अभी भी पीजीआई में दाखिल है।
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