शिमला।राजधानी की जिला सेशन जज बीरेंद्र सिंह की अदालत ने आज सोमवार को युवा कांग्रेस के अध्यक्ष व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विकमादित्य सिंह को भाजपा मुख्यालय पर 29 जनवरी को हुए खूनी संघर्ष मामले में नियमित जमानत दे दी है। युकां अध्यक्ष 31 जनवरी से अंतरिम जमानत पर थे व 7 फरवरी को पुलिस की ओर से अदालत में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा था की विक्रमादित्य सिंह जांच में शामिल नहीं हो रहे है। इस पर अदालत ने विक्रमादित्य को पुलिस जांच में शामिल होने के आदेश दे कर आज के लिए सुनवाई रखी थी। चार फरवरी की सुनवाई केरोज वो अदालत में पेश नहीं हुए थे।अदालत ने इस दिन सात ताीख को अदालत में हाजिर रहने के आदेश दिए थे।
मामला सुबह सुनवाई के लगा लेकिन अदालत ने इस दोपहर बाद के लिए रखा ।बाद में अदालत ने विक्रमादित्य की जमानत कंफर्म कर दी।
मोदी सरकार की ओर से लाए गए जमीन अधिग्रहण बिल के खिलाफ विक्रमादित्य की कमान में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय कमलदीप पर 29 जनवरी को प्रदर्शन किया था। इस मौके भाजयुमो और युकां कार्यर्ताओं के बीचखूनी संघर्ष हुआ था। डंडों व पत्थरों की बारिश के बीच भाजपा जिला शिमला के उपाध्यक्ष राजेश शारदा घायल हो गए थे।उनका पीजीआई में इलाज चल रहा है।
इस मामले में भाजपा की मांग पर राज्यपाल कल्याण सिंह ने डीजीपी,एडीजीपी सीआईडी और एसपी शिमला को तलब कर लिया था।
इस मसले को भाजपा पूरी तरह से भुनाने पर उतारू ह गई और प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ दिया। इन दिनों गुंडागर्दी विरोधी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष है।
उधर,कांग्रेस आलाकमान में इस कांड के बाद राजनीतिक कद बढ़ा है। जानकारी मुताबिक आलाकमान ने इस बात की सराहना की विक्रमादित्य ने प्रदर्शन कर कम से कम सुर्खियां तो बटोरी।ये प्रदर्शन आलाकमान की कॉल पर हीकिया गया था। लेकिन देश में कहीं और से भी इस तरह की सुर्खियां नहीं मिली।
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