शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राम लाल ठाकुर की अध्यक्षयता में एक कमेटी का गठन किया जो महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल काॅलेज व अस्पतालए कुमारहटी सोलन में कथित तौर पर हो रही अनिमियताओं पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को रिर्पोट सौंपेगें।
मजे की बात है कि अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार के खात्मे पर सता में आई वीरभद्र सरकार ने बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता जांच करेगे। इन नेताओं की रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी उसके बाद सरकार आगे का काम करेगी।कांग्रेस पार्टी ये अजीब काम करने जा रही है जबकि सता में पार्टी की अपनी सरकार है और सरकार के पास अपनी पुलिस फोर्स,सीआईडी और विजीलेंस है। जिनमें एक सेबढ़ कर बढं एक करकेधुरंधर आईपीएस बैठे है।लेकिन ये जांच इन अफसरों से नहीं कराई जा रही हैा
सुक्खू ने कमेटी में राम लाल ठाकुर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरभजन सिंह भज्जी, उपाध्यक्ष कैलाश पराशर, महासचिव हर्षवर्धन चौहान, जिला कांग्रेस कमेटी सोलन के अध्यक्ष राहुल ठाकुर व खादी ग्रामीण उद्योग बोर्ड के चेयरमैन रमेश चैहान सदस्य के तौर पर सहायता करेगें।
यह कमेटी कई विषयों पर अपनी रिर्पोट जिसमें महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल काॅलेज में पिछले कुछ सालों से मरीजों की संख्या, अस्पताल की अधोसंरचना, मूल.भूत सुविधाएंए डाक्टर इत्यादि पर विस्तारपूर्वक अध्ययन कर तथा इसकी तुलना इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज ;1966 में स्थापित,और डा0 राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांड़ा ;1996 में स्थापित में मौजूद सुविधाओं से करेगी।
सुक्खू ने कहा कि महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल काॅलेज में लगातार अनियमिताओं की खबरों के चलते इस कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंनें कहा कि हाल ही में पंजाब मेडिकल काॅउसिंल ने अपनी रिर्पोट में इस मेडिकल काॅलेज में 84 फर्जी डाक्टरों की नियुक्ति के विषय को उजागर किया था और कहा था कि इन डाक्टरों ने कभी भी नियमित तौर पर विद्यार्थियों की पढाई नही करवाई बल्कि ये सभी इस काॅलेज से सैंकड़ों किलोमीटर दूर कहीं और काम करते हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा यह मेडिकल काॅलेज महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय के साथ सम्बधित है जोकि निर्धारित नियमों के खिलाफ है। उन्होंनें कहा कि महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय के सैक्शन 7ए स्थापना व रैगूलैशन एक्ट के खिलाफ है क्योंकि यह एक्ट साफ निर्धारित करता है कि विश्वविद्यालय के पास किसी भी मेडिकल काॅलेज को संबद्यध करने की शक्तियां नही हैं।
उन्होंनें कहा कि इसके बावजूद महर्षि मार्कंडेश्वर काॅलेज ने अभी तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्याल से एफिलिएशन के लिए आवेदन नही किया है और न ही यह प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दाखिला प्रक्रिया व फीस स्ट्रक्चर को ही फाॅलो किया है। इस सम्बध मे मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों का यह तर्क है कि जब यह काॅलेज महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय से एफिलिएशन करता है तो वे अपना खुद का दाखिला प्रक्रिया व फीस स्ट्रक्चर को निर्धारित करने के लिए स्वतन्त्र है।
सुक्खू ने कहा कि विस्तृत रिर्पोट तैयार होने के बाद मेडिकल काॅलेज में मौजूद सुविधाओं और मूल.भूत ढांचे की तुलना इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज और राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांड़ा में उपलब्ध सुविधाओं से की जाएगी और इस बात का विश्लेषण किया जाऐगा कि क्या मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया ने इस मेडिकल काॅलेज को 150 सीटे आंबटित करते समय अनुचित वरीयता प्रदान की है। जबकी मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया ने पिछले कुछ सालों में सरकार द्वारा चलाए जा रहें इन दो मेडिकल काॅलेज की सीटों को बढाने के आवेदन को नकार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संजय सिंह चैहान ने कहा कि कमेटी इसके बाद अंतिम रिर्पोट कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेगी जिसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष इस रिर्पोट को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर को प्रेषित करेगें तथा पार्टी सरकार से मांग करेगी कि नियमों के अनुसार इस पर तुरन्त कार्यवाई हो।
सुक्खू की ओर से जांच के लिए बिठाई कमेटी के बाद कई सवाल खड़े हो गए है। कहा जा रहा है कि भाजपा की ओर से तैयार की जा रही चार्जशीट के देखते हुए सुक्खू नेये दांव खेला है । जबकि कांग्रेस के दूसरे नेता इसे सरकार को सवालों में खड़ा करने की मुहिम का हिस्सा बता रहे है। जो भी राजनीति का अजीब खेल तो शुरू हो ही गया है।
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