शिमला। आइंस्टीन के नियमों में खामी से दुनिया को रूबरू कराने वाले हिमाचल के भौतिक विज्ञान के साइंटिस्ट अजय शर्मा को दुनिया के दो ब्ड़े क्म्यूनिस्ट देशों की धरती पर अपनी बात रखने का न्योता मिला है।ये देश है रशिया और चीन । अजय शर्मा को भारत सरकार और भारतीय वैज्ञानिकों से मान्यता न मिलने का गिला है।भारत की धरती पर उन्हें अपनी बात को साबित करने का सरकार और वैज्ञानिक समुदाय की ओर से न मौका मिला है और न ही मंच। लेकिन इस मसले पर वो दुनिया के कई देशों में जाकर अपनी बात रख चुके है।।
हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक के पद पर तैना अजय शर्मा को चीन के मकाऊ और रूस की बाऊमान मास्को स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी मास्को में शोधपत्र पेश करने का न्योता मिला है। रूस की बाऊमान मास्को स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी मास्को में 29 जून से जुलाई तक होने वाली कांफ्रेंस में शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस कांफ्रेंस का नाम है ‘फिजिकल इन्टरप्रेटेशन आॅफ रिलेटिविटी थ्योरी’ ।कांफ्रेंस में केवल आंइस्टीन की थ्योरी पर ही चर्चा होगी।
अजय शर्मा ने अपने शोध पत्र के एक भाग में आंइस्टीन की E=mc2 की डेरीवेशन (स्थापना) की खामियों को दर्शाया है। शोध के अनुसार आंइस्टीन कीE=mc2 की डैरीवेशन विशेष परिस्थितियों में ही सही है। सभी परिस्थितियों में तर्कहीन रिजल्ट भी निकलते है।
केम्ब्रिज विवि इंग्लैंड के प्रोफेसर सर काॅकक्रौफ्ट ने 13 दिसम्बर 1951 में नोबल लेक्चर में कहा कि उन्होंने आंइस्टीन के समीकरण E=mc2 को 1932 के प्रयोगों में सही साबित किया है। शर्मा के शोधपत्रों के अनुसार सर काॅकक्रौफ्ट का यह दावा, सही नहीं है। आज के न्यूक्लियर फिजिक्स के आंकड़ों के अनुसार विसंगति लगभग 9 प्रतिशत है। यह विसंगति बहुत अधिक है। शोधपत्र के अगले भाग में एक महत्वपूर्ण खामी को उजागर किया है। थ्योरी आॅफ रिलेटिविटी के मुताबिक एटम बम के विस्फोट में न्यूट्राॅन के भार में बढ़ोतरी हो जाती है। वैज्ञानिक E=mc2का प्रयोग करते है
और न्यूट्राॅन का भार कम लेते है। इस तरह ऊर्जा की गणनाएं सही नहीं है। सही ऊर्जा की गणना करने के लिए सही भार का लेना जरूरी है। इसका प्रभाव पूरी न्यूकलियर फिजिक्स पर पड़ेगा। उ
परोक्त तथ्यों पर आधारित 11 पृष्ठों को शोधपत्र के प्रकाशन की सिफारिश दो विशेषज्ञों ने कर दी है। अब यह शोधपत्र कांफ्रेंस की कार्यवाही में छपेगा और विज्ञान साहित्य में उपलब्ध रहेगा। इसी तरह अजय शर्मा को दूसरा निमंत्रण चीन की मकाऊ विवि से प्राप्त हुआ है। इस कांफ्रेंस का नाम है ‘दि फोर्थ ग्लोबल कांफ्रेंस आॅन मेटीरियलज सांइस एंड इंजीनियरिंग। यह कांफ्रेंस 3-6 अगस्त तक आयोजित की जाएगी।
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