शिमला। हिमाचल प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से मंगलवार को किए आईएएस अफसरों के तबादलों से परिवहन व खाद्य आपूर्ति मंत्री की ओर से बजाए गए विद्रोह के डंके की वजह से पर्दा उठ गया है। बाली के चहेते अफसरों से महकमें लेकर बाली को घेरने का सरकार ने शुरूआत की है।कामयाब कितनी होती है ये अलग मसला है।सरकार ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए में आरोपी बनाए वरिष्ठ आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन से पशु पालन महकमा छीन लिया है। उनके पास यही एक बड़ा महकमा बचा था। उन्हें पूर्णिमा चौहान के महकमें का जिम्मा दिया गया है।सूत्रों के मुताबिक सानन पर गाज इसलिए गिरी क्योंकि वो केंद्र से एचपीसीए मामले में अपनी खिलाफ अभियोजन मंजूरी को शून्य करवा कर ले आए है। केंद्र की मोदी सरकार ने एचपीसीए मामले पर अभियोजन चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। वीरभद्र सरकार इस बात से खफा हो गई है।उन्हें वीरभद्र सिंह सरकार ने इस मामले में चार्जशीट किया हुआ है।
सानन को वहां से तो राहत मिल गई लेकिन अब प्रदेश सरकार ने उन्हें हलके विभाग में भेज दिया है। पूर्णिमा चौहान उनसे बहुत जूनियर आईएसस अफसर है। उन्हें उनका महकमा शिकायत निवारण विभाग दिया गया है।उनसे बाकी सब कुछ छीन लिया गया है। बताते है कि उन पर कई आइएएस अफसरों को लामबंद कर वीरभद्र सिंह की नौकरशाही को पंगु बनाने जैसे इल्जाम वीरभद्र सिंह के चहेते लगाते रहे है।हालांकि इन चहेंतों केनिशाने पर तो वी एस फारखा भी है। पूर्णिमा चौहान कमिशनर विभागीय जांच लगाया गया है। ये महकमा प्रधान सचिव कार्मिक व पावर एस के बीएस नेगी के जिम्मे था।पशु पालन विभाग का जिम्मा प्रधान सचिव उदयोग आरडी धीमान को दिया गया है।उनके पास पहले ही बड़े महकमें है। बताते है कि बाली और वीरभद्र के बीच चल रही जंग अब आर पार की हो गई है।सीएम को एक अरसे से फीड किया जा रहा था कि उनके खिलाफ कई नेता आईएएस अफसरों की जुंडली को साथ लेकर उनकेखिलाफ मुहिम चलाए हुए है। उनमें उनके मंत्रियों में बाली के अलावा भाजपा नेता धूमल का नाम लिए जा रहे थे। लेकिन वीरभद्र सिंह बाली को छेड़ नहीं रहे थे।सानन धूमल के करीबी अफसर रहे हैं और बाली के भी करीबी है। इसी तरह बाली ने एचआरटीसी के एमडी आर एन बता को भी अपने साथ किया हुआ था।सीएम आफिस में लगातार फीड जा रही थी कि एचआरटीसी का हाल बेहाल है। सीएम के गृह विधानसभा हलके की बसें कभी ही समय पर चलती थी। वीरभद्र सिंह ने बड़ा दावं चल कर बता से एचआरटीसी के एमडी का कार्यभार छीन लिया है और ये कार्यभार आईजी रैंक के आईपीएस अफसर एस जहूर जैदी को दिया गया है। जैदी सेंट्रल डेपुटेशन से लौट कर आए है। एचआरटीसी में कंडक्टर भर्ती कांड हुआ है।मामला हाईकोर्ट में है। और एमडी सीएम नहीं बाली का करीबी अफसर था।अब सीएम ने सीनियर आईपीएस को एमडी तैनात किया है। इसके अलावा बाली ने 700 के करीब युवाओं को कौशल विकास भते और 120रुपए एचआरटीसी के खाते से देकर ट्रेनिंग के नाम पर एचआरटीसी में रखा था। ये मामला भी हाईकोर्ट में है। फिलहाल स्टे चल रहा है।ऐसे में नतीजा क्या होगा आने वाले समय में ही पता चलेगा।बताते है कि जिस तरह पिछली सरकार ने सानन के जरिए महेंद्र सिंह को घेरा था उसी तरह अब बाली को वीरभद्र सिंह घेरने का काम कर रहे है। कितने कामयाब होते है । ये पता नहीं है। बताते है कि सीएम इस लिए नाकाम होते जा रहे है क्योंकि सीएम आफिस में ही कुछ बड़ी गड़बड़ हैं।इन तबादलों पर अभी बाली किस तरह प्रतिक्रिया देते है ये भी मायने रखेगा।
सानन और बत्ता के बाद एक बड़ी गाज बाली के लाडले अफसर आईएएस प्रियतु मंडल पर गिरी है।उन्हें कुछ अरसा पहले ही खादय व आपूर्ति निगम के एमडी का कार्यभार दिया गया था। उनसे ये कार्यभार छीन लिया गया है।सचिवालय के गिलयारों में इस जूनियर आईएएस अफसर के तबादले की कहानी भी बड़ी दिलचस्प बताई जा रही है। बताते है कि खाद्य आपूर्ति निगम में हुए वर्दी घोटाले में एफआईआर दर्ज करने के लिए वीरभद्र सिंह ने इस अफसर को फोन किया। जनाब ने फाइल पर लिख दिया कि उन्हें नौ बज कर 27मिनट पर फला़ नंबर से मुख्यमंत्री का फोन आया कि वर्दी घोटाले में एफआईआर दर्ज कर दो। धूमल के बेहद करीबी व रिटायर आईएएस अफसर आर एस गुप्ता के नाम सचिवालय में ये चर्चाएं चली कि वर्दी घोटाले में एफआईआर करने की हिदायतों की उनक पास पुख्ता जानकारी है। गुप्ता को भी एचपीसीए मामले में लपेटा गया था। जब फाइल और गुप्ता के दावों पता सीएम को चला तो मंडल से निगम का कार्यभार छीनने का फैसला लिया गया। वो अभी निदेश्ाक खाद्य आपूर्ति विभाग है। उनसे ये चार्ज छीन कर सीएम ने अपने भरोसे के अफसर अमित कश्यप को खाद्य आपूर्ति निगम के एमडी का कार्यभार दिया है। वो अभी लेबर कमिशनर है। दिलचस्प है कि वर्दी घोटाले मेंएफआईआर नहीं दर्ज नहीं हुई हैऔर बाली खुलकर विद्रोह पर उतर गए।वो अभी आगे क्या रंग दिखाएंगे वो दिलचस्प होगा।अब उनके करीबी अफसरों को उनसे दूर कर दिया है। बताते है कि अब वीरभद्र व बाली के अलावा नौकरशाहों में तलवारें खिंच गई है।
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