शिमला। हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन ने एक अजीबो गरीब कांड को अंजाम देकर 116 के करीब अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए आई अर्जियों को स्क्रीनिंग टेस्ट लेने के बाद रदद कर दिया है।इस अजीबों गरीब कारनामें की सूचना कमिशन ने सभी 116 लोगों को मोबाइल पर संदेश भेज कर दी है।संदेश में लिखा है कि अर्जी रदद होने की वजह पब्लिक सर्विस कमिशन की साइट पर दी गई है। पहला संदेश साढ़े चार बजे के करीब आया। इसमें साफ लिखा था कि आपकी अर्जी रदद की जा चुकी है। लेकिन शायद कमिशन के बाबूओं को लगा कि ज्यादती हो रही है तो संदेश में संशोधन कियागया और एक नया संदेश करीब शाम को सवा सात के बजे भेजा गया। जिसमें लिखा गया कि आपकी अर्जी को रदद करना प्रस्तावित है।कृपया 2 जनवरी से पहले कागजात भेज दे।
मामला जिला पब्लिक रिलेशन अफसर की भर्ती से जुड़ा है।कमिशन ने इन पदों की भर्ती के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट लिया था। इसी दिन जो प्रमाणपत्र मांगे थे वो भी पेपर देने वालों ने जमा करा दिए थे। अनुभव के प्रमाणपत्र को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं मांगा गया था।इसलिए कोई अनुभव का प्रमाणपत्र नहीं ले गया था।
कायदे से तो सारे प्रमाणपत्र स्क्रीनिंग टेस्ट से पहले ही मांग लेने चाहिए थे। लेकिन कमिशन अपनी चाल से चलता है।अनुभव का प्रमाणपत्र इंटरव्यू के समय भी लिए जा सकते थे।अगर फर्जी होते तो नौकरी तो जानी ही है।इस तरह का फरमान जारी कर पता नहीं कमिशन क्या साबित करना चाहता है। इससे अच्छा होता रदद करने का टोटका न रच कर सीधे अनुभव का प्रमाणपत्र मांग लिया जाता। किसी ने देने से मना थोड़े ही करना था। लेकिन कमिशन के बाबुओं ने स्टाइल दे मारा और साइट पर लिखा कि 2जनवरी 2015 तक अर्जी रदद करने के कमिशन के फैसले के खिलाफ रिप्रेजेंटेशन भेजे और साथ ही दस्तावेज भी कमिशन को भेजे।इन लाइनों को पढ़ने के बाद इन116 लोगों की जान में जान आई।डीपीआरओ की तीन पद है। वो भी कांट्रेक्ट पर ।छह सात साल बाद रेगुलर होने है।ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर अर्जियां रदद करना और वो स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद ,कमिशन की कारगुजारियों को उजागर कर देता है।
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