शिमला।नगर निगम और वाइल्ड लाइफ विभाग ने बंदरों को भगाने का एक तकनीकी तरीका खोज निकाला है। ये दोनों संस्थान मिलकर अब राजधानी के बंदरों को अल्ट्रासॉनिक साउंड मशीन के जरिए भगाएंगे ताकि लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े ।इस अल्ट्रासॉनिक मशीन को राजधानी शिमला के सीटीओ बिल्डिंग पर लगाया जाएगा। यहां पहले से ही सुबह दस बजे व सायं पांच बजे घुग्गू बजता हे। लेकिन इससे बंदरों को कोई फर्क नहीं पड़ता।
वामपंथी नेता और नगर निगम के डिपटी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर ने कहा कि बदमाशा बंदरों की शैतानियों से निजात पाने के लिए हम रास्ता तलाश कर रहे थ्ो । अब अल्ट्रासॉनिक मंकी रेपल्र को सीटीओं पर ट्रायल के आधार पर लगाया जा रहा है।अगर से सफल रहा तो इसे और स्थानों पर भीलगाया जाएगा। ये मशीन बंदरों को एक हजार वर्ग मीटर के दायरे में नहीं आने देगी।
उधर,वाइल्ड लाइफ के चीफ कंजरवेटर पी एल चौहान ने कहा कि विभाग ने ट्रायल के आधर पर 15 दिनों के दो रेपल्र लगाएं है।इस दौरान बंदरों के रवैये को सीसी टीवी के जरिए परखा जाएगा।इसके लिए तीन टीमें गठित की गई है।ये टीमें सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक बंदरों के रवैये में आने वाले किसी भी तरह के बदलाव पर नजर रखेगी।
चौहान ने कहा कि ये मशीनें 20से50 किलोहर्टज तक की उच्च तीव्रता की अलट्रा सॉनिक साउंड तरंगों को फेंकेगी और दाब110-130 डेसीबल तक रहेगा।ये लोगों के लिए नुकसान दायक नहीं है।लेकिन इससे बंदर,लंगूर परेशान होते है।
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