शिमला। वीरभद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मोदी सरकार को भेजी 1911 करोड़ की सिंचाई योजनाओं पर मोहर न लगने पर वीरभद्र सरकार के मंत्री ने सदन में मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला वहीं भाजपा सदस्यों ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास किया । इस मसले पर भाजपा सदस्यों ने सरकार पर अधूरी योजनाएं भेजने व सदन को सही जानकारी ने देने की दलील देकर वॉकआउट कर दिया।
सदन में इस मसले पर कांग्रेस व भाजपा सदस्यों के बीच जमकर नोकझोंक हुई लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल नेे इस मसले पर कुछ नहीं कहा।
सिंचाई मंत्री के हवाले से रविंद्र सिंह व महेश्वर सिंह के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने भाजपा सदस्यों की गैरहाजिरी में सदन में भाजपा सदस्यों को चैलेंज कर दिया कि अगर उन्होंने इन परियोजनाओं को लेकर कोई भी गलत जानकारी दी हैं तो वो उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव ले के आए। सब कुछ रिकार्ड पर हैं। सरकार ने १८५७ सिंचाई योजनाओं की डीपीआर भेजी हैं। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव आईपीएच ने दो चिटिठयां भी लिखी लेकिन मोदी सरकार की ओर से चिटिठयों को मिलने तक की जानकारी नहीं दी हैं। भाजपा सदस्यों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ये आए दिन अखबारों में सुर्खियां बटोरते रहते हैं कि वीरभद्र सरकार डीपीआर नहीं भेज रही हैं। सरकार ने डीपीआर भेजी हैं।
कौल सिंह ने मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने १३२९ करोड़ की सात मीडियम सिंचाई परियोजनाओं के अलावा ११८ लघु सिंचाई व ६ कमांड एरिया सिंचाई योजनाओं की डीपीआर भेजी थी। इनमें से केवल एक योजना पर आपतियां लगाकर वापस सरकार को भेजी हैं बाकी योजनाआें को लेकर मोदी सरकार ने एक भी पैसा हिमाचल को नहीं भेजा हैं।कौल सिंह ने सदन में कहा कि मोदी सरकार हिमाचल प्रदेश की मदद नहीं कर रही हैं। अगर सरकार की डीपीआर में खामी हाती तो मोदी सरकार आपतियां भेजती लेकिन एक परियोजना को छोड़ कर कोई आपति भी नहीं लगाई हैं। जिस प्रीणी से बिजली महादेव तक की परियोजना पर आपति लगाई हैं वहां भी पानी के सोर्स को लेकर विवाद हैं। मोदी सरकार ने कहा कि इसे स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी से पास कराके भेजें। सरकार इस पर काम कर रही हैं। उन्होंने महेश्वर सिंह पर भी तंज कसा व कहा कि ये विवाद हो सकता हो महेश्वर सिंह ने ही खड़ा करवाया हो।
हिलोपा से भाजपा सदस्य बने महेश्वर सिंह ने कहा कि विवाद को पहले क्यों नहीं सुलझाया गया। आधी अधूरी योजनाएं भेजोगे तो वो कैसे मंजूर होंगी। इसी तरह भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ने भी सरकार को घेरने का प्रयास किया व प्रक्रिया का सवाल उठाया।
कौल सिंह ने केंद्र को भेजी डीपीआर का ब्योरा देना शुरू किया तो बीजेपी सदस्यों ने कहा कि ये उनकी समय की डीपीआर हैं। कौल सिंह ने महेंद्र सिंह की ओर मुखातिब होकर कहा कि ‘ट्राई टू अंडरस्टैंड’।
महेश्वर सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि जिन अफसरों ने आधी अधूरी परियोजनाएं भेजी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होंगी। कौल सिंह ने कहा कि आपतियां बाद में आती हैं। भाजपा विधायक रविंद्र रवि को कौल सिंह ने कन्फयूज बताया था इस पर रविंद्र सिंह रवि ने पलटवार किया कि कन्फयूज वो नहीं सरकार हैं। अगर वीरभ्द्र सरकार अधूरी योजनाएं भेजकर गलत काम करेंगी तो मोदी सरकार आंख मूंद कर थोड़े ही न बैठी हैं।
इस बीच स्वां नदी का मसला भी उठा । कौल सिंह ने इस मसले पर मोदी सरकार को घेरा व कहा कि मोदी सरकार ने बैकट्रैक किया हैं स्वां नदी पर प्रदेश सरकार ने अपने बजट से पैसा लगाया हैं। भाजपा सदस्यों ने कहा कि जहां से काम होना था वहां से काम नहीं किया गया।
उधर, कांग्रेस के विधायक संजय रतन के सवाल के जवाब में पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि ३० नवंबर २०१६ तक विभिन्न ब्लॉकों में ३९५ करोड़ रुपया पड़ा हैं जो खर्च नहीं हुआ हैं। संजय रतन ने कहा था कि ब्लॉक में सीमेंट नहीं मिल रहा हैं। उन्होंने खाद्य आपूर्ति मंत्री जी एस बाली को इशारों इशारों में लपेटते हुआ कहा कि सीविल सप्लाई कारपोरेशन तीन तीन- चार चार महीने तक सीमेंट मुहैया नहीं करा पा रहा हैं।इसलिए खुले बाजार से सीमेंट खरीदने की इजाजत दी जाए।
मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि खुले बाजार में सीमेंट की कीमतें ज्यादा हैं ये संभव नहीं हैं। ३८ करोड़ की मांग की थी लेकिन १० करोड़ का ही सीमेंट मिला।गौर हो कि सिविल सप्लाई कारपोरेशन बाली के अधीन हैं।
भाजपा विधायक बिंदल ने प्लानिंग के हैड में पैसे पड़े होने का मसला उठाया व कहा कि सिरमौर में २१ करोड़ रुपया पड़ा हुआ हैं। डीसी व बीडीओ से १५ -१५ बैठकें हो चकी हैं लेकिन ५० हजार रुपए भी ,खर्च नहीं हुआ। मंत्री ने कहा कि इस बावत बीडियो व डीसी को निर्देश दिए जाएंगे।
उन्होंने स्वच्छता अभियान को लेकर भी पूरक सवाल पूछा। इस बीच नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने भी खर्च न हुए पैसे को लेकर कहा कि अरबों रुपया पड़ा हैं। इस बीच में मुख्यमंत्री वीरभद्र बोल पड़े अरबों । अरबों नहीं हैं। धूमल इस तरह टोके जाने पर मुख्यमंत्री पर पलटवार किया कि पांच दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने उसे भी एक टर्म में गिन लिया। सीएम से पूछा कितने करोड़ का होता हैं एक अरब।
धूमल ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कहलवा दिया कि प्रदेश खुला शैच मुक्त हो गया हैं। अवार्ड भी मिल गया हैं। उन्होंने कहा कि जो पैसा ब्लाकां में पड़ा हैं उसे स्वच्छता अभियान के तहत खर्च किया ताकि जो खुले शौच को लेकर जो झूठा दावा किया हैं उसे सचा किया जा सके।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस तरह घेरे जाने पर तुरंत बोल पड़े ये हिमाचल की उपलब्धि हैं। उन्होंने कहा कि ये अवार्ड मोदी सरकार ने दिया हैं। मोदी सरकार की टीम यहां आई थी मुआयना कर के गई उसके बाद आपकी केंद्र की सरकार ने दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हो सकता है कि कहीं पर त्रुटि रही हो इसके लिए एक महीने में काम करा लिया जाएगा।
(0)