शिमला। कांग्रेस पार्टी के एसोसिएट सदस्य बने चारों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा स्पीकर बी बी बुटेल को भेजे साझे जवाब में कहा है कि वो कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे है। वो कांग्रेस में शामिल नहीं हुए है। वह सदन में भी निर्दलीय विधायको के लिए चिन्हित सीटों पर ही बैठते है। ऐसे में उनकी विधायकी को रदद करने की भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज की याचिका को रदद किया जाए।इन चारों विधायकों ने आज अपना जवाब स्पीकर को भेज दिया।
भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने वकील राजेंद्र कुमार किशोर के जरिए स्पीकर से इन विधायकों की विधायकी दल बदलू कानून के तहत रदद करने की मांग की थी। निर्दलीय विधायकों ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान वीरभद्र सिंह सरकार को समर्थन देने का एलान किया था और साथ ही मीडिया को एक विज्ञप्ति जारी थी कि ये चारों सरकार के साथ खड़े है। इन चारों ने इस विज्ञप्ति में नीचे जहां साइन किए था वहां लिखा था कांग्रेस पार्टी के एसोसिएट सदस्य। भरदवाज ने दो सितंबर को फाइल की पटीशन में यही आधार लिया था कि ये अब निर्दलीय नही रहे और कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य बन गए है।इसलिए इनके खिलाफ एंटी डिफेक्शन कानून के तहत कार्रवाई की जाए।
कानून के मुताबिक स्पीकर को चार महीने में इस मामला का निपटारा करना है। स्पीकर ने बीते दिनों इन चारों विधायकों से जवाब मांगा था।विधानसभा में मामले को देख रहे अधिकारी एल एस कंवर ने कहा कि चारों विधायकों नेक आज संयुक्त रूप से जवाब दिया है और सारे आरोपों का नकार दिया है।इन निर्दलीय विधायकों ने ये माना है कि ये वीरभद्र सिंह सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे है।
भाजपा ने इंदौरा से निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान,कांगड़ा से पवन काजल,पावंटा साहिब से किरनेश जंग और चौपाल से बलबीर वर्मा की विधायकी को रदद करने की मांग की थी।ये चारों ही बतौर आजाद प्रत्याशी जीते थे।याचिका में कहा गया था कि इन्होंने जनता के भरोसे के साथ धोखा किया।
64 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के 36, भाजपा के 27,हिलोपा का एक और चार निर्दलीय विधायक है।
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