शिमला। केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की ओर से वरिष्ठ आइएएस अफसर व वीरभद्र सरकार द्धारा प्रधान सलाहकार बनाए गए विनीत चौधरी की याचिका पर दिए आदेश से प्रदेश की टॉप ब्यूरोक्रेसी में हलचल हैं।
अगर चौधरी का मसला सुलटा नहीं तो मुख्य सचिव वी सी फारका समेत प्रधान सचिव व अतिरिक्त मुख्य सचिव के पदों पर प्रमोट किए गए दो दर्जन के करीब अफसरों के मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।बहरहाल कैट ने वीरभद्र सरकार को विनीत चौधरी को चीफ सेक्रेटरी के बराबर लाने व पद के मुताबिक सुविधाएं मुहैया कराने का आदेश देकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया हैं।कैट की सदस्य राजवंत संधू व जस्टिस एमएल सुल्लर ने अपने आदेश से साफ कर दिया हैं कि विनीत चौधरी को नजरअंदाज करना गलत हैं।
चौधरी की याचिका पर अगली सुनवाई १४ मार्च को होनी हैं।
साथ ही आदेश में ये भी कहा है कि अगर सरकार ने कैट के आदेशों की पालना नहीं की तो चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका से चीफ सेक्रेटरी का काम देखने से रोकने पर अगली सुनवाई पर विचार किया जाएगा। सचिवालय के बाबूओं का मानना है कि अगर मामला ऐसे ही आगे बढ़ता रहा तो कहीं ऐसा न हो कि सरकार को अपना सबसे बड़ा बाबू कहीं और शिफ्ट करना पड़े । हालांकि सरकार चाहती हैं कि फारका चुनावों तक चीफ सेक्रेटरी के पद पर बने रहे। आखिर में उन्हें सीआइसी या कहीं और तैनात करने के भी क्यास लगाए जा रहे हैं।
सरकार को १४ मार्च तक स्थगित कर दिया गया हैं। वरिष्ठ आइएएस अफसर विनीत चौधरी की याचिका पर अभी तक सरकार ने जवाब नहीं दिया हैं।
गौर हो कि बीते रोज विधानसभा में भाजपा के विधायक रविंद्र रवि ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत इस मसले को उठाकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया। रविंद्र रवि ने जब ये मसला उठाया तो मुख्य सचिव फारका सदन की अफसर दीर्घा में ही मौजूद थे। टीजी नेगी भी वहीं थे। इस मसले को सदन में उठाने पर मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कड़ा संज्ञान लिया व विरोध भी किया।भाजपा का इस मसले को इस तरह से इतने लंबे समय बाद उठाना अप्रत्याशित था।
हालांकि नेता प्रतिपक्ष धूमल ने कुछ भी नहीं कहा।
उधर सूत्र बताते हैं कि चौधरी ने कैट में फारका के खिलाफ पर्यटन निगम के पूर्व कर्मचारी नेता ओम प्रकाश गोयल की शिकायतों का भी जिक्र किया हैं। गोयल की शिकायत को सीबीआई ने प्रदेश विजीलेंस को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा था। इस पर विजीलेंस ने क्या किया हैं ये किसी को मालूम नहीं हैं।
सरकार ने अपने अंतरिम जवाब में कहा था चौधरी के खिलाफ एम्स में मामले लंबित थे इसलिए चीफ सेक्रेटरीशिप के लिए उनके नाम पर गौर नहीं किया गया था। । अब फारका के खिलाफ भी शिकायत का हवाला कैट में पहुंच गया हैं।
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