शिमला।भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में मुख्यमंत्री व मंत्रियों के दिल्ली दौरों को लेकर पूदे सवाल के मसले परद सरकार को घेर दिया। उन्होंने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत कहा कि २०१४ में प्रश्न पूछा था कि १ जनवरी २०१३ से अक्तूबर २०१४ तक मुख्यमंत्री व मंत्रियों के दिल्ली प्रवास का ब्योरा दें। लेकिन आज तक इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया हें। हर बार यही जवाब आता हैं कि सूचनाएं एकत्रित की जा रही हैं।
उन्होंने स्पीकर बृज बिहारी बुटेल से आग्रह किया कि सरकार को आदेश दे कि सूचनाएं मुहैया कराई जाए। इस बीच उनकी स्पीकर के साथ तनातनी भी हो गई। स्पीकर कहा कि वो इस मामले में सरकार से जवाब लेंगे। लेकिन रणधीर शर्मा इस बात पर अड़ गए कि सरकार से सदन में पूछा जाए। इसके लिए स्पीकर राजी नहीं हुए।
मामला उलझता देख मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दखल दिया व कहा सत्र के बाद विधायक को सूचनाएं मुहैया करा दी जाएगी। रणधीर शर्मा ने कहा इसी सेशन में दी जाए।
आखिर में मुख्यमंत्री को झुकना पड़ा व उन्होंने कहा कि ये कोई छुपाने वाली बात नहीं हैं ये ओपन हैं । सूचना क्यों नहीं दी गई ये उन्हें मालूम नहीं हैं।। लेकिन इसी सेशन में ये सूचना सदन में दे दी जाएगी। रणधीर शर्मा तब कहीं जाकर माने।
इसी के बाद रविंद्र रवि ने भी प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत मसला उठा दिया कि प्रदेश में एक नया चलन चला हुआ हैं। जूनियर अफसर को चीफ सेक्रेटरी लगा दिया गया हैं । इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्ट्रांग स्टेंड ले लिया व रविंद्र सिंह से कहा कि आपका सब्जेक्ट नहीं हैं। ब्यूरोक्रेसी को डिमोरलाइज करने की कोशिश हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौर तलब हो कि वी सी फारका को पिछले साल पांच अफसरें को पीछे धकेल कर चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बिठा दिया था।
सीएम ने बुअेल से भी कहा कि इस मसले को विधानसभा की कार्यवाही से एक्सपंज किया जाए।
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