शिमला।माकपा के राज्य सचिवालय ने केन्द्र की मोदी सरकार से मनरेगा में की गई कटौती को वापस लेने और प्रदेश सरकार को मनरेगा का पूरा पैसा आवंटित करने की मांग की है।माकपा ने कहा कि मोदी सरकार प्रदेश का गला घोंटने का कार्य कर रही है। प्रदेश में पिछले 6 महीने से मनरेगा के मज़दूरों को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है।
माकपा नेता टिकेंद्र सिंह पंवर ने कहा कि सरकार ने प्रदेश को 670 करोड़ रुपये की सालाना राशि देनी थी लेकिन मोदी सरकार ने इसे घटा कर 355 करोड कर दिया है जिसका बहुत ही प्रतिकूल असर प्रदेश में पड़ा है ।कई जि़ले तो बहुत बूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। खासतौर पर मण्डी, उना, सिरमौर व शिमला शामिल हैं। इससे मरनेगा के मज़दूरों का वेतन तक नहीं दिया जा रहा है।
पार्टी ने कहा है कि प्रदेश में यदि एक नज़र मनरेगा के काम पर दौडाई जाए तो मालूम होगा कि इसने ना सिर्फ प्रदेश में लोगो की खरीदने की शक्ति को बढ़ाया है और मांग पैदा की है साथ ही इससे खासतौर पर उन जगहों पर जहां इसे सपफलता से चलाया गया वहां पर नये ढांचे भी खडें किये गये।इसमें पैसी की कमी से मात्रा इसे पंगू नहीं बनाया जायेगा साथ ही इसपर लोगों का रूझाान भी नकारात्मक हो जायेगा । इससे इस कानून की प्रासंगिकता ही समाप्त हो जायेगी और इस क्षेत्र में कार्य को एक बार फिर से निजी हाथों में दिया जायेगा।
माकपा ने 13 फरवरी को मण्डी में होने वाले मजदूरों व किसानों के मनरेगा पर अधिवेशन को पूरा समर्थन देने का निर्णय लिया है। पार्टी अपने समूचे ढांचे को इस्तेमाल करेगी व इसे सफल बनायेगी।
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