शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज 18 मार्च को अपना 18वों बजट पेश किया। बजट के दौरान वीरभ्ज्ञद्र सिंह ने शेर शायरी भी की। यहां पढ़े पूरी बजट स्पीच-:
माननीय अध्यक्ष महोदय,
1ण् आपकी अनुमति से मैं, वर्ष 2015-16 के बजट अनुमान प्रस्तुत करता हूँ।
2ण् मेरी सरकार ने दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है तथा इन दो वर्षों में हमारी उपलब्धियाँ क्षेत्र, धर्म, जाति एवं मत से ऊपर उठकर, राज्य के समग्र विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। हम ‘सर्व कल्याण समग्र विकास’ के उद्देश्य के साथ कार्य कर रहे हैं।
3ण् आम आदमी का कल्याण सदैव ही मेरी सरकार की नीतियों का केन्द्र बिन्दु रहा है। सत्ता संभालते ही, हमने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को ृ 450 से बढ़ाकर ृ 500 प्रतिमाह किया तथा वर्तमान वित्त वर्ष में इसे आगे बढ़ाकर ृ 550 प्रतिमाह कर दिया। 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वृद्ध, जो कोई अन्य पैंशन प्राप्त नहीं कर रहे हैं, को बिना किसी आय सीमा के सामाजिक सुरक्षा पैंशन के रूप में प्रति माह ृ 1,000 प्रदान किए जा रहे हैं।
4ण् अध्यक्ष महोदय, सफाई कर्मचारियों, कूड़ा बीनने वालों, ऑटो रिक्शा तथा टैक्सी चालकों को ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ के दायरे में लाया गया है। मेरी सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में इस योजना के तहत 4.48 लाख लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं।
5ण् खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य के 37 लाख लोगों को ‘राजीव गांधी अन्न योजना’ के दायरे में लाया गया है। इन व्यक्तियों को प्रतिमाह ृ 2 प्रति किलोग्राम की दर से 3 किलोग्राम गेहूं और ृ 3 प्रति किलोग्राम की दर से 2 किलोग्राम चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है। सभी बीपीएल परिवारों को पूर्व की भांति ही प्रतिमाह 35 किलोग्राम राशन प्रदान किया जा रहा है।
6ण् विभिन्न योजनाओं के तहत आवास निर्माण के लिये दी जाने वाली वित्तीय सहायता को ृ 48,500 से बढ़ाकर ृ 75,000 किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित परिवारों को मकान की मुरम्मत के लिये दिये जाने वाले आवासीय उपदान को ृ 15,000 से बढ़ाकर ृ 25,000 किया गया है। विभिन्न कल्याण योजनाओं के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये वार्षिक आय सीमा को ृ 20,000 से बढ़ाकर ृ 35,000 किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्गों की ब्तमंउल स्ंलमत की वार्षिक आय सीमा ृ 4 लाख 50 हजार से बढ़ाकर ृ 6 लाख की गई है।
7ण् दिहाड़ी ृ 150 से बढ़ाकर ृ 170 की गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के अतिरिक्त मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सिलाई अध्यापिकाओं के मासिक मानदेय को ृ 1,600 से बढ़ाकर ृ 2,000 किया गया है। अंशकालिक जलवाहकों का मासिक मानदेय ृ 1,300 से बढ़ाकर ृ 1,500 किया गया है। इसी प्रकार, गृह रक्षकों का मानदेय ृ 225 प्रतिदिन से बढ़ाकर ृ 260 प्रतिदिन किया गया।
8ण् पैंशनरों को 65-70 वर्ष, 70-75 वर्ष तथा 75-80 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर क्रमशः 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत पैंशन भत्ता प्रदान किया गया। वर्ष 2014-15 से सैनिकों के परिवारों को दोहरी पारिवारिक पैंशन का लाभ प्रदान किया गया है।
9ण् अध्यक्ष महोदय, सत्ता संभालने के तुरन्त बाद, हमारी सरकार ने कौशल विकास भत्ता जैसी महत्त्वाकांक्षी योजना आरम्भ की। इस योजना के तहत शिक्षित बेरोज़गारों युवाओं के कौशल में वृद्धि कर उन्हें रोज़गार के अवसर मुहैया करवाने के लिए, कौशल भत्ते के रूप में प्रतिमाह ृ 1,000 प्रदान किए जा रहे हैं। अक्षम व्यक्तियों को इस भत्ते के रूप में बढ़ी हुई दर पर प्रतिमाह ृ 1,500 प्रदान किए जा रहे हैं। प्रारम्भिक 2 वर्षों में 64,389 हिमाचली युवा इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित हुए हैं।
10ण् मेरी सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा हटाये गये पी.टी.ए अध्यापकों को न केवल बहाल किया अपितु उनके अनुदान में भी वृद्धि की। मुझे यह सूचित करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि हमने पैरा अध्यापकों की सेवाओं को नियमित किया है तथा पी.टी.ए अध्यापकों की सेवाओं को सरकारी अनुबंध में परिवर्तित कर दिया है।
11ण् प्रदेश में 719 नये विद्यालय खोले/स्तरोन्नत किये गये हैं। दो वर्ष की इस छोटी सी अवधि में ही 14 नये डिग्री कॉलेज भी खोले गये हैं। भारत सरकार की सहायता से तीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के ऊना ज़िले में एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (प्प्प्ज्), सिरमौर ज़िले में एक भारतीय प्रबन्धन संस्थान (प्प्ड) तथा बिलासपुर ज़िले में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (।प्प्डै) भी शीघ्र ही स्थापित किया जा रहा है।
12ण् सरकारी विद्यालयों के 12वीं कक्षा तक के छात्रों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में घर से स्कूल आने तथा वापिस जाने के लिये निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मैं, हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों को भी निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा करता हूँ।
अध्यक्ष महोदय,
‘न जाने अभी कितनी उड़ान बाकी है,
इस परिन्दे में अभी जान बाकी है।’
13ण् अध्यक्ष महोदय, हमें पूर्व सरकार से विशाल वित्तीय देनदारियां विरासत में प्राप्त हुईं हैं क्योंकि तेरहवें वित्तायोग द्वारा कम अन्तरण किया गया। इस वित्तायोग द्वारा जहां दूसरे राज्यों को 12वें वित्तायोग के अवार्ड पर औसतन 126 प्रतिशत की वृद्धि दी गई, वहीं हिमाचल को मात्र 50 प्रतिशत की वृद्धि ही ेदी गई, जोकि देश भर में न्यूनतम थी। इसके परिणामस्वरूप राज्य को पांच वर्षों के दौरान मिलने वाली राशि में ृ 10,725 करोड़ की हानि हुई। इसके अतिरिक्त, 2013-14 और 2014-15 के लिए राजस्व घाटा अनुदान में अत्याधिक कमी की गई।
तथापि, मैं कहना चाहंूगा कि वित्तीय कठिनाईयों के बावजूद, शायद ही कोई वर्ग ऐसा हो, जो हमारी कल्याणकारी नीतियों से किसी न किसी रूप में लाभान्वित न हुआ हो।
यहां मैं कहना चाहूंगा:
‘उठती लहरों को साहिल की दरका़र नहीं होती,
हौंसलों के आगे कोई दीवार नहीं होती।’
14ण् अध्यक्ष महोदय, हमने 14वें वित्तायोग के समक्ष अपने राज्य की वित्तीय स्थिति को सही ढंग से प्रस्तुत किया। हमंे प्रसन्नता है कि 14वें वित्तायोग ने हमारी चिंताओं और कठिनाईयों को ध्यान में रखा और हमें, राजस्व घाटा अनुदान में समुचित वृद्धि दी। लेकिन, केन्द्र सरकार ने राजस्व घाटा अनुदान को जारी करने के लिए शर्तें जोड़ी हैं, जैसे राज्य द्वारा अपना राजस्व बढ़ाया जाना तथा खर्चे घटाकर वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना। अध्यक्ष महोदय, 14वें वित्तायोग ने राज्य को राजस्व घाटा अनुदान की संस्तुति करते समय ऐसी कोई शर्त प्रस्तावित नहीं की थी। केन्द्र सरकार द्वारा इस एकतरफा शर्त लगाने से प्रथम अप्रैल, 2015 से आरम्भ होने वाली अवार्ड समयावधि में प्रदेश की विकासपरक आवश्यकताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
15ण् अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुशासन प्रदान करना मेरी सरकार का मुख्य उद्देश्य है। लोगों को पारदर्शी, जवाबदेह तथा समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत, आवास, परिवहन, गृह तथा स्वास्थ्य विभागों द्वारा 30 और सेवाओं को जनसेवा गांरटी अधिनियम के दायरे में लाया गया है।
16ण् राज्य सरकार ने हाल ही में, सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए हल्फ्नामे लिए जाने की पुरानी प्रथा को समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर प्रार्थी सादे कागज़ पर खुद घोषणा प्रस्तुत कर सकता है। अब हलफ्नामे केवल वहीं देय होंगे जहां कानूनन निहायत ज़रूरी हों। इससे आम जनता के समय तथा पैसे की बचत होगी।
17ण् ‘पेपरलैस’ वातावरण की दिशा में बढ़ते हुए, हमने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर प्रणाली कार्यान्वित की है। हम वर्ष 2015-16 में इसे सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और ज़िला प्रशासन शिमला में पायलट आधार पर कार्यान्वित करने का प्रस्ताव रखते हैं।
18ण् समस्त सरकारी विभागों की प्रापण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में कुछ और विभागों में ई-प्रापण (ई- निविदा) प्रणाली लागू की जाएगी। कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और उनके समुचित अनुश्रवण के लिये वर्ष 2015-16 में लोक निर्माण तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभागों में निविदा प्रक्रिया से लेकर कार्य पूरा होने तक ‘ठेका प्रबन्धन सूचना व्यवस्था’ लागू की जायेगी।
19ण् मुझे सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि विधानसभा और विधानसभा समितियों की कार्यप्रणाली को ‘पेपरलैस’ बनाने के लिये 4 अगस्त, 2014 को ई-विधान प्रणाली आरम्भ की गई। यह बड़ी मात्रा में कागज़ की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध हो रही है। हिमाचल विधानसभा की इस पहल को देश भर में सराहा गया है।
20ण् मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारे राज्य को 13 दिसम्बर, 2014 को हैदराबाद में कम्प्यूटर सोसाईटी ऑफ इण्डिया के 49वें वार्षिक सम्मेलन में ‘‘राजस्व मामला अनुश्रवण प्रणाली (त्ब्डै) परियोजना’’ के लिये प्रतिष्ठित श्ब्ैप्. छपीपसमदज म.ळवअमतदंदबम ।ूंतक 2014श् से सम्मानित किया गया है।
21ण् अध्यक्ष महोदय, भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय लेखा की नई श्रंृखला के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद के वर्ष 2014-15 में (आधार वर्ष 2011) 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही। कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण चालू खाते पर घाटा सहनीय स्तर तक रहा। मुद्रास्फीति में कमी आने व वित्तीय नीतियों की अवस्थिति के कारण निवेशकों का विश्वास पुनर्जीवित हुआ है तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार की आशा से देश का आर्थिक विकास 2015-16 में और इसके आगे अच्छा रहने की सम्भावना है।
22ण् वर्ष 2013-14 में औसत थोक मूल्य सूचकांक (ॅच्प्) मुद्रास्फीति 4 वर्षों के अन्तराल में न्यूनतम स्तर पर लगभग 5 प्रतिशत रही। किन्तु वर्ष 2014-15 में सामान्य से कम मॉनसून के कारण घरेलू खाद्य वस्तुओं का दबाव अधिक रहा। उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (ब्च्प्) से सम्बंधित मुद्रास्फीति लगभग 5.9 प्रतिशत के आसपास बनी रही।
23ण् अध्यक्ष महोदय, अपनी स्थापना के गत 67 वर्षों में हिमाचल ने लम्बी तथा संघर्षपूर्ण विकास यात्रा तय की है। इस समयावधि में राज्य द्वारा विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित की गई उपलब्धियां प्रदेश में सत्तासीन रही विभिन्न कांग्रेस सरकारों के सत्त प्रयासों का परिणाम हैं।
24ण् अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय स्तर पर, आधार वर्ष में संशोधन के कारण, हिमाचल प्रदेश के वृद्धि दर के आकलन की तुलना राष्ट्रीय स्तर के संशोधित आकलन के साथ नहीं की जा सकती। वर्ष 2004-05 के आधार वर्ष के साथ तैयार आकलन के अनुसार वर्ष 2014-15 में राज्य की आर्थिकी के 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि की सम्भावना है। प्रदेश की आर्थिकी की वृद्धि दर की तुलना राष्ट्रीय वृद्धि दर से तभी सम्भव है जब आधार वर्ष 2011-12 के आकलन राज्य स्तर पर भी उपलब्ध करवाए जाएं।
25ण् अग्रिम अनुमानों के अनुसार हिमाचल प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2013-14 के ृ 85,841 करोड़ की तुलना में वर्ष 2014-15 में ृ 95,587 करोड़ होने की संभावना है। वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा यह वर्ष 2013-14 के ृ 95,582 की तुलना में वर्ष 2014-15 में बढ़कर ृ 1,04,943 हो गई है। माननीय सदस्यों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत ृ 88,538 से कहीं अधिक है। अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि के वितरणशील प्रभावों से समस्त क्षेत्र तथा समाज के सभी वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं।
26ण् अध्यक्ष महोदय, योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग के गठन के फलस्वरूप वार्षिक योजना नियोजन प्रक्रिया के जारी रहने के सम्बन्ध में अनिश्चितता की स्थिति बनी रही। फिर भी प्रदेश सरकार ने वर्ष 2015-16, जोकि 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) का चतुर्थ वर्ष है, के लिये वार्षिक योजना को स्वीकृति दी है। वर्ष 2015-16 के लिये ृ 4800 करोड़ का योजना आकार प्रस्तावित है, जोकि वर्ष 2014-15 के योजना आकार की तुलना में ृ 400 करोड़ अधिक है। इसमें अनुसूचित जाति उप योजना के लिये ृ 1209 करोड़, जनजातीय उप योजना के लिये ृ 432 करोड़ तथा पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के लिये ृ 60 करोड़ का प्रावधान है।
अध्यक्ष महोदय, राज्य योजना का वित्तपोषण पूर्ववर्ती योजना आयोग द्वारा किया जाता था। हमें योजना आयोग के स्थान पर स्थापित नीति आयोग से काफी आशाएं थीं। किन्तु हमारी सभी आशाएं मिथ्या सिद्ध हुई हैं। जैसा कि वर्ष 2015-16 के केन्द्रीय बजट से स्पष्ट है, वर्ष 2015-16 से नीति आयोग अथवा केन्द्र सरकार द्वारा हिमाचल राज्य योजना का वित्तपोषण नहीं किया जाएगा।
वर्ष 2015-16 के दौरान राज्य सरकार को सामान्य केन्द्रीय सहायता, विशेष केन्द्रीय सहायता तथा विशेष योजना सहायता के रूप में प्राप्त होेने वाली सम्भावित ृ 3,000 करोड़ की राशि से वंचित रहना पड़ेगा। इसके फलस्वरूप अगले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार को ृ 15,000 से ृ 20,000 करोड़ तक की हानि उठानी पड़ेगी। इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने बहुत सी केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली धनराशि में भी भारी कटौती प्रस्तावित की है तथा कुछ योजनाओं को राज्य सरकारों द्वारा वित्तपोषण हेतु हस्तांतरित कर दिया है जिसके फलस्वरूप प्रदेश के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ना निश्चित है।
अध्यक्ष महोदय,
‘‘ हज़ारों ऐब ढूँढते हैं हम दूसरों में इस तरह,
अपने क़िरदारों में हम लोग, फरिश्ते हों जैसे।’’
27ण् अध्यक्ष महोदय, प्रत्येक विधायक को उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास योजनाओं के अनुमोदन के लिये ‘विधायक क्षेत्रीय विकास निधि योजना’ के अन्तर्गत ृ 50 लाख उपलब्ध करवाये जाते हैं। 23 व 24 जनवरी को आयोजित बजट पूर्व बैठक में अधिकांश विधायकों ने इस सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया था। मैं, उनके आग्रह को स्वीकार करते हुये विधायक निधि को ृ 50 लाख से बढ़ाकर ृ 70 लाख करने की घोषणा करता हूँ परन्तु विधायकों द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में किसानों की आय में वृद्धि के लिये कम से कम ृ 20 लाख की राशि लघु सिंचाई कार्यों, कुहलों, तालाबों तथा कमांद क्षेत्र विकास के अन्य कार्यों पर व्यय करना वांछित होगा।
28ण् अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेश के सामाजिक विकास सूचकांकों में समय के साथ सुधार आया है। विश्व बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट ‘स्केलिंग दी हाईट्स’ में भी इस तथ्य की पुष्टि की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में बिना किसी लिंग भेद तथा जाति भेद के ग्रामीण तथा शहरी, दोनों क्षेत्रों में गरीबों की संख्या में कमी आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में गरीबी का स्तर वर्ष 1993 के 36.8 प्रतिशत की तुलना में चौगुणा कम होकर वर्ष 2011 में 8.5 प्रतिशत रह गया है। यह उपलब्धि देश के किसी भी राज्य की तुलना में श्रेष्ठ है। मैं, प्रदेश के लोगों को गरीबी में कमी लाने के लिए किए गए अथक परिश्रम के लिए बधाई देता हूँ। अब समय है कि हम राज्य में प्रदेशवासियों की समृद्धि हेतु उत्पादकताशील परिसम्पतियों में निवेश कर रोज़गार के अतिरिक्त अवसर प्रदान करने की योजना तैयार करें।
अध्यक्ष महोदय, हम अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता के साथ लेते हैं तथा अपने उद्देश्योें से नहीं भटकते।
‘हम गुब्बारे नहीं जो चन्द फूँकों से फूल जाएं,
कुछ पल हवा में रहके अपने मक़सद को भूल जाएं।’
29ण् बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएं संसाधन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि इन परियोजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश को 90 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत ऋण प्राप्त होता है। वर्तमान में, राज्य में बाह्य वित्तपोषित एजेंसियों की सहायता से कुल ृ 12,040 करोड़ की 8 बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। हाल ही में बागवानी फसलों की पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेन्ट पर विशेष बल देते हुए, उत्पादन तथा विपणन की ृ 1,000 करोड़ की एक नई परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषण के लिये स्वीकृत की गई है।
30ण् अध्यक्ष महोदय, आम जनता को खाद्य वस्तुओं की मूल्य वृद्धि के प्रभावों से बचानेे के लिये मेरी सरकार चितंनशील है। जैसा कि माननीय सदन अवगत है कि हमने राशन कार्ड धारकों को तीन दालें, दो खाद्य तेल तथा आयोडीनयुक्त नमक उपदान पर उपलब्ध करवाने के लिये राज्य उपदान योजना आरम्भ की थी। हम इस खाद्य उपदान योजना को जारी रख्रेगें, जिसके लिए वर्ष 2015-16 में ृ 210 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रावधान प्रस्तावित है।
वर्तमान में तिब्बतियों को गेहूं तथा चावल प्राप्त करने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली के वार्षिक परमिट जारी किए जाते हैं। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि प्रथम अप्रैल, 2015 से सभी तिब्बती परिवारों को अन्य राशन कार्ड धारकों के समान राशन उपलब्ध करवाया जाएगा।
31ण् सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दक्षता लाने तथा चोरी की रोकथाम के लिए मेरी सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्वचालित बनाने के उद्देश्य से ई-पीडीएस नामक एक परियोजना आरम्भ की है। इस परियोजना के अन्तर्गत ृ 14 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। ई-पीडीएस परियोजना वित्त वर्ष 2015-16 में पूरी हो जायेगी तथा सभी पात्र निवासियों को डिजीटल राशन कार्ड जारी किये जाएंगे।
32ण् खाद्यान्न भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिये, मैं वर्ष 2015-16 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को गोदाम/भण्डार निर्माण हेतु अतिरिक्त ृ 4 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
33ण् अध्यक्ष महोदय, किसी ने सही कहा है कि:-
ष्।हतपबनसजनतम पे जीम दवइसमेज व िंसस जीम ंसबीमउल वित पज जनतदे
मंतजी ंदक मअमद उंदनतम जव हवसकए बवदमिततपदह नचवद पजे बनसजपअंजवत जीम ंककपजपवदंस तमूंतक व िीमंसजीष्ण्
मेरी सरकार फसलों की उत्पादकता को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिये प्रतिबद्ध हैै। यह कहना गलत न होगा कि उत्पादन बढ़ाने में सिंचाई की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। अतः, मैं, ‘‘राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना’’ के नाम से एक नई परियोजना लाने का प्रस्ताव रखता हूँ जिस पर 4 वर्षों की समयावधि में ृ 154 करोड़ की लागत आएगी। इस परियोजना के माध्यम से 85,00 हैक्टेयर क्षेत्र को टपक/फुव्वारा सिंचाई प्रणाली के तहत् लाकर 14,000 किसानों को लाभान्वित किया जा सकेगा। किसानों को परियोजना अवधि में ृ 113 करोड़ उपदान के रूप में मिलेंगे।
34ण् प्रदेश के अधिकांश भागों में सिंचाई उद्देश्यों के लिये जल उठाने की आवश्यकता रहती है। किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप मैं घोषणा करता हूँ कि जो भी व्यक्ति अथवा किसान समूह, उठाऊ सिंचाई योजना का निर्माण एवं बोरवैल स्थापित करता है तो उन्हें 50 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। मैं, प्रारम्भिक तौर पर वर्ष 2015-16 में इसके लिए ृ 20 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ। किसानों की वास्तविक मांग के अनुरूप इस राशि में वृद्धि की जाएगी।
35ण् यद्यपि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग ने 1,62,335 हैक्टेयर सिंचाई क्षमता का सृजन किया है किन्तु किसानों के खेतों में अभी 54,546 हैक्टेयर क्षेत्रफल तक ही सिंचाई होती है। इस प्रकार, सृजित क्षमता तथा वास्तविक दोहन के मध्य काफी अन्तर है। ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग तथा बागवानी विभाग द्वारा भी लघु सिंचाई योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इन सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है ताकि सिंचाई का लाभ किसानों तक पहुँच सके। मैं, कृषि मंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई समिति गठित करने का प्रस्ताव रखता हूँ, जिसमेें कृषि, बागवानी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा ग्रामीण विकास विभागों के सचिवों, विभागाध्यक्षों के साथ-साथ सिंचाई क्षेत्र से जुडे़ विशेषज्ञ भी होंगे। यह समिति नियमित रूप से बैठक कर विभिन्न विभागों द्वारा सृजित सिंचाई क्षमता के अधिकाधिक उपयोग के सम्बन्ध में उपयुक्त निर्णय लेगी। यह समिति, प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के समग्र विकास की दिशा में नीतियों का निर्धारण भी करेगी।
36ण् ैवपस भ्मंसजी ैमतअपबमे में सुधार के लिये क्षेत्रवार मिट्टी की उर्वरता के मानचित्र ऑनलाईन उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि किसानों को उनके खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में प्रारंभिक जानकारी मिल सके। मैं, वर्ष 2015-16 में एक लाख किसानों को ैवपस भ्मंसजी ब्ंतक उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ। मैं, प्रदेश के दुर्गम तथा दूर-दराज क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिये 3 नई सचल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं ;डवइपसम ैवपस ज्मेजपदह स्ंइवतंजवतपमेद्ध स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखता हँू।
37ण् प्रदेश सरकार के सत्त प्रयासों तथा नीतियों से बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन बढ़कर 14 लाख टन से अधिक हो गया है, जिससे लगभग ृ 2,500 करोड़ की आय अर्जित हुई है। मै, वर्ष 2015-16 में बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिये ृ 60 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
38ण् हमने ‘‘डा. वाई.एस. परमार किसान स्वरोज़गार योजना’’ आरम्भ की, जिसके अन्तर्गत किसानों को पॉलीहाऊस स्थापित करने के लिये 85 प्रतिशत उपदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। मैं, वर्ष 2015-16 में पॉलीहाऊस के अधीन 2 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र लाने के लिए ृ 30 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ। इससे खेती-बाड़ी से जुड़े लगभग 5,000 बेरोज़गार व्यक्तियों कोे रोज़गार उपलब्ध होगा। मैं, ताप नियत्रिंत सुविधायुक्त हाई-टैक पॉली हाऊस के निर्माण के लिये भी इस योजना के विस्तार का प्रस्ताव रखता हूँ जिसमें प्रयोग होने वाले उपकरणों पर अलग से उपदान उपलब्ध करवाया जाएगा।
39ण् मैं, नियंत्र्रित वातावरण में किसानों द्वारा सब्जी, पौध, फूल एवं अन्य मूल्यवान पौधे उगाने कि लिए ‘‘सब्जी नर्सरी उत्पादन के लिए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना’’ नामक एक नई परियोजना आरम्भ करने का भी प्रस्ताव रखता हूँ ताकि किसानों को बेहतर पौधरोपण सामग्री उपलब्ध करवाई जा सके तथा युवा कृषकों को लाभप्रद रोज़गार मिल सके।
40ण् जैविक खेती समय की मांग है। मैं, आगामी वर्ष में 2,000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को जैविक खेती के अधीन लाने का प्रस्ताव रखता हूँ। वर्ष 2015-16 से आरम्भ कर 200 गांवों को पूर्ण जैविक गांवों के रूप में परिवर्तित किया जायेगा। जैविक खाद की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मैं, 20,000 केचुंआ-खाद इकाईयां स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूँ, जिसके लिए किसानों को 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जायेगी।
41ण् मेरी सरकार ने मौजूदा विपणन बुनियादी ढाचों के सुदृढ़ीकरण तथा नये ढाचों के निर्माण को उच्च प्राथमिकता दी है। मैं, विपणन बोर्ड को, उसके वित्तीय संसाधन बढ़ाने तथा नए विपणन यार्डों के निर्माण के लिए ृ 10 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
42ण् राज्य में चारे का उत्पादन बढ़ाने के लिये मेरी सरकार एक नई योजना ‘‘उत्तम चारा उत्पादन योजना’’ आरम्भ करने का प्रस्ताव रखती है। इस योजना के अन्तर्गत 25,000 हैक्टेयर क्षेत्र को चारा उत्पादन के तहत लाया जायेगा। किसानों को उपदान दरों पर चारा घास के गुणवत्तायुक्त बीज, कलम तथा स्तरोन्नत चारा किस्मों की पौध उपलब्ध करवाई जायेगी। किसानों के लिये चारा काटने की मशीन (टोका मशीन) एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। वर्तमान में, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों को ही चारा काटने की मशीन पर उपदान की सुविधा उपलब्ध है। मैं अब, बीपीएल किसानों को भी इसके लिए उपदान उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूॅँ।
43ण् कृषि मशीनरी के प्रयोग के दौरान किसानों तथा खेतीहर मज़दूरों के घायल होने अथवा उनकी मृत्यु होने की सूरत में उन्हें बीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से मैं, वर्ष 2015-16 में ‘मुख्य मन्त्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना’ नामक एक नवीन योजना आरम्भ करने का प्रस्ताव रखता हूँ। मृत्यु अथवा स्थाई रूप से अपंग होने पर मुआवज़े के रूप में ृ 1.5 लाख तथा आंशिक स्थाई अपंग होने पर प्रभावित को ृ 50,000 तक की सहायता प्रदान की जाएगी। मैं, कृषि विभाग के लिए कुल ृ 450 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
44ण् अध्यक्ष महोदय, अब्राहम लिकंन ने कहा है-
ष्ज्ीम हतमंजमेज पिदम ंतज व ि निजनतम ूवनसक इम जीम उंापदह
व िं बवउवितजंइसम सपअपदह तिवउ ं ेउंसस चपमबम व िसंदकष्
यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि बागवानी उन ललित कलाओं में से एक है जो भूमि के एक छोटे से टुकड़े से आजीविका कमाने में सक्षमता प्रदान कर सकती है।
मेरी सरकार ने सदैव बागवानी के सत्त विकास को अधिमान दिया है। मैं, वर्ष 2015-16 में 3,000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बागवानी फसलों की स्तरोन्नत किस्मों के अधीन लाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
वर्ष 2015-16 में उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से 1,000 हैक्टेयर अतिरिक्त बागवानी क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के अधीन लाया जायेगा।
45ण् बागवानी क्षेत्र में संरक्षित खेती को प्रोत्साहित करने एवं फलों विशेषकर सेब को ओलावृष्टि से बचाने के लिये, राज्य सरकार ने पहले ही ग्रीन हाऊस के अन्तर्गत उपदान को 85 प्रतिशत तथा एंटी हेल नेट पर उपदान को 80 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। मैं, वर्ष 2015-16 में उच्च मूल्य के फलों, फूलों तथा सब्जियों की संरक्षित खेती के तहत् 2 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र तथा एंटी हेल नेट के अधीन 12 लाख वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र लाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
46ण् ष्ऐप्पल रिजुविनेशन प्रोजेक्टष् के दिशा-निर्देशों का सरलीकरण कर उन्हें बागवान हितैषी बनाया गया है। वर्ष 2015-16 में 1,000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को ‘‘रीवैम्पड ऐप्पल रिजुविनेशन’’ परियोजना के अन्तर्गत लाया जाएगा।
सेब की उत्पादकता गुणवत्तायुक्त रूट स्टॉक की उपलब्धता एवं किसान द्वारा उचित बागीचा प्रबन्धन पर निर्भर करती है। उच्च सघन पौधरोपण अपनाने से भी काफी हद तक उत्पादकता में सुधार आएगा। प्रदेश सरकार बागवानों को गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री तथा बागीचा प्रबन्धन की आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। मैं, वर्ष 2015-16 में श्रेष्ठ गुणवत्ता के रूट स्टॉक के आयात के साथ बेहतर बाजार मूल्य की परागणकरता किस्मों (च्वससपदपेमत टंतपमजपमे) के लिए अतिरिक्त ृ 10 करोड़ के बजट का प्रस्ताव रखता हूँ।
बागवानी उत्पाद के परागण में मधुमक्खियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वर्तमान में मधुमक्खी कॉलोनियों पर भारत सरकार द्वारा 40 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। मैं, इस परागण विधि को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त 30 प्रतिशत उपदान उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हँू।
47ण् वर्ष 2014-15 में, मौसम आधारित फसल बीमा योजना जो पहले सेब के लिए 17 खण्डों तक सीमित थी, उसे बढ़ाकर 35 खण्डों तक किया गया। इसी तरह आम की फसल के लिए इस योजना का विस्तार 10 खण्डों से बढ़ाकर 42 खण्डों तक किया गया। इसके अतिरिक्त, आलूबुखारा, आड़ू तथा किन्नू जैसे फलों को भी कुछ खण्डों में बीमा कवर के अधीन लाया गया है। मैं, वर्ष 2015-16 में प्रदेश के सभी खण्डों में इस बीमा योजना के विस्तार का प्रस्ताव रखता हूँ।
48ण् प्रदेश के बागवानों के हित में रोहड़ू, ओडी तथा पतलीकूहल में स्थित शीत भण्डारण केन्द्रों को सी.ए. शीत भण्डारण केन्द्रों में परिवर्तित करने के लिये मैं, हिमाचल प्रदेश विपणन निगम (भ्च्डब्) को ृ 5 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
49ण् अध्यक्ष महोदय,
‘सीख तू फूलों से ग़ाफ़िल मुद्दा-ए-ज़िन्दग़ी,
खुद महकना ही नहीं, गुलशन को महकाना भी है।’
लोगों की आर्थिकी के उत्थान में फूलों की खेती महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हिमाचल के किसानोें ने फूलों की खेती में सराहनीय कार्य किया है। वे फूलों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में दिल्ली तथा अन्य स्थानों को भेजते हैं। वर्तमान में निगम द्वारा फूलों के बड़े डिब्बे के लिये भाड़े के रूप में पूरी टिकट के बराबर तथा छोटे डिब्बों के लिये आधी टिकट के बराबर किराया वसूला जा रहा है। पुष्पोत्पादकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से मैं, इस भाड़े में 50 प्रतिशत की कमी की घोषणा करता हूँ।
मैं, बागवानी विभाग के लिये कुल ृ 268 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
50ण् अध्यक्ष महोदय, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने तथा साथ ही देशी नस्लों के संरक्षण के उद्देश्य से, नई पशु प्रजनन नीति बनाई जा रही है। इस प्रजनन नीति के अन्तर्गत, कृत्रिम गर्भाधान द्वारा पशुओं की देशी एवं पहाड़ी नस्लों के संरक्षण की परिकल्पना की गई है। कृत्रिम गर्भाधान एवं प्रजनन सम्बन्धित अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये ृ 5.71 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
51ण् पशुपालकों को विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मेरी सरकार, ऊना तथा बिलासपुर में पॉली-क्लीनिक स्थापित करने का प्रस्ताव रखती है।
52ण् पशुपालक, पशुओं के अनुपयोगी होने पर उन्हें त्याग देते हैं, जोकि पशुओं के प्रति क्रूरता है। आवारा पशु फसलों को क्षति पहंुचाते हैं। अतः, पशुओं को खुले में छोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना प्रस्तावित है। ऐसे पशु मालिकों की पहचान के लिए पशु गोदने की योजना को दृढ़ता से कार्यान्वित किया जायेगा। हम मन्दिर न्यासों एवं परोपकारी संस्थाओं को गौसदन खोलने के लिए प्रोत्साहित करेगें तथा इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा पर्याप्त सहायता प्रदान की जाएगी।
53ण् मुझे यह घोषणा करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि प्रदेश में दुधारू पशुओं विशेषकर गाय के लिए उपयुक्त नीतियां एवं कार्यक्रम तैयार करने के उद्देश्य से ‘‘गोवँश सम्वर्द्धन बोर्ड’’ गठित किया जाएगा। मैं, वर्ष 2015-16 में इसके लिए ृ 10 करोड़ के ‘रिवॉलविंग फंड’ का प्रस्ताव रखता हूँ।
54ण् हम प्रदेश के भेड़पालकों के कल्याण के लिये कृतसंकल्प हैं। हमने वर्ष 2014-15 में गुणवत्ता आधारित ऊन खरीद मूल्य योजना आरम्भ की थी जिसके अन्तर्गत संकर नस्ल की भेड़ों की ऊन का उच्च मूल्य प्राप्त कर लगभग 10,000 भेड़पालक, लाभान्वित हुए हैं। यह योजना वर्ष 2015-16 में भी जारी रहेगी।
55ण् दुग्ध उत्पादकों को बेहतर विपणन सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से, हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ द्वारा वर्ष 2015-16 में लगभग 240 लाख लीटर दूध एकत्रित किए जाने की सम्भावना है, जिससे दुग्ध उत्पादकों को लगभग ृ 50 करोड़ की आय होगी। नालागढ़, जंगलबैरी तथा रिकांगपिओ में स्थापित किये जा रहे 5,000-5,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध विधायन संयंत्र, वर्ष 2015-16 में कार्य करना आरम्भ कर देगें। मुझे यह घोषणा करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादकोें की आय में वृद्धि के लिए प्रथम अपै्रल, 2015 से दुग्ध के प्रापण मूल्य में ृ एक प्रति लीटर की दर से वृद्धि की जाएगी। वर्ष 2015-16 में मिल्कफैड को ृ 15 करोड़ सहायक अनुदान स्वरूप दिए जाएंगे।
56ण् दुग्ध विपणन किसानों की आय का एक महत्त्वपूर्ण स्त्रोत है। इसलिए दुग्ध सहकारी समितियों को सशक्त किया जाना अनिवार्य है। अतः मैं, दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा दुग्ध विधायन एवं अभिशीतन की इकाईयों की स्थापना हेतु एक नई योजना की घोषणा करता हूँ जिसके अन्तर्गत उन्हें 60 प्रतिशत उपदान उपलब्ध करवाया जाएगा। इन दुग्ध सहकारी समितियों को शेष दूध से घी, पनीर इत्यादि जैसे ठल.चतवकनबज तैयार करने में उपयोग होने वाली मशीनरी एवं सयन्त्रों पर भी उपदान प्रदान किया जायेगा।
मैं, पशुपालन विभाग के लिये कुल ृ 313 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
57ण् अध्यक्ष महोदय, मेरी सरकार मछुआरों की आजीविका सुरक्षित बनाने एवं उनके कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। प्रदेश के सभी 12,427 कार्यशील मछुआरों को, मछुआरा दुर्घटना बीमा योजना के दायरे में लाकर उन्हें राज्य के खर्चे पर प्रीमियम मुक्त बीमा कवर प्रदान किया गया है। मृत्यु अथवा शत-प्रतिशत स्थाई अपंगता की स्थिति में प्रत्येक मछुआरे को ृ 2 लाख तथा आंशिक स्थाई अपंगता की स्थिति में प्रत्येक मछुआरे को ृ एक लाख की बीमा राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त अस्पताल में भर्ती होने पर उन्हें अस्पताल के खर्चों पर ृ 10,000 तक का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है। हमारे जलाशयों में मछली उत्पादन में निरन्तर वृद्धि हो रही है तथा गोबिन्द सागर देशभर में सबसे अधिक मछली उत्पादन करने वाला जलाशय बना हुआ है। अगले वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार, राज्य में और थ्पेी स्ंदकपदह केन्द्र विकसित करेगी तथा पहले से कार्यरत केन्द्रों में भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।
58ण् अध्यक्ष महोदय, वन संरक्षण एवं विकास मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। मुझे माननीय सदन को यह सूचित करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि संघीय जर्मन गणतन्त्र के, के.एफ.डब्लयू बैंक ने वर्ष 2015-16 से 7 वर्षों के लिये चम्बा तथा कंागड़ा ज़िलों में श्भ्च् थ्वतमेज म्बव.ेलेजमउे ब्सपउंजम च्तववपिदह च्तवरमबजश् के लिये ृ 310 करोड़ की सहायता उपलब्ध करवाने पर अपनी सहमति जताई है। हमने जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (श्रप्ब्।) से बाह्य सहायता प्राप्त करने के लिये भी श्भ्च् थ्वतमेज म्बव.ेलेजमउे डंदंहमउमदज – स्पअमसपीववक च्तवरमबजश् प्रस्तुत किया है। लगभग ृ 1,507 करोड़ के परिव्यय के साथ यह परियोजना प्रदेश के 10 जिलों में कार्यान्वित की जाएगी।
59ण् विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित ‘मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना’ राज्य में कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में ृ 60 करोड़ व्यय किए जाएंगे।
60ण् वनों में नमी बनाए रखने तथा जंगल की आग को बुझाने में वन सरोवरों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। अभी तक वन विभाग द्वारा 405 वन सरोवर निर्मित किए गए हैं। मैं, वर्ष 2015-16 में 100 और वन सरोवरों के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूँ।
61ण् अध्यक्ष महोदय, वानरों द्वारा फसलों को नुक्सान पहुंचाने पर मेरी सरकार चिंतित है। राज्य सरकार ने वानरों की समस्या से निजात पाने के लिए उनकी संख्या पर नियन्त्रण पाने हेतु प्रदेश के विभिन्न भागों में 7 वानर नसबंदी केन्द्र स्थापित किए हैं। इसके परिणामस्वरूप, 15-02-2015 तक लगभग 93,000 वानरोें की नसबंदी की गई है। श्भ्ंइपजंज म्दतपबीउमदज च्संदजंजपवद डवकमस जव चतवअपकम दंजनतंस विवक तमेवनतबमे वित त्ीमेने डवदामलेश् नामक एक विस्तृत परियोजना तैयार कर विचार के लिए भारत सरकार को प्रेषित की गई है। हमने, वन्य जीवन (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा- 62 के अन्तर्गत वानरों के ‘निर्यात’ तथा उन्हें ‘पीड़क जन्तु’ घोषित करने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने का मामला भी भारत सरकार से उठाया है।
मैं, वन विभाग के लिए कुल ृ 459 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
62ण् अध्यक्ष महोदय, जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है। राज्य के लोगों के आजीविकोपार्जन पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के दृष्टिगत जलवायु परिवर्तन से सम्बद्ध प्रदेश ज्ञान प्रकोष्ठ (ैजंजम ज्ञदवूसमकहम ब्मसस) को सुदृढ़ किया जाएगा।
63ण् हिमाचल को प्रकृति ने स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण प्रदान किया है। प्रदेश के हरित पर्यावरण को सुरक्षित रखना, संरक्षित करना तथा यथावत बनाए रखना हम सभी का उत्तरदायित्व है। हमें विश्व बैंक से डी.पी.एल-प्प् के तहत 100 मिलियन यू.एस डालर की सहायता प्राप्त हुई है। हमने केन्द्र सरकार के माध्यम से विश्व बैंक को ृ 600 करोड़ का एक और प्रस्ताव प्रेषित किया है, जिससे राज्य, अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए समग्र एवं सतत् आर्थिक विकास की ओर अग्रसर होगा।
64ण् एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (प्ब्क्च्) ृ 35 करोड़ के परिव्यय के साथ बिलासपुर, हमीरपुर तथा सिरमौर ज़िलों में सफलतापूर्वक कार्यान्वित की जा रही है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (छब्क्ब्) ने कंागड़ा, शिमला एवं कुल्लू ज़िलों के लिये ृ 85 करोड़ की तीन नई परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, तथा कार्य प्रगति पर है।
65ण् दक्षता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने के लिये, ई-गवरनैंस पहल के अन्तर्गत समितियों के पंजीकरण से सम्बन्धित कार्य, अनिवार्य दस्तावेज़ों की ऑनलाईन प्रस्तुति, लेखा परीक्षा, इत्यादि के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ सहकारी न्यायालय मामला प्रबन्धन प्रणाली आरम्भ करने का कार्य प्रगति पर है।
66ण् अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेश ने स्वच्छता की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। हमारी सरकार समस्त शेष आवासों को वर्ष 2017 तक ‘‘स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण’’ के दायरे में लाना सुनिश्चित करेगी। वर्ष 2015-16 में राज्य की 477 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन कार्यान्वयन का कार्य किया जायेगा।
67ण् ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा की दृष्टि से, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना’ (मनरेगा) के अन्तर्गत एक वित्त वर्ष में 100 दिवस का सुनिश्चित रोज़गार उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में भारत सरकार द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत धन आबंटन में कमी के कारण इस योजना में कार्य की प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ृ 670 करोड़ के श्रमिक बजट को घटाकर ृ 355 करोड़ कर दिया गया है।
हम मनरेगा के तहत किसानों की निजी भूमि पर जल टैंकों के निर्माण को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। किन्तु, मनरेगा के अन्तर्गत उंजमतपंस बवउचवदमदज पर व्यय की सीमा केवल 40 प्रतिशत ही है। अतः, मैं, किसानों की भूमि पर कच्चे जल टैंकों को ‘‘पॉली-लाईनड् टैंक या पक्का वाटर टैंक’’ में परिवर्तित करने के लिये अतिरिक्त उंजमतपंस पर, प्रदेश की ओर से ृ 20 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
68ण् प्रतिकूल जलवायुगत परिस्थितियों के दुष्प्रभावों में कमी लाने तथा प्राकृतिक संसाधनों को विकसित करने के उद्देश्य से, राज्य में जलागम विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। वर्ष 2015-16 में जलागम विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 40,000 हैक्टेयर क्षेत्र को विकसित किया जाएगा जिसके लिए एकीकृत जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम में लगभग ृ 50 करोड़ व्यय किये जाऐंगे।
69ण् वर्ष 2014-15 में ‘इंदिरा आवास योजना’ तथा ‘राजीव आवास योजना’ के अन्तर्गत 6021 आवास स्वीकृत किये गये। हम वर्ष 2015-16 में विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत ृ 75 करोड़ की लागत से 10,000 आवासों के निर्माण का प्रस्ताव रखते हैं। इस वर्ष हमने सामान्य श्रेणी के बी.पी.एल परिवारों के लिए बजट प्रावधान में बढ़ौतरी की है।
70ण् अध्यक्ष महोदय, मेरी सरकार, प्रदेश में पंचायती राज प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिये वचनबद्ध है। हमने पंचायती राज संस्थाओं/शहरी स्थानीय निकायों को धनराशि के समयबद्ध हस्तांतरण हेतु संस्तुतियां प्रदान करने के उद्देश्य से पांचवें राज्य वित्तायोग का गठन कर दिया है। वर्ष 2015-16 में सरकार राज्य बजट से पंचायतों को ृ 109 करोड़ की राशि जारी करेगी। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2015-16 में 14वें वित्तायोग की संस्तुतियों के अनुरूप पंचायतों को ृ 195 करोड़ जारी किये जाऐंगे।
71ण् हम वर्ष 2015-16 में पंचायत सहायकों के 400 पद भरने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि प्रत्येक पंचायत को कम से कम एक कार्यकर्ता प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त, कनिष्ठ अभियन्ताओं के खाली पड़े सभी पदों को भरा जाएगा।
72ण् बी.पी.एल परिवारों का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। इन परिवारों के गलत चयन की बहुत शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। वर्तमान में गलत चयन के विरूद्ध उपमण्डलाधिकारी के पास याचिका दायर की जा सकती है। लेकिन उपमण्डलाधिकारी के पास गलत चुने गये परिवारों को स्वतः हटाने की शक्तियां नहीं हैं। अब उन्हें स्वतः, जांच उपरांत गलत चयनित परिवारों को बी.पी.एल सूची से हटाने की शक्तियां भी प्रदान की जाएंगी।
मैं, ग्रामीण विकास विभाग के लिये कुल ृ 840 करोड़ तथा पंचायती राज विभाग के लिये कुल ृ 414 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
73ण् अध्यक्ष महोदय, प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबन्धन एवं स्वच्छता एक बड़ी चुनौती है। मेरी सरकार, नीदरलैंड के सहयोग से सुन्दरनगर तथा धर्मशाला समूहों में एक पायलट अध्ययन करेगी। इसी प्रकार, सार्वजनिक-निजी सहभागिता के अन्तर्गत पहाड़ी कस्बों के विकास के लिए, उपरोक्त समूहों में ही केन्द्रीय आर्थिक मामले विभाग के सहयोग से एक और पायलट अध्ययन आरम्भ किया जाएगा।
स्वच्छता में और सुधार के लिए, मेरी सरकार वर्ष 2015-16 में प्रदेश के शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 43 मल निकासी योजनाओं के सम्पर्क, कार्य, रख-रखाव एवं निष्पादन के लिए ृ 30 करोड़ का प्रावधान करेगी।
74ण् प्रदेश में तीव्र गति से हो रहे शहरीकरण के कारण पार्किग की समस्या विकराल हो रही है। हम सार्वजनिक-निजी सहभागिता एवं राज्य सरकार के संसाधनों से पार्किग सुविधा के विस्तार का प्रस्ताव रखते हैं। प्रदेश सरकार, स्थानीय शहरी निकायों द्वारा पार्किग सुविधा विकसित करने की सूरत में, उन्हें परियोजना लागत का 50 प्रतिशत खर्च उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए मैं, ृ 15 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ।
75ण् शिमला, प्रदेश की राजधानी है और यहां बड़ी संख्या में पर्यटक एवं दर्शनार्थी आते हैं। सर्कुलर/कार्ट रोड मुख्य परिवहन मार्ग है। मैं, घोषणा करता हूँ कि इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग द्वारा चौड़ा किया जाएगा ताकि यहां एक साथ दो बसेें निकल सकें। नगर निगम शिमला को, निगम में विलय किए गए क्षेत्रों में चिन्हित अधोसंरचना विकास योजनाओं हेतु ृ 3 करोड़ अतिरिक्त अनुदान के रूप में प्रदान करवाए जाएंगे।
शिमला शहर में आवाजाही में सुधार हेतु केन्द्र सरकार के माध्यम से विश्व बैंक से वित्तपोषण के लिए ृ 1,200 करोड़ की एक परियोजना प्रस्तुत की गई है।
मैं शहरी विकास विभाग के लिए कुल ृ 259 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित करता हूँ।
76ण् अध्यक्ष महोदय, मेरी सरकार ने प्रक्रियाओं के सरलीकरण एवं उन्हें जनहितैषी बनाने हेतु अनेक पग उठाए हैं। योजना स्वीकृति के लिए ऑनलाईन आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया पहले ही आरम्भ कर दी गई है। पहाड़ी राज्य तथा भूमि की कमी के दृष्टिगत, मैं, घोषणा करता हूँ कि सभी योजना क्षेत्रों में मिक्सड् लैंड यूज़ को प्रोत्साहित किया जाएगा।
77ण् सस्ते आवास उपलब्ध करवाना सदैव सरकार की प्राथमिकता रही है, किन्तु गैर वन भूमि उपलब्ध न होना इसमें एक बड़ी बाधा है। तदनुसार, हम एक नई आवास योजना नामतः ‘स्ंदक व्ूदमते ठमबवउम च्ंतजदमते पद क्मअमसवचउमदज ूपजी भ्प्डन्क्।’ आरम्भ कर रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत भू-मालिक जिनके पास ऋण व अन्य किसी विवाद मुक्त तथा एक साथ लगती पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो, वे ‘हाऊसिंग एस्टेट’ विकसित करने के लिए हिमुडा के साथ समझौता कर अपने भू-अधिकार उसे सौंप सकते हैं। इस योजना में भूमि मूल्य बढ़ने से जहां एक ओर भू-मालिक लाभान्वित होंगे, वहीं दूसरी ओर आवास निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध हो जाएगी। इसी प्रकार सरकारी आवास भी इसी पद्धति पर विकसित किए जाएंगे।
78ण् अध्यक्ष महोदय, चम्बा, हमीरपुर, मण्डी और सिरमौर ज़िलों की मुसावियों का डिजीटीकरण कार्य प्रगति पर है। शेष अन्य 8 ज़िलों में डिजीटीकरण कार्य, वर्ष 2015-16 में किया जाएगा। डिजीटीकरण कार्य के पूरा होने पर, आम लोगों को जमाबन्दी तथा मुसावी की नकल हर समय ऑनलाईन उपलब्ध रहेगी।
79ण् मैं, किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों को उनके द्वारा ृ 10 लाख तक की पंजीकृत की जाने वाली ‘मोर्टगेज डीड’ पर स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान पर पूरी छूट देने की घोषणा करता हूँ।
80ण् मुझे यह घोषणा करने हुये भी प्रसन्नता हो रही है कि ृ 7.50 लाख तक के शिक्षा ऋणों को प्राप्त करने के लिए ‘मोर्टगेज डीड’ पर स्टाम्प ड्यूटी तथा पंजीकरण शुल्क में सभी बोनाफाईड हिमाचलवासियों को पूर्ण माफी/छूट प्रदान की जायेगी।
81ण् मैं, पटवार प्रशिक्षण के लिए पटवारी उम्मीदवारों को प्रदान की जा रही छात्रवृति को ृ 1,000 से बढ़ाकर ृ 3,000 करने तथा प्रथम अप्रैल, 2015 से राजस्व अधिकारियों (पंजीयक एवं उप-पंजीयक) के पंजीकरण भत्ते को ृ 200 से बढ़ाकर ृ 2,000 करने की घोषणा करता हूँ।
82ण् हिमाचल प्रदेश आपदा सम्भावित राज्य है। हम, प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में त्वरित एवं समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित बनाने के लिये समुचित पग उठाएंगे। इस उद्देश्य से हम, भूकम्प, अग्नि, बाढ़, डूबने तथा अन्य दुर्घटनाओं इत्यादि के क्षेत्र से सम्बन्धितः विशेषज्ञों के दो बहुउद्देशीय दलों का गठन करेेंगे। मैं, वर्ष 2015-16 में आपदा राहत के लिए ृ 236 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
मैं, राजस्व विभाग के लिए कुल ृ 582 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
83ण् अध्यक्ष महोदय, प्रदेश की 8,411 जलापूर्ति योजनाओं में से 512 जलापूर्ति योजनाओं में स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये, जल उपचार सयन्त्र/फिल्टर बैड नहीं हैं और कहीं-कहीं विद्यमान अधोसंरचना की मुरम्मत की आवश्यकता भी है। अगले तीन वर्षों में सभी 512 जलापूर्ति योजनाओं में उपचार सयन्त्रों के कार्य को पूरा किए जाने का प्रस्ताव है। वर्ष 2015-16 में इसके लिये अतिरिक्त ृ 20 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है। नई योजनाओं के निर्माण में जल उपचार सयन्त्र निर्मित करना भी अनिवार्य बनाया जाएगा।
84ण् वर्ष 2015-16 में हमीरपुर ज़िले के नादौन क्षेत्र में मध्यम सिंचाई परियोजना तथा कंागड़ा ज़िले में फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना के कार्य को गति प्रदान करने के लिए मध्यम सिंचाई के अन्तर्गत ृ 45 करोड़ व्यय किए जाएंगे। क्योंकि कमांद क्षेत्र का अधिकांश कार्य लघु सिंचाई योजनाओं के अधीन किया जाता है, अतः वर्ष 2015-16 में इस क्षेत्र के लिये ृ 154 करोड़ की राशि व्यय कर 3,500 हैक्टेयर क्षेत्र को लघु सिंचाई के अन्तर्गत लाया जाएगा।
85ण् कमांद क्षेत्र विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान किये जाने की आवश्यकता है ताकि किसानों के खेतों तक पानी पहुंच सके। शाहनहर, सिद्धाता सिंचाई परियोजनाओं सहित नादौन एवं बल्ह घाटी (बांया किनारा) मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में कमांद क्षेत्र विकास कार्यों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (।प्ठच्) के अन्तर्गत क्रियान्वित की जा रही 23 लघु सिंचाई योजनाओं के समूह में कमांद क्षेत्र विकास कार्य किये जाऐंगे। मैं, वर्ष 2015-16 में इसके लिए ृ 50 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित करता हूँ।
86ण् प्रदेश के लोगों को सस्ती दरों पर पेयजल तथा किसानों को सस्ती दरोें पर सिंचाई सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए, मैं, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को जलापूर्ति एवं सिंचाई योजनाओं के ऊर्जा शुल्क के भुगतान के लिए ृ 330 करोड़ के प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ।
87ण् विधायकों के साथ बजट पूर्व आयोजित बैठकों में अधिकांश विधायकों द्वारा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा लोक निर्माण विभागों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (क्च्त्) तैयार करने में हो रही देरी का मामला उठाया गया। मैं, वर्ष 2015-16 में क्च्त् तैयार करने के कार्य को आऊटसोर्स करने हेतु समुचित धनराशि उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ, ताकि क्च्त्े समय पर तैयार हो सकें।
88ण् मेरी सरकार ने प्रदेश में बाढ़ संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता दी है। वर्ष 2015-16 में 2000 हैक्टेयर भूमि को बाढ़ से बचाने के लिये ृ 187 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित है। ऊना ज़िला में स्वां नदी तटीकरण तथा कांगड़ा ज़िले की इन्दौरा तहसील में चौंच खड्ड के तटीकरण का कार्य प्रगति पर है। बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत ऊना ज़िले में संतोखगढ़ पुल से पंजाब की सीमा तक स्वां नदी तटीकरण, कुल्लू ज़िले में पलचान से औट तक ब्यास नदी तटीकरण तथा शिमला ज़िले में टिक्करी से हाटकोटी तक पब्बर नदी तटीकरण की क्च्त्े को भारत सरकार से स्वीकृत करवाने के प्रयास जारी हैं।
मैं, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के लिये कुल ृ 2013 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित करता हूँ।
89ण् अध्यक्ष महोदय, हिमाचल प्रदेश में अपार जल सम्पदा है। प्रदेश में 5 मुख्य नदियां तथा उनकी कईं उप नदियां बहती हैं। प्रचुर मात्रा में उपलब्ध यह श्वेत स्वर्ण (जल) बिना दोहन के यूँ ही बह रहा है। अभी तक हमने 9,432 मैगावाट जल विद्युत क्षमता का दोहन किया है, जिसमें से 956 मैगावाट क्षमता का दोहन वर्ष 2014-15 में किया गया है। वर्ष 2015-16 में 1050 मैगावाट अतिरिक्त जल विद्युत क्षमता के दोहन की संभावना है।
प्रायः देखा गया है कि विभिन्न स्वीकृतियों के समय पर प्राप्त न होने से जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है। इसलिए मैं, घोषणा करता हूँ कि हिमाचल प्रदेश जन सेवा गंारटी अधिनियम के तहत जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक स्वीकृतियों/अनापत्ति प्रमाण पत्रों को देने के लिए समय सीमाएं निर्धारित की जाएंगी।
90ण् राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान ने प्रदेश में वृहद सौर ऊर्जा क्षमता आंकी है। अतः, हम अपनी सौर ऊर्जा नीति में आवश्यक सुधार करेंगे ताकि इसमें निवेश को बढ़ावा दिया जा सके। सौर ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक परियोजनाओं के समकक्ष माना जाएगा तथा प्रदेश सरकार वैधानिक एवं भू-सम्बन्धी स्वीकृतियां प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगी। निवेश को आकर्षक एवं सुनिश्चित बनाने के लिये 5 मैगावाट तक की परियोजनाओं पर लगने वाले शुल्क को राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा नियन्त्रित एवं स्वीकृत किया जायेगा तथा दोहन की गई पूर्ण सौर ऊर्जा का क्रय हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा किया जायेगा। इससे स्थानीय उद्यमियों द्वारा बडी संख्या में लघु सौर परियोजनाएं स्थापित करनेे में सहायता मिलेगी।
मुझे यह कहने में प्रसन्नता हो रही है कि हिमाचल प्रदेश को हाल ही मंे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये त्म्.प्छटम्ैज् 2015 में पुरस्कृत किया गया है।
91ण् ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से, हमारी सरकार राज्य में एल.ई.डी प्रोत्साहन कार्यक्रम आरम्भ करने का प्रस्ताव रखती है। घरेलू उपभोक्ताओं को, बाज़ार भाव से कम मूल्य पर 3 एल.ई.डी बल्ब उपलब्ध करवाये जाएंगे तथा उपभोक्ताओं से इनकी कीमत बिजली के बिलों के माध्यम से वसूल की जायेगी। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा इन एल.ई.डी बल्बों का प्रापण केन्द्र सरकार के उपक्रम, म्दमतहल म्ििपबपमदबल ैमतअपबमे स्जकण् से किया जायेगा।
इस योजना का लाभ यह है कि एल.ई.डी बल्ब जिसका प्रति बल्ब बाज़ारी भाव ृ 350 है, वह लगभग ृ 150 प्रति बल्ब उपलब्ध हो जाएगा। आरम्भ में, उपभाक्ताओं को केवल ृ 10 प्रति एल.ई.डी बल्ब देना होगा और शेष राशि की वसूली ृ 10 प्रति बल्ब प्रति माह की दर से अगले महीनों में आने वाले बिजली बिलों के माध्यम से की जायेगी। कार्यालयों, फैक्ट्रियों, होटलों तथा अन्य वाणिज्यिक संस्थानों में इन बल्बों का पूर्ण प्रतिस्थापन किया जायेगा।
समय के साथ, 21 लाख से भी अधिक उपभोक्ताओं को इसके अधीन लाया जायेगा, जिससे ऊर्जा संरक्षण में तो सहायता मिलेगी ही, उपभोक्ताओं को भी ये दीर्घकालिक विद्युत बल्ब प्राप्त होंगे।
92ण् मैं, उपभोक्ताओं को राहत स्वरूप, एल.ई.डी. बल्बों पर मूल्य सवंर्द्धित कर (वैट) को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भी रखता हूँ। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में बायोमास के समुचित उपयोग के लिये, दी एनर्जी एण्ड रिसोर्सिज इन्स्टीट्यूट (ज्म्त्प्) द्वारा प्रमाणित अथवा केन्द्रिय गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्राप्त ऊर्जा दक्ष चूल्हों (म्दमतहल म्ििपबपमदज ब्ीनससंीे) को वैट में छूट प्रदान की जायेगी।
93ण् प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड (भ्च्ैम्ठस्) की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए विभिन्न पग उठाए हैं। राज्य सरकार ने पहले ही बोर्ड की ृ 564 करोड़ की ऋण देनदारियां अपने उपर ली हैं तथा वर्ष 2015-16 में सरकार, भ्च्ैम्ठस् को इस राशि पर लगने वाले ृ 49 करोड़ के ब्याज का भुगतान भी करेगी। प्रदेश सरकार बोर्ड को ृ 50 करोड़ की ईक्विटी भी प्रदान करेगी ताकि बोर्ड, नये खम्भे एवं ट्रांसफार्मर स्थापित कर ग्रामीण लाईनों को स्तरोन्नत कर सके। इसके अतिरिक्त, मैं, प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को उपदान दरों पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिये ृ 380 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा निष्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिये, हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटिड (भ्च्च्ज्ब्स्) द्वारा विभिन्न स्थानों पर उप-केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। भ्च्च्ज्ब्स् द्वारा वर्ष 2015-16 में प्रदेश के विभिन्न नदी क्षेत्रों में निर्माणाधीन नई राज्य जल विद्युत परियोजनाओं से लगभग 150 मैगावाट ऊर्जा निष्पादन व्यवस्था करने की आशा है।
मैं, बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा ऊर्जा विभाग के लिये कुल ृ 1083 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
94ण् अध्यक्ष महोदय, विकास दर बढ़ाने तथा युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर सृजित करने हेतु हमारी सरकार प्रदेश में त्वरित एवं संतुलित औद्योगिकीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। प्रदेश में स्थापित पंजीकृत 40,500 इकाईयों में वर्तमान में लगभग 3 लाख व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध है। राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए, अधोसंरचना विकास महत्त्वपूर्ण है। मैं, राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये ृ 40 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ। इसके अतिरिक्त, बद्दी-बरोटीवाला- नालागढ़ विकास प्राधिकरण को भी विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिये ृ 20 करोड़ उपलब्ध करवाए जाएंगे। विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए, विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत वांछित स्वीकृतियां/नवीकरण के लिए ऑनलाईन प्रणाली विकसित की जाएगी। मुझे यह घोषणा करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि नए उद्योगों से औद्योगिक ‘इनपुट’ पर वर्तमान के 2 प्रतिशत के स्थान पर अब एक प्रतिशत की दर से प्रवेश शुल्क वसूला जायेगा।
95ण् उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने नये उद्योगों हेतु विद्युत शुल्क में कमी करने तथा शुल्क पर अतिरिक्त छूट प्रदान करने का आग्रह किया है। मैंने, उनकी मांग पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया हैै। मुझे यह घोषणा करने हुये प्रसन्नता हो रही है कि निर्धारित एक्सट्रा हाई टैंशन (ईएचटी) श्रेणी उपभोक्ताओं के लिये विद्युत शुल्क को वर्तमान 15 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत किया जाएगा। ईएचटी श्रेणी को छोड़कर, वर्तमान में स्थापित मध्यम तथा बडे उद्योगों के लिये विद्युत शुल्क को वर्तमान 13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत किया जाएगा। इसी प्रकार, प्रदेश में विद्यमान लघु उद्योगों के लिए, मैं, विद्युत शुल्क की वर्तमान दर को 7 प्रतिशत सेे घटाकर 5 प्रतिशत तथा नए लघु उद्योगों के लिए 5 वर्षों तक केवल एक प्रतिशत की दर से विद्युत शुल्क के भुगतान का प्रस्ताव रखता हूँ। मुझे यह घोषणा करते हुये भी प्रसन्नता हो रही है कि ईएचटी श्रेणी सहित किसी भी नये उद्योग, जो 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार प्रदान कर रहा है, से 5 वर्षों तक केवल एक प्रतिशत की दर से विद्युत शुल्क वसूला जाएगा।
96ण् मैंने, वर्ष 2014-15 के बजट अभिभाषण में यह घोषणा की थी कि प्रदेश में अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे। माननीय सदन को यह सूचित करते हुये मुझे प्रसन्नता हो रही हैै कि केन्द्र सरकार की एम.आइ.एल.यू.एस योजना के अन्तर्गत कांगड़ा ज़िले के कन्दरोड़ी तथा ऊना ज़िले के पंडोगा में क्रमशः ृ 107 करोड़ एवं ृ 112 करोड़ की अनुमानित लागत से औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है।
सरकार, ‘उद्यमी विकास योजना’ नामक एक नवीन योजना भी प्रतिपादित करेगी ताकि प्रदेश के स्थानीय युवाओं में उद्यमशीलता विकसित की जा सके।
97ण् त्वरित एवं समयबद्ध स्वीकृतियां सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार राज्य स्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण को सुदृढ़ करेगी। भविष्य में विभिन्न उद्योग लगाने के लिए एक सांझा आवेदन देना होगा। पूरी तरह से भरे हुए इस आवेदन पत्र के प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर, उद्योग लगाने की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। इसे सुनिश्चित करने के लिए आवेदन पत्र ट्रैक प्रणाली स्थापित की जाएगी। इसके अतिरिक्त एकल खिड़की स्वीकृति एवं विभिन्न विभागों द्वारा ऑन लाईन/समयबद्ध स्वीकृतियां प्राप्त होने के उपरांत, डीम्ड स्वीकृति की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
मुझे यह घोषणा करते हुए भी हर्ष हो रहा है कि हरित श्रेणी की जो भी परियोजनाएं अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों/परिसम्पतियों में स्थापित की जाएंगी और जिनके लिए पर्यावरण सम्बन्धित स्वीकृतियाँ वांछित नहीं हैं, को जल एवं वायु अधिनियम के अन्तर्गत स्वप्रमाणित आवेदन के आधार पर ही उद्योग लगाने की स्वीकृति ;ब्वदेमदज जव म्ेजंइसपेीद्ध स्वतः ही मिल जाएगी जबकि वर्तमान में ष्ब्वदेमदज जव म्ेजंइसपेीष् निरीक्षण एवं सत्यापन के आधार पर ही दी जाती है।
98ण् मैं यह भी घोषणा करता हूँ कि मनरेगा में काम करने वालों, जिन्होंने पिछले 12 माह में 50 दिन तक कार्य किया हो, को हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड ;भ्च् ठनपसकपदह – व्जीमत ब्वदेजतनबजपवद ॅवतामते ॅमसंितम ठवंतकद्ध के साथ लाभार्थी के रूप में पंजीकृत किया जायेगा ताकि बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक भी पहुंच सके।
99ण् विनिर्माण क्षेत्र में निवेश हेतु उचित वातावरण सृजित करने के उद्देश्य से, कारखाना अधिनियम, 1948 तथा हिमाचल प्रदेश दुकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1969 के अन्तर्गत आवेदन प्रस्तुत करने, पंजीकरण, लाईसैंस नवीकरण इत्यादि को ऑनलाईन कर दिया गया है। हम, वर्ष 2015-16 में अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत भी ऑनलाईन सेवाओं के विस्तार का प्रस्ताव रखते हैं।
100ण् श्रमिकों तथा उद्योग जगत के मध्य सम्बन्ध सुधार के उद्देश्य से, प्रदेश सरकार उन श्रमिक सम्बन्धित अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव रखती है जो कि बहुत पुराने हैं और जो मालिकों और कर्मचारियों दोनों के हित में नहीं हैं। इस उद्देश्य के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 ;प्दकनेजतपंस क्पेचनजम ।बजए 1947द्ध, कारखाना अधिनियम, 1948 ;थ्ंबजवतपमे ।बजए 1948द्ध, व्यापार संघ अधिनियम, 1926 ;ज्तंकम न्दपवद ।बजए 1926द्ध, ठेका श्रमिक अधिनियम तथा औद्योगिक रोज़गार (स्टेंडिंग ऑर्डर) अधिनियम, 1946;ब्वदजतंबज स्ंइवनत ।बज ंदक प्दकनेजतपंस म्उचसवलउमदज ;ैजंदकपदह व्तकमतद्ध ।बजए 1946द्ध इत्यादि में संशोधन प्रस्तावित हैं।
101ण् प्रदेश में, प्रदेश से बाहर तथा विदेशों में रोज़गार प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं को सही तथा लाभदायक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से मैं, सभी स्थापित ज़िला रोज़गार कार्यालयों में ‘रोज़गार एवं कैरियर गाइडैंस’ की व्यवस्था करने का प्रस्ताव भी रखता हूँ।
102ण् अध्यक्ष महोदय, लोगों को सुरक्षित, विश्वसनीय तथा आरामदायक यात्रा सुविधा प्रदान करना हमारा उद्देश्य है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ने पहले ही 510 नई बसें खरीद ली हैं तथा 800 और नई बसें जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (श्रछछन्त्ड) के अन्तर्गत खरीदी जा रही हैं।
103ण् मालवाहक वाहनों तथा यात्री कांट्रैक्ट कैरिएज वाहनों पर कर का भुगतान आबकारी एवं कराधान विभाग को, जबकि अन्य करों का भुगतान परिवहन विभाग को करना होता है। वाहनों पर लगने वाले कर को एक विभाग के अधीन लाने के उद्देश्य से ।ककपजपवदंस ळववके ज्ंग के अलावा मालवाहक वाहनों तथा यात्री कांट्रैक्ट कैरिएज वाहनों पर लगने वाले पी.जी.टी कर को अब परिवहन विभाग को हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित है। परिवहन विभाग वाहनोें की क्षमता के आधार पर, निर्धारित कर राशि/दर के अनुरूप नवीन वाहन कर अधिनियम तैयार करेगा।
104ण् प्रदेश में नये बस अड्डों का निर्माण तथा स्थापित बस अड्डों को स्तरान्नत किया जाना आवश्यक है। अतः, मैं, परिवहन विभाग को इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ृ 10 करोड़ का बजट उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ। सभी बस अड्डों में यात्रियों की सुविधा के लिए सार्वजनिक शौचालय भी निर्मित किए जाएंगे।
105ण् हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के दृष्टिगत और निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार के उद्देश्य से, मैं, वर्ष 2015-16 में निगम को अनुदान एवं इक्विटी के रूप में ृ 200 करोड़ का बजट उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
106ण् अध्यक्ष महोदय, सड़कें हिमाचल प्रदेश के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय प्रदेश में मात्र 288 किलोमीटर वाहन योग्य सड़कें हीं थी। वर्तमान में प्रदेश में 33,737 किलोमीटर वाहन योग्य सड़कों का नेटवर्क उपलब्ध है, जिससे विकास के नए मार्ग खुले हैं।
107ण् प्रदेश में सड़क अधोसंरचना के विकास में नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश ने नाबार्ड निधि का समुचित उपयोग किया है। हमने ृ 2,000 करोड़ का ऋण प्राप्त कर राज्य में 2,381 परियोजनाएं पूरी की हैं। मुझे माननीय सदन को सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही हैै कि नाबार्ड ने लोक निर्माण विभाग को आर.आई.डी.एफ में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ‘‘सर्वश्रेष्ठ नाबार्ड पाटर््नरशिप अवार्ड’’ से सम्मानित किया है।
108ण् लोक निर्माण विभाग में विनिर्देशन के अनुसार कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित बनाना महत्त्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (च्डळैल्) के अन्तर्गत भारत सरकार, कार्य निष्पादन में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय फनंसपजल डवदपजवते नियुक्त करती है। मैं, घोषणा करता हूँ कि राज्य सरकार भी अन्य कार्यों की गुणवत्ता का अनुश्रवण करने के लिये फनंसपजल डवदपजवते नियुक्त करेगी। मैं, ‘थर्ड पार्टी’ द्वारा नियमित निष्पादन लेखा (त्महनसंत च्मतवितउंदबम ।नकपज) आरम्भ करने का प्रस्ताव रखता हूँ। च्मतवितउंदबम ।नकपज त्मचवतज के आधार पर पुरस्कार एवं प्रोत्साहन की प्रणाली भी आरम्भ की जाएगी।
109ण् गत दो वर्षों के लगातार प्रयासों से, विश्व बैंक सड़क परियोजना के कार्यों में अत्याधिक प्रगति हुई है। परियोजना के अन्तर्गत स्तरोन्यन के लिए स्वीकृत 10 परियोजनाओं में से 6 पूर्ण कर ली गई हैं। एक परियोजना जून, 2015 व अन्य एक की दिसम्बर, 2015 तक पूर्ण होने की सम्भावना है। ठियोग-कोटखाई- हाटकोटी-रोहड़ू तथा घुमारवीं-सरकाघाट सड़क के लिये निविदाएं पुनः आमंत्रित की गई हैं तथा इनकी प्रगति का नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है।
मेरी सरकार ने ृ 3800 करोड़ के, हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियोजना के द्वितीय चरण के विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषण के मामले को भी भारत सरकार से उठाया है।
110ण् अध्यक्ष महोदय, 632 किलोमीटर लम्बाई के पांच नये राष्ट्रीय उच्च मार्गों नामतः, मनाली से सरचू, समदू से ग्राम्फू, पुराना मटौर से मक्लोडगंज, कटोरी बंगलो से भरमौर तथा अम्ब से मुबारकपुर के स्वीकृत होने के फलस्वरूप प्रदेश में अब 1,784 किलोमीटर लम्बाई के कुल 14 राष्ट्रीय उच्च मार्ग हो गये हैं। वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय उच्च मार्गों के विकास एवं मुख्य शहरों में बाई-पास के निर्माण के लिये भू-अधिग्रहण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
111ण् वर्ष 2014-15 में केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय ने केन्द्रीय सड़क निधि के अन्तर्गत राज्य उच्च मार्गों एवं मुख्य ज़िला सड़कों पर रेलवे ओवर ब्रिज तथा पुल निर्माण को प्राथमिकता दी है। तदनुसार, हमने ृ 56 करोड़ लागत के 14 पुल स्वीकृत करवाए हैं। इसके अतिरिक्त, अतंर-राज्यीय सम्पर्क (प्दजमत.ैजंजम ब्वददमबजपअपजल) के लिए भी ृ 37 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। राज्य तथा मुख्य ज़िला मार्गों को चौड़ा करने के लिए समुचित बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। सड़कों को सुरक्षित बनाना तथा दुर्घटनाओं में कमी लाना आवश्यक है। मैं, वर्ष 2015-16 में दुर्घटना सम्भावित स्थलों पर स्टील क्रैश बैरियर लगाने के लिए लिये ृ 50 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
मैं, लोक निर्माण विभाग के लिए ृ 2722 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
112ण् अध्यक्ष महोदय, राज्य में रेल नेटवर्क नगण्य है। मेरी सरकार ने ‘भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी ब्रॉडगेज रेललाईन’ की लागत का 25 प्रतिशत तथा ‘चण्डीगढ़-बद्दी ब्रॉडगेज रेललाईन’ की लागत का 50 प्रतिशत वहन करने पर सहमति दे दी है। ‘भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी ब्रॉडगेज रेललाईन’ पर ृ 2964 करोड़ से भी अधिक तथा ‘चण्डीगढ़-बद्दी ब्रॉडगेज रेललाईन’ पर ृ 1672 करोड़ से भी अधिक लागत आने का अनुमान है।
113ण् अध्यक्ष महोदय, प्रदेश सरकार के राजस्व का मुख्य स्त्रोत आबकारी एवं कराधान है। प्रभावी एवं पारदर्शी कर संग्रह तथा डीलरोें की सुविधा के लिये हिमाचल प्रदेश मूल्य सवंर्द्धित कर नियम, 2005 तथा केन्द्रिय बिक्री कर (हिमाचल प्रदेश) नियम, 1970 के अन्तर्गत सभी पंजीकृत डीलरों के लिए ई-भुगतान को अनिवार्य बनाया जा रहा है।
114ण् प्रदेश सरकार, डीलरों के लिये डीम्ड् एसेसमैंट की एक सरल प्रणाली बनाने का विचार रखती है, जिसके तहत उन्हें नियमित मूल्यांकन प्रक्रिया से नहीं गुज़रना पड़ेगा तथा आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालयों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्हें आबकारी एवं कराधान विभाग की वैबसाईट तथा एस.एम.एस के माध्यम से डीम्ड् एसेसमैंट के बारे में सूचित किया जायेगा। मूल्य सवंर्द्धित कर अधिनियम में आवश्यक संशोधन इसी सत्र में, विधानसभा में लाया जा रहा है।
115ण् माल ढुलाई की प्रक्रिया को परेशानी मुक्त बनाने और बैरियरों पर भीड़-भाड़ रोकने के उद्देश्य से, प्रदेश से बाहर जाने वाले वाहनों को पहले ही बैरियर पर रोकने से छूट प्रदान की गई है। मुझे अब यह घोषणा करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि हिमाचल में प्रवेश कर रहे ट्रकों जिनके पास ढोए जा रहे सामान की पूर्ण आनॅलाईन घोषणा होगी, को भी बैरियर पर अनिवार्य रूप से रूकने की आवश्यकता नहीं होगी। इस सम्बन्ध में, मूल्य सवंर्द्धित कर अधिनियम में आवश्यक संशोधन विधानसभा के इसी सत्र में लाया जा रहा है।
116ण् डीलरों को अलग-अलग अधिनियमों के तहत पृथक लॉग इन आई.डी द्वारा विभिन्न रिटर्न अपलोड करने की कठिनाई से बचाने के लिये, आबकारी एवं कराधान विभाग कॉमन लॉग इन आई.डी उपलब्ध करवाएगा, जिसके माध्यम से डीलर अलग-अलग अधिनियमों के तहत अपनी सभी रिटर्न अपलोड कर सकेगें।
117ण् वर्तमान में ृ 5 लाख से कम कारोबार करने वाले ढाबों, हलवाई, चाय तथा चाट दुकानों को मूल्य सवंर्द्धित कर की अदायगी में छूट है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही हैै कि अब प्रथम अप्रैल, 2015 से ृ 8 लाख तक का कारोबार करने वाले डीलरों को भी मूल्य सवंर्द्धित कर की अदायगी में छूट प्रदान की जाएगी।
118ण् प्रदेश में ृ 25 लाख तक के कारोबार वाले लगभग 47,000 छोटे व्यापारी सरकार को कर देते हैं। यह व्यापारी, दुर्घटना बीमा के दायरे में लाए जाने के लिए आग्रह कर रहे हैं। मैंने उनकी मांग पर गौर किया है और मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि ऐसे व्यापारियों के लिए ृ 2 लाख का समूह दुर्घटना बीमा आरम्भ किया जाएगा, जिसका प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा।
119ण् वर्तमान में ृ 25 लाख तक के कारोबार वाले डीलर जो प्रदेश में ही क्रय-विक्रय करते हैं, को ही मूल्य सवंर्द्धित कर अधिनियम के तहत एकमुश्त कर भुगतान की योजना के दायरे में लाया गया है। मुझे यह घोषणा करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि अन्तर्राज्यीय क्रय-विक्रय करने वाले डीलरों को भी एकमुश्त योजना के दायरे में लाया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में राज्य के छोटे डीलरों को लाभ होगा।
120ण् मुझे यह घोषणा करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि ट्रकों एवं बसों की बॉडी फैब्रीकेशन पर मूल्य सवंर्द्धित कर को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा। निर्यात उद्देश्य के लिये राज्य के अन्दर ही औद्योगिक इनपुट क्रय करने वाले निर्यातकों को अपेक्षित फार्म प्रस्तुत करने पर वस्तु कर में छूट की सुविधा प्रदान की जाएगी। पैकेजड वाटर बोटल पर लगाये गये सी.जी.सी.आर कर को घटाया जाएगा ताकि यह उद्योग अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके। प्रदेश सरकार ने मूल्य सवंर्द्धित कर रिफंड को समयबद्ध करने के लिए पहले ही नियमों में संशोधन कर लिया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डीलरों को निर्धारित समय सीमा के भीतर ही मूल्य सवंर्द्धित कर का रिफंड मिल जाए।
121ण् अध्यक्ष महोदय, हम राज्य में सतत् पर्यटन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। मेरी सरकार ने हाल ही में शिमला तथा आदि-हिमानी में रज्जू मार्गों के निर्माण की स्वीकृति दी है। धर्मशाला-मक्लोडगंज तथा पलचान-रोहतांग रज्जू मार्गों के निर्माण भी विचाराधीन हैं। मैं, प्रदेश में श्री नैना देवी जी, दियोट-सिद्ध, बिजली महादेव तथा न्यूगल जैसे स्थानों पर भी रज्जू मार्गों के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूँ, जिसके लिये वर्ष 2015-16 में निविदा प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी। बशल कंडा (शिमला तथा किन्नौर ज़िलों में) में रज्जू मार्ग एवं अन्य पर्यटन सुविधाओं के लिए व्यवहारिकता अध्ययन (थ्मंेपइपसपजल ैजनकल) भी वर्ष 2015-16 में करवाया जाएगा।
122ण् हम, वर्ष 2015-16 में गांवों में कौशल विकास सहित समुदाय आधारित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा विभिन्न गांवो में लगभग 3000 पुरूषों एवं महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए एशियन विकास बैंक के 62 मिलियन यू.एस डालर के ऋण के अन्तर्गत पर्यटन अधोसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन का प्रस्ताव भी रखते हैं।
123ण् प्रदेश में हवाई उड़ानों हेतु अधिक विमानन कम्पनियों को आकर्षित करने तथा पर्यटन आगमन बढ़ाने के लिए, हमने हाल ही में गैर अनुसूचित एयरलाईनों के लिए एवियेशन टरबाईन फ्यूल पर शुल्क को 27 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में शिमला तथा अन्य पर्यटक स्थलों के समीप नए हैलीपैड विकसित किए जाऐंगे। चण्डीगढ़ से शिमला तथा अन्य पर्यटक स्थलों के लिए, हैलिकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने के लिए निजी कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा।
124ण् जादूगरी तथा सर्कस में दिखाए जाने वाले करतब प्राचीन कलाएं हैं जो लोगों का स्वस्थ मनोरंजन करती हैं। मैं घोषणा करता हूँ कि जादूगरी एवं सर्कस के करतबों के प्रदर्शन पर अगले 10 वर्षों तक मनोरजंन शुल्क में पूर्ण छूट दी जाएगी।
125ण् प्रदेश में साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने कि लिए हम बीड़-बिलिंग में पैरागलाईडिंग विश्व कप आयोजित करने का प्रस्ताव रखते हैं। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए साहसिक खेल नियमों में संशोधन किया जा रहा है। हम आप्रेटरों की सुविधा के लिए वर्तमान एयरो स्पोर्टस नियमों को भी सरल बनाएंगे।
126ण् अध्यक्ष महोदय, मानव संसाधन का विकास शिक्षा पर ही निर्भर करता है। सरकार की प्रगतिशील नीतियों के फलस्वरूप, प्रदेश की शिक्षा दर, जो पूर्ण राज्यत्व प्राप्त करने के समय मात्र 32 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 82.80 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में वर्तमान में 15,428 सरकारी विद्यालय हैं। प्रदेश में, जन्म दर में कमी आने के कारण अब विद्यालय में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आ रही है। इसके दृष्टिगत विद्यालयों की संख्या अब पर्याप्त है। अब, प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार लाने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करेगी क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता में विशेषकर प्राथमिक स्तर पर, गिरावट आ रही है।
127ण् अध्यक्ष महोदय, एडमंड बर्क ने सही कहा है कि-
ष्त्मंकपदह ूपजीवनज तमसिमबजपदह पे
सपाम मंजपदह ूपजीवनज कपहमेजपदहष्
प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए, मेरी सरकार ने 5वीं तथा 8वीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं को पुनः हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड तथा सर्व शिक्षा अभियान के तालमेल से करवाने का निर्णय लिया है। कक्षा तथा विषयवार पठन-पाठन के मानक तैयार कर संकलित किए जाएंगे ताकि प्रत्येक बच्चा कक्षा के अन्त में इन मानकों के अनुरूप ज्ञान अर्जित कर सके। विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को और सुनिश्चित बनाने के लिए स्कूल प्रबन्धन समितियों को सुदृढ़ किया जाएगा।
128ण् शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। बेहतर शिक्षकों की सेवाओं को पहचान प्रदान करने के लिए, मैं घोषणा करता हूँ कि राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को दो वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाएगा। इन शिक्षकों को नकद पुरस्कार के एवज़ में अब एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि प्रदान की जाएगी।
129ण् अध्यक्ष महोदय, अध्यापकों को अपने विषय से सम्बन्धित जानकारी को नियमित रूप से बढ़ाने की आवश्यकता रहती है। इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा ‘स्वंय सिद्धम परियोजना’ आरम्भ की गई है। इसके तहत हमने एक वैबपोर्टल तैयार किया है जिसके माध्यम से अध्यापक 9वीं से 12वीं कक्षा तक के किसी भी विषय से सम्बन्धित उन्हेें पेश आ रही समस्याओं को अपलोड कर सकते हैं। उनके द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान विशेषज्ञ अध्यापकों द्वारा किया जाएगा। इससे अध्यापकों के समय की बचत होगी, क्योंकि उन्हें अपने विद्यालय प्रांगण में ही प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
130ण् विद्यालयों में पठन-पाठन गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2014-15 में राजीव गांधी डिजिटल योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं कक्षाओं के मेधावी छात्रों को 7500 नेटबुक/लैपटाप वितरित किए। मैं, वर्ष 2015-16 में मेधावी छात्रों को 10,000 नेटबुक/लैपटाप वितरित करने का प्रस्ताव रखता हूँ।
131ण् प्रदेश के सभी 10$2 विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कैरियर गाईडैंस/काऊंसलिंग आरम्भ की जाएगी ताकि विद्यार्थियों को उनके लिए उचित प्रशिक्षण एवं व्यवसाय सम्बन्धी मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।
132ण् उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्रदेश में ‘‘राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा)’’ 90ः10 के अनुपात (केन्द्र तथा राज्य का हिस्सा) में कार्यान्वित किया जा रहा है। हमने पहले ही ‘राज्य उच्च शिक्षा परिषद्’ (ैभ्म्ब्) गठित कर दी है। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में पूर्व स्नातक कक्षाओं के लिए समैस्टर एवं ‘च्वाईस बेसड् क्रेडिट सिस्टम’ (ब्ठब्ै) प्रणालियां आरम्भ की गई हैं। वर्ष 2014-15 में रूसा के अन्तर्गत नगरोटा बगवां में एक इजींनियरिंग महाविद्यालय खोला गया है। मेरी सरकार का, वर्ष 2015-16 में रूसा के तहत एक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय, शिमला ज़िला के ज्यूरी में स्थापित करने का प्रस्ताव है। मैं, यह घोषणा भी करता हूँ कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर को पूर्णतः वाई-फाई सुविधायुक्त किया जाएगा, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
133ण् हिमाचल, चित्रकला तथा मूर्तिकला जैसी ललित कलाओं की आश्रयस्थली है। पहाड़ी लघु चित्रकला के लिए हम विश्वविख्यात हैं। समय के साथ इन कलाओं का ह्यस हो रहा है, इसलिए इनका संरक्षण एवं प्रोत्साहन किया जाना आवश्यक है। अतः, मैं, प्रदेश में अलग से एक ललित कला महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव रखता हूँ जहां विज़ुअल और फाईन आटर््स जैसे कि रेखाचित्र एवं चित्रकला, मूर्तिकला तथा अन्य व्यवहारिक कलाएं सिखाई जाएंगी।
मै, शिक्षा विभाग के लिए कुल ृ 5,077 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
134ण् अध्यक्ष महोदय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (प्ज्प्) युवाओं को तकनीकी कौशल उपलब्ध करवाकर रोज़़गार प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान में राजकीय तथा निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की कुल प्रवेश क्षमता लगभग 36,500 है। मैं, इस क्षमता को और बढ़ाने का प्रस्ताव रखता हूँ। स्थापित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में मांग आधारित एवं रोज़गारोन्मुखी ट्रेड आरम्भ करने का प्रस्ताव है, जिससे इनमें 2,500 और छात्र प्रवेश ले पाएंगें। आई.टी.आई स्तर पर तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से, मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि प्रदेश में 10 अत्याधुनिक आई.टी.आई खोले जाऐंगे जिनमें विभिन्न ट्रेडों के स्थान पर एक विशिष्ट ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रत्येक आई.टी.आई में 400 छात्रों की प्रवेश क्षमता होगी।
सोलन ज़िले के नालागढ़ तथा कांगड़ा ज़िले के बड़ोह में स्थापित राजकीय आई.टी.आई को आदर्श आई.टी.आई के रूप में स्तरोन्नत करने का प्रस्ताव है। इसके लिए भारत सरकार से धनराशि की मांग की जाएगी।
135ण् हम प्रदेश के जनजातीय, दुर्गम क्षेत्रों एवं पिछड़ी पंचायतों में निजी क्षेत्र में नई आई.टी.आई की स्थापना को प्रोत्साहित करने के भी इच्छुक हैं। अतः, मैं घोषणा करता हूँ कि इन क्षेत्रों में आई.टी.आई स्थापित करने वाली किसी भी संस्था को ृ एक की सांकेतिक राशि में सरकारी भूमि लीज़ पर उपलब्ध करवाने पर विचार किया जाएगा। यदि आई.टी.आई निजी भूमि पर स्थापित की जाती है तो स्टाम्प ड्यूटी शुल्क का केवल 50 प्रतिशत ही लिया जाएगा। मैं, इन क्षेत्रों में निजी क्षेत्र में आई.टी.आई आरम्भ होने के बाद भवन अनुदान के लिए ृ 10 लाख उपलब्ध करवाने का भी प्रस्ताव रखता हूँ।
136ण् भारत सरकार ने हमारे राज्य के लिए एक क्षेत्रीय महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान (त्टज्प्) स्वीकृत किया है, जिसके लिए मेरी सरकार ने शिमला ज़िले के झुंडला में समुचित भूमि लीज़ पर उपलब्ध करवाई है। शैक्षणिक सत्र 2015-16 से यहां कक्षाएं आरम्भ हो जाएंगी।
137ण् प्रदेश के आई.टी.आई उत्तीर्ण छात्र महाविद्यालयों में प्रवेश पा सकें, इसलिए हम राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् (छब्टज्) द्वारा प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय ट्रेड प्रमाण पत्रों तथा राष्ट्रीय शिक्षार्थन (।चचतमदजपबमेीपच) प्रमाण पत्रों को 10$2 के समकक्ष करने का प्रस्ताव रखते हैं। इसके लिए इन छात्रों को हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा बोर्ड (राज्य ओपन स्कूल) के माध्यम से कुछ अतिरिक्त पेपर उत्तीर्ण करने होंगे।
मैं, तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए कुल ृ 189 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
138ण् मेरी सरकार, मिश्न मोड के माध्यम से प्रदेश के बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार उपलध करवाने तथा उनकी दक्षता में सुधार लाकर रोज़गार क्षमता में वृद्धि के लिए कृतसंकल्प है। मुझे ये घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि राज्य में ‘हिमाचल प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम’ का गठन किया जाएगा जो युवाओं को कुशल बनाने के लिए कौशल आधारित कार्यक्रम तैयार करेगा तथा सार्वजनिक व निजी क्षेत्र को बड़े पैमाने पर युवाओं को कौशल प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित करेगा। कौशल विकास प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार एशियन विकास बैंक के माध्यम से बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं से भी वित्तपोषण की योजना बना रही है ताकि बेरोज़गार युवाओं को लाभप्रद रोज़गार सुनिश्चित बनाने के लिए गुणवत्तायुक्त एवं प्रमाणीकृत कौशल की सुविधा दी जा सके। राज्य के एक लाख बेरोज़गार युवाओें को कुशल बनाने के लिए यह परियोजना 5 वर्षों तक कार्यान्वित की जाएगी।
अध्यक्ष महोदय,
‘हमने जब भी पंख खोले हैं, उड़ानों के लिए
हम चुनौती बन गए हैं, आसमानों के लिए।’
139ण् छात्रों के कौशल में वृद्धि करने तथा रोज़गार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 से 9वीं से 12वीं कक्षाओं में ऑटोमोबाइल, रिटेल, सुरक्षा, आई.टीई.एस, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यटन और कृषि जैसे व्यावसायिक ट्रेड आरम्भ किए गए हैं। मेरी सरकार, वर्ष 2015-16 से इन व्यावसायिक ट्रेडों को 100 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओें में आरम्भ करने का प्रस्ताव रखती है, जिसके लिए लगभग 200 व्यावसायिक शिक्षा अध्यापक नियुक्त किए जाऐंगे।
140ण् मेरी सरकार हिमाचल प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय खोलने के लिए प्रतिष्ठित संस्थाओं को आमंत्रित करने का भी प्रस्ताव रखती है।
141ण् हम अपने ग्रामीण तथा शहरी युवाओं को भी उपयुक्त कौशल प्रदान करना चाहते हैं। हमने, वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (आजीविका योजना) के अन्तर्गत बीपीएल श्रेणी के 8000 ग्रामीण युवाओं तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 5000 शहरी गरीबों के कौशल विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मैं, वर्ष 2015-16 मंे प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही कौशल विकास भत्ता योजना के लिए ृ 100 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
142ण् अध्यक्ष महोदय, ऐसे मन्दिर जिनकी ज़मीनें हिमाचल सरकार को या मुजारों को चली गई हैं और जिनकी माली हालत कमज़ोर है, के रख-रखाव के लिए हमने वर्ष 2014-15 में ृ 5 करोड़ की राशि का रिवालविंग फंड गठित किया। मैं, इसी उद्देश्य से वर्ष 2015-16 में ृ 5 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रावधान प्रस्तावित करता हूँ।
143ण् हिमाचल प्रदेश में प्राचीन मंदिरों, किलों तथा अन्य एतिहासिक स्मारकों की अमूल्य सम्पत्ति है। मेरी सरकार इस धरोहर को भावी पीढ़ियोें के लिए सुरक्षित रखने के लिए कृतसंकल्प है। वर्तमान में ऐसे मंदिरों/स्मारकों की मुरम्मत एवं रख-रखाव के लिए ृ 50 हजार तक की राशि दिए जाने का प्रावधान है जोकि काफी कम है। अतः, मैं कला से परिपूर्ण प्राचीन मंदिरों के पुरातन वैभव को बरकरार रखने के लिए उन्हें आवश्यकतानुसार अनुदान उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
144ण् हमने गत वर्ष एतिहासिक गेयटी थिएटर में ‘‘शिमला सेलिब्रेटस’’ विषय वस्तु के अन्तर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की थी, जिसे पर्यटकों, कलाकारों और स्थानीय निवासियों द्वारा काफी सराहा गया। मैं, ऐसे कार्यक्रमों को सभागारों के साथ-साथ खुले स्थानों पर भी आयोजित करवाए जाने का प्रस्ताव रखता हूँ ताकि बड़ी संख्या में लोग इनका आनंद उठा सकें।
145ण् हम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सभी ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, अन्तरंग सभागारों (प्दकववत ।नकपजवतपनउ) के निर्माण के इच्छुक हैं। इसके लिए, मैं वर्ष 2015-16 में ृ 25 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
146ण् अध्यक्ष महोदय, मेरी सरकार युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र पुनर्निर्माण तथा सामाजिक कुरितियों के उन्मूलन की दिशा में मोड़ना चाहती है। मेरी सरकार सभी ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलबध नहीं है, बहुद्देशीय अन्तरंग खेल परिसरों का निर्माण करना चाहती है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थानों पर खेल मैदानों तथा खेल छात्रावासों का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसके लिए मैं, वर्ष 2015-16 में ृ 35 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ। मुझे यह घोषणा करते हुए भी प्रसन्नता है कि धर्मशाला में एक फुट्बाल अकादमी स्थापित की जाएगी।
147ण् प्रदेश की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत युवा हैं, जिन्हें आत्म-अभिव्यक्ति और आत्म-विकास के लिए समुचित अवसरों की दरकार है। प्रदेश में युवा गतिविधियों को बल देनेे के लिए वर्ष 2014-15 में युवा क्लबों के वार्षिक अनुदान को ृ 10,000 से बढ़ाकर ृ 18,000 किया गया था। मैं, वर्ष 2015-16 में इसे बढ़ाकर ृ 20,000 करने का प्रस्ताव रखता हूँ।
148ण् अध्यक्ष महोदय, प्रिंट तथा इलैक्ट्रॉनिक मीडिया, सूचना प्रसार का सबसे सश्क्त माध्यम है। हम सभी जानते हैं कि स्वतन्त्रता संग्राम में हमारे मीडिया ने कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुझे विख्यात उर्दू शायर अकबर अलाहाबादी का एक शेर याद आ रहा है, जो प्रैस के महत्त्व को दर्शाता है-
‘खींचो ना कमानों को, ना तलवार निकालो,
जब तोप मुक़ाबिल हो, तो अख़बार निकालो’
मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 में सभी प्रत्यायित (।बबतमकपजमक) एवं मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए समूह दुर्घटना बीमा कवरेज योजना आरम्भ की जाएगी। सभी प्रत्यायित पत्रकारों को ृ 5 लाख तक तथा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ृ 3 लाख तक समूह दुर्घटना बीमा कवर प्रदान उपलब्ध करवाया जाएगा।
149ण् गत वर्ष के बजट में, मैंने राज्य में प्रेस क्लबों के निर्माण के लिए ृ 1 करोड़ प्रदान करने की घोषणा की थी। मैं, वर्ष 2015-16 में भी इस उद्देश्य के लिए ृ 1 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव करता हँू।
150ण् अध्यक्ष महोदय, मेरी सरकार, राज्य के सभी लोगों को सस्ती एवं गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। मुझे माननीय सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिलासपुर ज़िले में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (।प्प्डैद्ध स्थापित किया जाएगा। नाहन, चम्बा और हमीरपुर में ृ 189-189 करोड़ व्यय कर 3 चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इन महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए हैं तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्टें भी स्वीकृति के लिए प्रेषित की गई हैं।
151ण् सरकार, राज्य में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का भी प्रस्ताव रखती है। प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिए इच्छुक पार्टियों से म्गचतमेेपवद व िप्दजमतमेज आमंत्रित किए जाएंगे।
152ण् ज्मतजपंतल ब्ंतम ैमतअपबमे उपलब्ध करवाने के लिए, इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में ृ 150 करोड़ की लागत से एक सुपर स्पैश्यिलिटी ब्लॉक निर्मित किया जाएगा। मैं, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा, जिला कांगड़ा में ृ 5 करोड़ की लागत से बर्न यूनिट के सुदृढ़ीकरण का भी प्रस्ताव रखता हूँ। प्रदेश के सभी ज़िला अस्पतालों में चरणबद्ध तरीके से बर्न यूनिटें स्थापित की जाएंगी। प्रदेश के जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से, मेरी सरकार सिविल अस्पताल केलांग व काज़ा तथा सिरमौर एवं चम्बा ज़िलों के 25 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोडरा-क्वार में सार्वजनिक-निजी सहभागिता के अन्तर्गत पायलट आधार पर टैली-मेडीसन परियोजना आरम्भ करेगी।
153ण् प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 7,750 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षणोपरान्त गांवो में तैनात किया जाएगा। हम चिकित्सकों के 200 तथा पैरा मैडिकल कर्मियों के 500 पद भरने का प्रस्ताव रखते हैं।
154ण् जीवन शैली परिवर्तन के कारण, मधुमेह जैसे रोग बढ़ रहे हैं। मैं, स्वास्थ्य उप-केन्द्रों के स्तर तक रक्त शर्करा परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
155ण् विश्व बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में प्रदेश में वृद्धों की बढ़ रही जनसंख्या की ओर इंगित किया गया है। चम्बा, किन्नौर तथा लाहौल एवं स्पीति के ज़िला अस्पतालों में पहले ही बुजुर्गों के लिए तीन वार्ड बनाए गए हैं। शेष सभी ज़िलों में भी ऐसे वार्ड आरम्भ किए जाएंगे।
156ण् अध्यक्ष महोदय, एकल नारियां तथा 80 वर्ष से अधिक आयु वालेे वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों में सबसे असुरक्षित समूह हैं। मैं, उन एकल नारियों एवं 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अथवा किसी अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के दायरे में नहीं आते, के लिए ‘मुख्य मन्त्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना’ आरम्भ करने की घोषणा करता हूँ। इसके लिए कोई आय सीमा निर्धारित नहीं होगी।
अध्यक्ष महोदय,
‘बहुत ही आसान है, ज़मीं पर आलीशान मकान बना लेना
दिल में जगह बनाने में, ज़िन्दगी गुज़र जाती है।’
157ण् बच्चे हमारा भविष्य हैं और उनके स्वास्थ्य की देखभाल अत्यन्त ज़रूरी है। मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि हम शिक्षण संस्थानों में बच्चों की स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं की जांच हेतु समर्पित सचल स्वास्थ्य दलों को भेजेंगे। इन रोगी बच्चों का सरकारी तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में निशुःल्क उपचार किया जाएगा। मैं, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए कुल ृ 1478 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
158ण् आयुर्वैद विभाग प्रदेश में अपने सुदृढ़ संस्थागत नेटवर्क के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुझे माननीय सदन को सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने शैक्षणिक सत्र 2015-16 से राजीव गाँधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वैदिक महाविद्यालय, पपरोला में बी.ए.एम.एस. सीटों को 50 से बढ़ाकर 60 कर दिया है।
मैं आयुर्वेद विभाग के लिए कुल ृ 218 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित करता हूँ।
159ण् मेरी सरकार प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। वर्तमान में, महिलाओं के लिए स्वयं रोज़गार योजना के अन्तर्गत, ृ 35,000 तक वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं को छोटे कारोबार आरम्भ करने के लिए ृ 2,500 की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 में इस वित्तीय सहायता को बढ़ाकर ृ 5,000 कर दिया जाएगा।
160ण् अध्यक्ष महोदय, 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे राज्य में बाल लिंगानुपात (0-6 आयुवर्ग में) 1000ः909 है, जो कि बालिका विरोधी है। हालांकि, 2001 की जनगणना के 1000ः896 बाल लिंगानुपात के दृष्टिगत इसमें थोड़ा सुधार हुआ है। किन्तु, विशेषकर पंजाब से सटे प्रदेश के क्षेत्रों में स्थिति काफी खराब है, जहां बाल लिंगानुपात अत्याधिक प्रतिकूल है। अतः, इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस कुप्रथा पर नियंत्रण पाने हेतु, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं तथा ग्राम स्तरीय अनुश्रवण सहायता समितियों के माध्यम से गर्भावस्था पर निगरानी रखने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी। प्रदेश में पी.एन.डी.टी अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। कन्या के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए अभियान आरम्भ किया जाएगा। इस समस्या से निपटने के लिए सदन के माननीय सदस्यों से भी उनके बहुमूल्य सुझाव वांछित हैं।
161ण् बालिकाओं के प्रति सकारात्मक मानसिकता विकसित करने के लिए, मैं, घोषणा करता हूँ कि दो बालिकाओं तक के ऐसे परिवार जिनमें कोई लड़का नहीं हैं, की लड़कियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। 6 वर्ष तक की सभी बालिकाओं को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की भी मैं घोषणा करता हूँ।
162ण् अध्यक्ष महोदय, मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि ‘इन्दिरा गंाधी बालिका सुरक्षा योजना’ के अन्तर्गत एक कन्या के उपरांत स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन को ृ 25,000 से बढ़ाकर ृ 35,000 तथा दो कन्याओं के उपरान्त स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन को ृ 20,000 से बढ़ाकर ृ 25,000 किया जाएगा।
163ण् वर्तमान में, ‘बेटी है अनमोल’ योजना के अन्तर्गत दो कन्याओं तक के बीपीएल परिवारों की कन्याओं को पहली से 12वीं कक्षा तक ृ 300 से लेकर ृ 1,500 प्रति माह प्रति कन्या छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 से इस छात्रवृत्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। मैं यह घोषणा भी करता हूँ कि बाल गृह में शिक्षा पूरी करने के पश्चात् बाल गृह छोड़ गई कन्याओं की आगे की पढ़ाई के लिए किसी भी सरकारी संस्थान में प्रवेश लेने पर, पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
164ण् हिमाचल प्रदेश में बच्चों में कुपोषण की गम्भीर समस्या है। इस समस्या के निदान के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा। मध्याह्न भोजन योजना में सुधार लाया जाएगा। छात्रों की माताएं बच्चों को दिए जाने वाले भोजन का निर्धारण करेंगी तथा बारी-बारी से माताएं विद्यालय में भोजन तैयार करने और परोसने के कार्य का निरीक्षण करेंगी। विद्यालयों तथा आंगनवाड़ियों में नियमित तौर पर स्वास्थ्य निरीक्षण किए जाएंगे। समेकित बाल विकास योजना में बच्चों तथा धातृ महिलाओं को पोषाहार वितरण के कार्य का वार्ड समितियों की सहायता से अनुश्रवण किया जाएगा तथा इस बारे ग्राम पंचायतों को नियमित तौर पर सूचना दी जाएगी। पूरे प्रदेश में खान-पान की आदतों, साफ-सफाई तथा बीमारियों के सम्बन्ध में सघन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसके लिए मैं समुचित बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ। कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञों की एक सलाहाकार समिति गठित की जाएगी।
मैं, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए कुल ृ 371 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
165ण् अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार समाज के शोषित एवं कमज़ोर वर्गों के उत्थान के प्रति कृतसंकल्प है। वर्तमान में हम विभिन्न पैंशन योजनाओं के अन्तर्गत, अलग-अलग श्रेणियों के 3,04,921 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान कर रहे हैं। इन सभी श्रेणियों को हमारी सहायता पूरे उत्साह के साथ जारी रहेगी। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 में वृद्धों तथा विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा पैंशन को ृ 550 से बढ़कर ृ 600 प्रतिमाह तथा 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों की पैंशन को ृ 750 से बढ़ाकर ृ 1,100 प्रतिमाह किया जाएगा। 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति जो कोई अन्य पैंशन प्राप्त नहीं कर रहे हैं, की पैंशन को ृ 1,000 से बढ़ाकर ृ 1,100 प्रतिमाह किया जाएगा। सामाजिक सुरक्षा पैंशन के लम्बित सभी 35,000 मामलों पर शीघ्र निर्णय लेकर पात्र आवेदकों के पक्ष में प्रथम अप्रैल, 2015 से पैंशन स्वीकृत कर दी जाएगी।
मैं, वर्ष 2015-16 में सामाजिक सुरक्षा के लिए ृ 317 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
166ण् प्रदेश सरकार ‘बुज़ुर्ग व्यक्तियों के लिए एकीकृत योजना’ (प्दजमहतंजमक ैबीमउम वित व्सकमत च्मतेवदे) में बदलाव करने का प्रस्ताव रखती है ताकि गैर लाभकारी संस्थाओं के माध्यम से बुज़ुर्गों को बसेरा, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। मैं, इन संस्थाओं को परियोजना लागत का 80 प्रतिशत, अधिकतम ृ एक करोड़ तक, सहायता अनुदान उपलब्ध करवाने का भी प्रस्ताव रखता हूँ।
167ण् वर्तमान में ‘फॅालोअप कार्यक्रम’ के अन्तर्गत योजना के तहत स्वरोज़गार के लिए सिलाई मशीन खरीदने हेतु ृ 1,200 प्रति लाभार्थी उपलब्ध करवाया जा रहा है जबकि शेष लागत लाभार्थी द्वारा वहन की जा रही है। मैं इस सहायता अनुदान को बढ़ाकर ृ 1,800 करने की घोषणा करता हूँ।
168ण् अध्यक्ष महोदय, अल्पसंख्यकों का कल्याण सदैव मेरी सरकार की प्राथमिकता रही है। हिमाचल प्रदेश में उनके विकास एवं कल्याण के लिए हमने विशेष प्रयास किए हैं और मुझे यह दावा करते हुए कोई संकोच नहीं है कि हमारे प्रदेश का साम्प्रदायिक सौहार्द, देश के अन्य राज्यों का मार्गदर्शन कर सकता है। इस संकल्प के साथ आगे बढ़ते हुए, अल्पसंख्यकों के समग्र विकास विशेषकर उनकी शैक्षणिक एवं स्वरोज़गार स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए, मैं, वर्ष 2015-16 में ृ 2 करोड़ के सरकारी अंशदान के साथ कॉर्पस फंड स्थापित करने की घोषणा करता हूँ।
169ण् मेरी सरकार मानसिक रूप से अक्षम बच्चों की शिक्षा एवं पुनर्वास को लेकर बेहद चिंतित है। इनकी शिक्षा एवं पुनर्वास में प्रेम आश्रम ऊना द्वारा निभाई जा रही महत्त्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत, इस आश्रम की वर्तमान 30 बच्चों की क्षमता बढ़ाकर 50 कर दी गई है। हम प्रत्येक ऐसे बच्चे के अनुदान को ृ 3,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर ृ 4,500 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव रखते हैं। मेरी सरकार, मानसिक रूप से अक्षम, मूक एवं बधिर तथा अनाथ बच्चों के लिए आश्रय बनाने वाले निजी संस्थानों को अनुदान उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव भी रखती है। हम शिमला ज़िले के हीरानगर में इतनी ही क्षमता का एक और संस्थान आरम्भ करने का प्रस्ताव रखते हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न आश्रमों में विशेषज्ञता-प्राप्त अध्यापकों के खाली पड़े सभी पदों को भरा जाएगा। इन आश्रमों के भवनों की मुरम्मत तथा स्तरोन्यन की आवश्यकता है। मैं, इन भवनों की मुरम्मत, जीर्णोद्धार एवं विस्तार के लिए ृ 5 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
अतिरिक्त शिक्षा सहायता के रूप में, मैं, सरकारी विद्यालयों/संस्थानों में शिक्षा प्राप्त कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को ‘टाकिंग लैपटॉप’ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
170ण् राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम श्रेणी की सिविल सेवाओं में हिमाचलवासियों का प्रतिनिधित्व काफी कम है। अभ्यार्थियों की सुविधा के लिए मुझेे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हिमाचल के मूल निवासियों को कोचिंग सहायता के रूप में प्रति उम्मीदवार 30,000 प्रदान किए जाएंगें।
हिमाचल प्रदेश सरकार, प्प्ज्, प्प्ड में प्रवेश के लिए चुने जाने वाले छात्रों को पूर्व की भान्ति ृ 75,000 का नकद प्रोत्साहन देती रहेगी। ऐसे सभी मेधावी छात्रों को सार्वजनिकि रूप से सम्मानित किया जाएगा।
मैं, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक मामले विभाग के लिए कुल ृ 1,503 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
171ण् अनुसूचित क्षेत्रों का एकसमान एवं संतुलित विकास तथा जनजातीय लोगों का कल्याण, सदैव सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। तदनुसार, मैं वर्ष 2015-16 में जनजातीय उप योजना के लिए ष्ृ 432 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ। जनजातीय क्षेत्रों के लिए, गैर योजना को सम्मिलित करते हुए ृ 985 करोड़ का कुल बजट आवंटन प्रस्तावित है।
172ण् अध्यक्ष महोदय, प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014-15 में ॅवतसक ॅंत टमजमतंदे की वित्तीय सहायता को ृ 750 से बढ़ाकर 2,000 प्रतिमाह किया था। मैं इसे और बढ़ाकर ृ 3,000 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव रखता हूँ।
173ण् मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 में पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए प्रदेश में सैनिक विश्रामगृहों के रख-रखाव एवं मुरम्मत हेतु ृ 2 करोड़ उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मैं, धर्मशाला में ॅंत डमउवतपंस डनेमनउ स्थापित करने के लिए ृ 3 करोड़ देने का प्रस्ताव रखता हूँ।
174ण् हमने पुलिस बल को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में पुलिस आरक्षियों के 800 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की है। अध्यक्ष महोदय, वर्तमान में थाना, पुलिस की मूल इकाई है, जो अपराध प्रबन्धन के अभिलेख, पंजीकरण, जांच और विधिक निपटारे के लिए उत्तरदायी है। हालांकि राज्य में पुलिस थानों की सहायता के लिए 128 पुलिस चौकियां विद्यमान हैं तथापि इनके पास प्राथमिकी दर्ज करने की शक्तियां नहीं हैं। इसके कारण प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लोगों को लम्बी दूरी तय कर पुलिस थाने आना पड़ता है। अतः मैं यह प्रस्ताव करता हूँ कि अब प्रदेश में सभी पुलिस चौकियों को अधीनस्थ पुलिस थाने के रूप में नामित किया जाएगा ताकि इनमें प्राथमिकी दर्ज की जा सके। इन सभी अधीनस्थ पुलिस थानों का पूर्ण कम्प्यूटरीकरण कर इन्हें ब्रॉड बैंड के माध्यम से छंजपवदंस ब्तपउम – ब्तपउपदंस ज्तंबापदह छमजूवता – ैलेजमउे ;ब्ब्ज्छैद्ध परियोजना से जोड़ा जाएगा।
175ण् साईबर स्पेस में अपराध करने वाले अपराधियों की नई नस्ल तैयार हो गई है। हम इस चुनौती से मुस्तैदी के साथ निपटना चाहते हैं जिसके लिए मैं, हिमाचल प्रदेश में ‘ैजंजम व ि।तज ब्मदजतम वित ब्लइमत ैमबनतपजल प्दअमेजपहंजपवदे – प्ददवअंजपवदेष् स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूँ। इसे साईबर अपराध पुलिस थाने के रूप में भी अधिसूचित किया जाएगा।
176ण् प्रदेश के प्रत्येक पुलिस थाने में महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती से, महिलाओं में धीरे-धीरेे विश्वास बढ़ा है। पिछले बजट अभिभाषण में की गई घोषणा के अनुरूप धर्मशाला तथा शिमला में दो पुलिस थाने खोलकर क्रियाशील कर दिए गए हैं। हाल ही में मण्डी में भी पूर्ण महिला पुलिस थाना खोल दिया गया है। इसके अतिरिक्त मेरी सरकार वर्ष 2015-16 में बद्दी तथा कुल्लू में दो और पूर्ण महिला पुलिस थाने खोलने का प्रस्ताव रखती है।
मैं, वर्ष 2015-16 में पुलिस कर्मियों के आवासों के लिए ृ 20 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ। इसके अतिरिक्त, पुलिस थानों के निर्माण व पुनरूद्धार के लिए भी समुचित बजट का प्रावधान किया जाएगा।
177ण् वर्तमान में प्रदेश में टवपबम ।दंसलेपे ंदक क्पहपजंस थ्ंबपसपजल उपलब्ध न होने के कारण टवपबम ंदक क्पहपजंस ेंउचसम प्रदेश से बाहर भेजने पड़ते हैं जिस कारण अपराध अन्वेषण में देरी होती है। मैं, जुन्गा स्थित ैजंजम थ्वतमदेपब ैबपमदबम स्ंइवतंजवतल में एक टवपबम ।दंसलेपे तथा एक क्पहपजंस थ्वतमदेपब क्पअपेपवद सृजित करने का प्रस्ताव रखता हूँ। मैं बिलासपुर में एक डवइपसम थ्वतमदेपब न्दपज स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखता हूँ।
अपनी बेहतर प्रमाणिक उपयोगिता के कारण क्छ। तकनीक विभिन्न आपराधिक एवं सिविल मामलों में पहचान स्थापित करने के लिए आश्यक है। वर्तमान में यह तकनीक ैजंजम थ्वतमदेपब ैबपमदबम स्ंइवतंजवतल जुन्गा में ही उपलब्ध है। हम, इस तकनीक को मण्डी तथा धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय थ्वतमदेपब ैबपमदबम स्ंइवतंजवतपमे में भी स्थापित करने का प्रस्ताव रखते हैं।
178ण् हिमाचल प्रदेश गृह आरक्षी, लोक प्रशासन तथा विभिन्न सरकारी विभागों एवं संस्थाओं को महत्त्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस वर्ष शिमला ज़िला के चौपाल में एक नई गृह आरक्षी कम्पनी खोली गई है। मेरी सरकार ने वर्ष 2014-15 में गृह आरक्षियों के मानदेय को ृ 225 से बढ़ाकर ृ 260 प्रतिदिन कर दिया था। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही हैै कि अब इस मानदेय को बढ़ाकर ृ 280 प्रतिदिन किया जाएगा।
179ण् अध्यक्ष महोदय, अग्निशमन विभाग, आगजनी की घटनाओं, प्राकृतिक तथा मानवजनित आपदाओं में राज्य के लोगों को आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। वर्ष 2015-16 में सरकार, घुमारवीं, सरकाघाट एवं सुन्नी में तीन और अग्निशमन चौकियां स्थापित करने का विचार रखती है।
मैं, वर्ष 2015-16 में पुलिस, गृह आरक्षी एवं अग्निशमन सेवाएं विभाग के लिए कुल ृ 887 करोड़ के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखता हूँ।
180ण् मोटर यातायत से सम्बन्धित मामलों में वृद्धि हो रही है तथा न्यायिक अधिकारियों का अधिकांश समय ऐसे मामलों के निपटारे में ही लग जाता है। अतः, मैं, राज्य में डवइपसम ज्तंििपब डंहपेजतंजमे के 6 पद/न्यायालय सृजित करने का प्रस्ताव रखता हूँ।
181ण् अध्यक्ष महोदय, कर्मचारी, सरकार की शक्तिाशाली भुजाएं हैं। मैं, वर्ष 2015-16 में 5,000 क्रियाशील पदों को भरने की घोषणा करता हूँ।
182ण् वित्तीय कठिनाईयों के बावजूद, हम अपने कर्मचारियों को समय-समय पर उनके देय लाभ प्रदान कर रहे हैं। हाल ही में हमने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को प्रथम जुलाई, 2014 से देय 7 प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा पैंशनरों को 7 प्रतिशत महंगाई राहत जारी की है, जो अप्रैल, 2015 के वेतन/पैंशन के साथ प्रदान की जाएगी। इस पर ृ 400 करोड़ वार्षिक खर्च होंगे।
183ण् सेवाकाल के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को रोज़गार उपलब्ध करवाने के लिए निर्धारित आय सीमा को गत वर्ष हमने ृ 1.25 लाख तक बढ़ा दिया था। अब हमने इस आय सीमा को और बढ़ाकर ृ 1.50 लाख करने का निर्णय लिया है।
184ण् गत वर्ष हमने दिहाड़ी ृ 150 से बढ़ाकर ृ 170 कर दी थी। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2015-16 से दिहाड़ी बढ़ाकर ृ 180 की जाएगी। मैं यह भी घोषणा करता हूँ कि सभी दिहाड़ीदार जो 31 मार्च, 2015 को सात वर्ष का सेवाकाल पूरा कर लेगें, को नियमित कर दिया जाएगा। मुझे यह घोषणा करते हुए भी हर्ष हो रहा है कि 31 मार्च, 2015 को 8 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अंशकालिक कार्यकर्ताओं को दिहाड़ीदार बना दिया जाएगा।
इसी प्रकार हमने अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय ृ 1,300 प्रतिमाह से बढ़ाकर ृ 1,500 प्रतिमाह किया था। मैं, घोषणा करता हूँ कि प्रथम अप्रैल, 2015 से यह मानदेय बढ़ाकर ृ 1,700 प्रतिमाह कर दिया जाएगा।
185ण् वर्तमान में उन अनुबन्ध कर्मचारियों, जिन्होंने 31 मार्च, 2014 तक 6 वर्ष का सेवाकाल पूरा कर लिया है, को नियमित किया जा रहा है। अनुबन्ध कर्मचारी 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने पर नियमित किए जाने की मांग करते आए हैं। मैं, कांग्रेस घोषणा पत्र में किए गए वायदे के अनुरूप यह घोषणा करते हुए हर्ष अनुभव कर रहा हूँ कि 31 मार्च, 2015 को 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले सभी अनुबन्ध कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। इससे इन कर्मचारियों को ृ 75 करोड़ के अतिरिक्त लाभ उपलब्ध होंगे।
अनुबन्ध महिला कर्मचारियों के मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 12 सप्ताह से 16 सप्ताह कर दिया गया था। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि इस अवकाश को प्रथम अप्रैल, 2015 से बढ़ाकर 135 दिन कर दिया जाएगा।
मुझे यह घोषणा करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि दिहाड़ीदार, अंशकालिक कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाएं तथा मिड-डे मील कार्यकर्ता जो ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ के दायरे में नहीं आते, उनको स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए ‘मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के अन्तर्गत लाया जाएगा जिसमें उन्हें ठंेपब ंदक ब्तपजपबंस बीमारियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इससे इस तरह के हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
186ण् सरकारी कर्मचारियों के लिए आवासों की संख्या आवश्यकता से कहीं कम है। जो आवास अभी हैं, उनकी भी मुरम्मत एवं रख-रखाव की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत, मैं, सरकारी कर्मचारियों विशेषकर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए नए आवास निर्माण हेतु ृ 30 करोड़ की अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ। मैं, सरकारी आवासों की मुरम्मत हेतु भी ृ 15 करोड़ की अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रखता हूँ।
187ण् भारत सरकार ने वर्ष 2010 में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए ‘स्वावलम्बन’ नामक एक अंशदायी पैंशन योजना आरम्भ की थी। इस योजना का नामकरण अब ‘अटल पैंशन योजना’ किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कोई भी व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त पैंशन प्राप्त करने का हकदार हो जाएगा अगर वह सालाना ृ 1,000 से लेकर ृ 12,000 तक का अपना अंशदान जमा करवाता है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी राज्य में इस योजना को लागू करने का प्रस्ताव रखती है ताकि मनरेगा कार्यकर्ता, कृषि एवं बागवानी मज़दूर, दुकानों में काम करने वाले तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगार भी इस योजना से लाभान्वित हो सकें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं मिड-डे मील कार्यकर्ता भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। प्रदेश सरकार भी उन कामगारों के, जो इस योजना के अन्तर्गत वर्ष में कम से कम ृ 1,000 का अंशदान करते हैं, खातों में अगले तीन वर्ष तक ृ 1,000 प्रतिवर्ष अंशदान करेगी। प्रदेश सरकार इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करेगी। आरम्भ में मैं, एक लाख ऐसे कामगारों/उपभोक्ताओं के लिए ृ 10 करोड़ के बजट प्रावधान का प्रस्ताव रखता हूँ।
188ण् अध्यक्ष महोदय, अब मैं 2015-16 के लिए मैक्रो ;डंबतवद्ध बजट अनुमानों तथा 2014-15 के संशोधित अनुमानों पर आता हूँ। वर्ष 2014-15 के संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व घाटा 1.61 प्रतिशत तथा वित्तीय घाटा, राज्य सकल घरेलू उत्पाद के 4.01 प्रतिशत रहनेे की संभावना है। वर्ष 2015-16 में राजस्व अधिशेष 0.04 प्रतिशत तथा वित्तीय घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2.91 प्रतिशत रहने की संभावना है। थ्त्ठड अधिनियम की आवश्यकता के अनुरूप मैं वर्ष 2015-16 से 2018-19 की अवधि के लिए प्रदेश सरकार की मध्यावधि वित्तीय योजना अलग से प्रस्तुत कर रहा हूँ। अगले वर्ष के बजट का पूर्ण विवरण इस मान्य सदन में प्रस्तुत किए जा रहे विस्तृत बजट दस्तावेजों में उपलब्ध है।
189ण् वर्ष 2015-16 के लिए कुल ृ 28,339 करोड़ का बजट व्यय अनुमानित है। वेतन पर अनुमानित व्यय ृ 8,285 करोड़, पैंशन पर ृ 4041 करोड़, ब्याज अदायगी पर अनुमानित व्यय ृ 2,950 करोड़, ऋणों की वापसी पर ृ 1,503 करोड़ तथा अन्य ऋणों पर ृ 397 करोड़ एवं रख-रखाव पर ृ 1,838 करोड़ का व्यय अनुमानित है।
190ण् वर्ष 2015-16 के बजट अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां ृ 23,535 करोड़ तथा कुल राजस्व व्यय ृ 23,488 करोड़ अनुमानित है, जिससे ृ 47 करोड़ का राजस्व अधिशेष होगा। सरकार के पूँजी खाते में ृ 3,904 करोड़ तथा लोक लेखा में भविष्य निधि इत्यादि की ृ 900 करोड़ की प्राप्तियां अनुमानित हैं। ऋण की अदायगी सहित कुल पूँजी व्यय ृ 4,851 करोड़ रहने का अनुमान है। वर्ष 2015-16 में वित्तीय घाटा ृ 3,285 करोड़ रहने का अनुमान है।
191ण् इस प्रकार बजट अनुमानों के अनुसार, प्रति ृ 100 व्यय के मुकाबले, ऋण को छोड़कर, केन्द्र से प्राप्त धनराशि सहित प्रदेश की कुल प्राप्तियां ृ 83.11 होगी। ृ 16.89 के इस अन्तर को ऋण द्वारा पूरा किया जाएगा। प्रदेश की राजस्व आय के प्रति ृ 100 में से ृ 26.94 कर राजस्व, ृ 6.41 गैर कर राजस्व, ृ 16.33 केन्द्रीय कर में हिस्सेदारी तथा ृ 50.32 केन्द्रीय अनुदान द्वारा प्राप्त होंगे। व्यय किए गए प्रति ृ 100 में से, वेतन पर ृ 29.23 पैंशन पर ृ 14.26, ब्याज अदायगी पर ृ 10.41, ऋण अदायगी पर ृ 5.30, जबकि शेष ृ 40.80 विकास कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर व्यय किये जाएंगे।
192ण् अध्यक्ष महोदय, अब मैं बजट के मुख्य अंशों का सारांश प्रस्तुत कर रहा हूँ-
ऽ ‘केन्द्रीय विद्यालय’ के छात्रों को भ्त्ज्ब् की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जाएगी।
ऽ सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए, लिए जाने वाले हल्फ्नामे के स्थान पर सादे कागज़ पर प्रार्थी द्वारा स्व घोषणा ही काफी होगी।
ऽ समस्त सरकारी विभागों की प्रापण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए और विभागों में भी ई-प्रापण (ई- निविदा) प्रणाली का विस्तार किया जाएगा।
ऽ सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा लोक निर्माण विभागों में योजनाओं को समय पर पूरा करने तथा उनके समुचित अनुश्रवण के लिए ठेका प्रबन्धन सूचना व्यवस्था आरम्भ होगी।
ऽ विधायक क्षेत्रीय विकास निधि योजना की राशि ृ 50 लाख से बढ़ाकर ृ 70 लाख की गई।
ऽ प्रदेश में फसल प्रबन्धन की ृ 1,000 करोड़ की एक नई परियोजना विश्व बैंक से वित्तपोषण करवाने हेतु स्वीकृत।
ऽ खाद्य उपदान योजना जारी रखने के लिए ृ 210 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित।
ऽ सभी पात्र निवासियों को डिजिटल राशन कार्ड जारी होंगे।
ऽ प्रदेश में खाद्यान्न भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए गोदाम/भण्डार निर्माण हेतु अतिरिक्त ृ 4 करोड़ प्रस्तावित।
ऽ ृ 154 करोड़ की ‘राजीव गांधी सूक्ष्म-सिंचाई योजना’ लागू की जाएगी।
ऽ प्रदेश में वैयक्तिक या किसानों के समूह द्वारा उठाऊ सिंचाई योजनाओं अथवा बोरवैल स्थापित करने पर 50 प्रतिशत उपदान का प्रस्ताव।
ऽ मिट्टी की उर्वरता के क्षेत्रवार मानचित्र ऑनलाईन उपलब्ध करवाए जाएंगे। एक लाख किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे।
ऽ बेमौसमी सब्जियों के प्रोत्साहन के लिए ृ 60 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित।
ऽ ‘सब्जी नर्सरी उत्पादन के लिए उत्कृष्ट केन्द्रों की स्थापना’ नामक नई योजना आरम्भ।
ऽ 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ 20,000 केंचुआ खाद इकाईयां स्थापित होंगी।
ऽ हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड को विपणन मण्डिया विकसित करने के लिए ृ 10 करोड़ उपलब्ध करवाने का प्रावधान।
ऽ चारा विकास के लिए नई योजना ‘उत्तम चारा उपदान योजना’ आरम्भ होगी।
ऽ टोका मशीन उपदान बी.पी.एल किसानों को भी मिलेगा।
ऽ किसान एवं खेतीहर मज़दूरों को जीवन बीमा प्रदान करने की दृष्टि से ‘मुख्य मन्त्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना’ आरम्भ।
ऽ उच्च मूल्य फल, फूल एवं सब्जियों की संरक्षित खेती के अधीन 2 लाख मीटर क्षेत्र लाया जाएगा।
ऽ त्मअंउचमक ।चचसम त्मरनअमदंजपवद च्तवरमबज के अन्तर्गत 1000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र लाया जाएगा।
ऽ मधुमक्खियों द्वारा परागण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार की और से 30 प्रतिशत अतिरिक्त उपदान का प्रस्ताव।
ऽ मौसम आधारित फसल बीमा योजना प्रदेश के सभी खण्डों में लागू की जाएगी।
ऽ तीन शीत भण्डारण केन्द्रों को सी.ए भण्डारण केन्द्रों में परिवर्तित करने के लिए भ्च्डब् को ृ 5 करोड़ देने का प्रस्ताव।
ऽ ऊना तथा बिलासपुर में पशु विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पॉली-क्लीनिक स्थापित होंगे।
ऽ प्रदेश में ‘गोवंश सम्वर्द्धन बोर्ड’ गठित होगा।
ऽ दुग्ध प्रापण मूल्य में ृ एक प्रति लीटर की वृद्धि। हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ को ृ 15 करोड़ की अनुदान सहायता दी जाएगी।
ऽ दुग्ध सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत उपदान पर दुग्ध संस्करण एवं अभीशीतन इकाईयां स्थापित करने के लिए नई योजना।
ऽ जर्मनी का ज्ञॅि बैंक ृ 310 करोड़ के भ्च् थ्वतमेज म्बव.ैलेजमउे ब्सपउंजम च्तववपिदह च्तवरमबज का वित्तपोषण करेगा।
ऽ मनरेगा के अन्तर्गत कच्चा जल टैंक को पॉली लाईनड्/पक्का जल टैंक में परिवर्तित करने हेतु अतिरिक्त सामग्री के लिए ृ 20 करोड़ का प्रावधान।
ऽ 50 करोड़ व्यय कर जलागम विकास कार्यक्रम के तहत 40,000 हैक्टेयर क्षेत्र विकसित होगा।
ऽ विभिन्न आवास योजनाओं के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी को ृ 75,000 के उपदान के साथ 10,000 आवास निर्मित होंगे।
ऽ सरकार, पंचायतों को ृ 109 करोड़ जारी करेगी। 14वें वित्तायोग की संस्तुतियों के अनुरूप भी पंचायतों को अतिरिक्त ृ 195 करोड़ जारी होंगे।
ऽ किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों को ृ 10 लाख तक की मोर्टगेज डीड पर स्टाम्प शुल्क में छूट।
ऽ ृ 7.50 लाख तक के शिक्षा ऋण प्राप्त करने पर मोर्टगेज के लिए स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क में छूट।
ऽ पटवारी उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए मिलने वाला मानदेय ृ 1,000 से बढ़ाकर ृ 3,000 किया जाएगा।
ऽ आपदा राहत के लिए ृ 236 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित।
ऽ अगले 3 वर्षों में सभी शेष 512 जलापूर्ति योजनाओं में जल उपचार संयंत्र/फिलटर बैड लगाए जाएंगे। वर्ष 2015-16 में इसके लिए ृ 20 करोड़ का प्रावधान।
ऽ नादौन मध्यम सिंचाई तथा फिन्नासिंह सिंचाई परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के लिए ृ 45 करोड़ आवंटित।
ऽ 3,500 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के अधीन लाने के लिए ृ 154 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित।
ऽ कमांद क्षेत्र विकास कार्यों के लिए ृ 50 करोड़ प्रस्तावित।
ऽ सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को जलापूर्ति एवं सिंचाई योजनाओं के उर्जा शुल्क के भुगतान के लिए ृ 330 करोड़ उपलब्ध होेंगे।
ऽ बाढ़ बचाव संरक्षण कार्याें के लिए ृ 187 करोड़ प्रस्तावित।
ऽ वर्ष 2015-16 में 1050 मैगावाट जलविद्युत क्षमता का दोहन होगा।
ऽ सौर ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक परियोजनाओं के समकक्ष माना जाएगा। 5 मैगावाट क्षमता तक की परियोजना के शुल्क का नियमन/स्वीकृति राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाएगा तथा पूरी ऊर्जा का क्रय भ्च्ैम्ठस् द्वारा किया जाएगा।
ऽ सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बाजार भाव से कम मूल्य पर 3-3 एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा बल्ब की कीमत ृ 10 प्रति बल्ब के आधार पर बिजली के बिल के साथ ली जाएगी।
ऽ एल.ई.डी. बल्ब पर वैट को 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा।
ऽ टेरी द्वारा प्रमाणित अथवा केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रमाणित ऊर्जा दक्ष चूल्हों पर वैट में छूट।
ऽ भ्च्ैम्ठस् को घरेलू उपभोक्ताओं को उपदान दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए ृ 380 करोड़ दिए जाएंगे।
ऽ प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए ृ 40 करोड़ तथा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण में विभिन्न विकास कार्यों के लिए ृ 20 करोड़ का प्रावधान।
ऽ नये उद्योग/कारखाने स्थापित करने पर प्दकनेजतपंस प्दचनज पर मात्र एक प्रतिशत प्रवेश कर।
ऽ निर्धारित एक्सट्रा हाई टेन्शन ;म्भ्ज्द्ध श्रेणी उपभोक्ताओं के लिए विद्युत शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत, म्भ्ज् को छोड़कर मध्यम तथा बडे़ उद्योगों के लिए 13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत एवं लघु उद्योगों के लिए 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। नई म्भ्ज् श्रेणी सहित कोई भी नया उद्योग जो 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार देगा, को 5 वर्ष तक केवल 1 प्रतिशत विद्युत शुल्क देना होगा।
ऽ कांगड़ा ज़िले के कदरोड़ी और ऊना ज़िले के पंडोगा में क्रमशः ृ 107 एवं ृ 112 करोड़ व्यय कर अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होंगे।
ऽ गत 12 माह में 50 दिनों तक कार्य करने वाले मनरेगा कार्यकर्ता हि.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के लाभार्थी के रूप में पंजीकृत होंगे।
ऽ सभी ज़िला रोजगार कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, आई.टी.आई. तथा इंजीनियरिंग सस्थानों में रोज़गार एवं कैरियर गाईडेन्स उपलब्ध होगी।
ऽ भ्त्ज्ब् के लिए श्रछछन्त्ड के तहत् 800 नई बसें खरीदी जाएंगी।
ऽ वाहन मालिकों की सुविधा के लिए परिवहन एवं यात्री कान्ट्रेक्ट केरियेज वाहनों पर शुल्क को परिवहन विभाग को स्थानांतरित किया जाएगा।
ऽ नए बस अड्डों के निर्माण के लिए ृ 10 करोड़ दिए जाएंगे।
ऽ भ्त्ज्ब् को सहायता अनुदान एवं इक्विटी के रूप में 200 करोड़ का प्रावधान।
ऽ लोक निर्माण विभाग में कार्यों की गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए क्वालिटी मॉनीटर नियुक्त होंगे।
ऽ दुर्घटना सम्भावित स्थलों पर स्टील क्रैश बैरियर स्थापित करने के लिए ृ 50 करोड़ का प्रावधान।
ऽ मौसम में बदलाव पर राज्य ज्ञान प्रकोष्ठ सुदृढ़ होगा।
ऽ प्रभावी तथा पारदर्शी शुल्क एकत्र करने हेतु वैट एवं सी.एस.टी. के अन्तर्गत सभी पंजीकृत डीलरों के लिए ई-भुगतान अनिवार्य बनाया जाएगा।
ऽ डीलरों के लिए डीम्ड एसेसमैंट की योजना का सरलीकरण होगा। विभिन्न अधिनियमों के तहत सभी रिर्टन अपलोड करने के लिए कॉमन लॉग-ईन आईडी की सुविधा होगी।
ऽ सामान की पूरी ऑनलाईन घोषणा के साथ हिमाचल में प्रवेश करने वाले ट्रकों को बैरियर पर नहीं रोका जाएगा।
ऽ ढाबा, हलवाई, चाय तथा चाट व्यापारियों के लिए वैट भुगतान के लिए छूट की सीमा को बढ़ाकर ृ 8 लाख किया जाएगा।
ऽ ृ 25 लाख से कम कारोबार वाले छोटे व्यापारियों को ृ 2 लाख का समूह दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
ऽ अन्तर-प्रदेशीय क्रय-विक्रय को भी एकमुश्त योजना के दायरे में लाया जाएगा।
ऽ ट्रक/बसों की बॉडी फेब्रीकेशन पर वैट को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा।
ऽ पैकेजड् वाटर बोटल पर सी.जी.सी.आर. कर को घटाया जाएगा।
ऽ चण्डीगढ़ से शिमला तथा अन्य पर्यटक स्थलों के लिए हैलीकॉपटर सेवा आरम्भ करने के लिए निजी पार्टियों को आमंत्रित किया जाएगा।
ऽ जादूगरी तथा सर्कस के करतब दिखाने वालों को 10 वर्षों तक मनोरंजन शुल्क के भुगतान में छूट।
ऽ 62 मिलियन यू.एस डालर से समुदाय आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए पर्यटन सम्बन्धी अधोसंरचना का विकास।
ऽ साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एअरो-स्पोर्टस नियम सरल बनाए जाएंगे।
ऽ राजीव गांधी डिजीटल योजना के अन्तर्गत 10वीं तथा 12वीं के 10,000 मेधावी छात्रों को नेटबुक/लैपटाप प्रदान किए जाएंगे।
ऽ 100 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में व्यायसायिक प्रशिक्षण आरम्भ होगा तथा 200 व्यावसायिक शिक्षक नियुक्त होंगे।
ऽ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को दो वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाएगा। उन्हें नकद पुरस्कार के एवज़ में एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि भी दी जाएगी।
ऽ विजुअल एवं फाईन आर्टस को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक ललित कला महाविद्यालय खोला जाएगा।
ऽ स्थापित आई.टी.आई में अतिरिक्त मांग आधारित एवं रोज़गारोन्मुखी ट्रेड आरम्भ होंगे तथा सोलन ज़िले के नालागढ़ और कांगड़ा ज़िले के बड़ोह की आई.टी.आई को आदर्श आई.टी.आई. के रूप में स्तरोन्नत किया जाएगा।
ऽ सम्बन्धित ट्रेड के साथ 400 छात्र प्रवेश क्षमता वाली 10 नई अत्याधुनिक आई.टी.आई. खोली जाएंगी।
ऽ जनजातीय तथा दुर्गम क्षेत्रों/पिछड़ी पंचायतों में निजी भूमि पर नई आई.टी.आई स्थापित करने वाले उद्यमियों से स्टाम्प शुल्क का केवल 50 प्रतिशत वसूला जाएगा। आई.टी.आई आरम्भ करने के उपरान्त उन्हें ृ 10 लाख की भवन सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
ऽ शिमला ज़िले के झुडंला में क्षेत्रीय महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान खुलेगा।
ऽ प्रदेश में कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम’ स्थापित होगा।
ऽ सन्निर्माण कामगारों के कौशल विकास स्तरोन्यन के लिए कौशल विकास संस्थान स्थापित होगा।
ऽ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 8,000 ग्रामीण युवाओं तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत 5,000 शहरी गरीबों को उपयुक्त कौशल प्रदान किया जाएगा।
ऽ कौशल विकास भत्ते के लिए ृ 100 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित।
ऽ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, अन्तरंग सभागार निर्मित होंगे। इस उद्देश्य के लिए ृ 25 करोड़ के बजट का प्रावधान।
ऽ बहुउद्देशीय अन्तरंग खेल स्टेडियम, ज़िला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, निर्मित होंगे। प्रदेश में खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस उद्देश्य के लिए ृ 35 करोड़ का प्रावधान।
ऽ युवा क्लबों की वार्षिक सहायता को बढ़ाकर ृ 20,000 किया जाएगा।
ऽ सभी प्रत्यायित एवं मान्यता प्राप्त पत्रकारों को क्रमशः ृ 5 लाख एवं ृ 3 लाख तक समूह दुर्घटना बीमा के दायरे में लाया जाएगा।
ऽ प्रेस क्लबों के निर्माण के लिए ृ 1 करोड़ प्रस्तावित।
ऽ बिलासपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान स्थापित होगा। नाहन, चम्बा तथा हमीरपुर में ृ 189-189 करोड़ खर्च कर तीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
ऽ प्ळडब् में ृ 150 करोड़ की लागत से ज्मतजपंतल ब्ंतम ैमतअपबमे के लिए ैनचमत ैचमबपंसपजल ठसवबा निर्मित किया जाएगा।
ऽ सभी ज़िला अस्पतालों में चरणबद्ध तरीके से बर्न यूनिट स्थापित की जाएंगी।
ऽ सार्वजनिक-निजी सहभागिता के अन्तर्गत नागरिक अस्पताल केलांग एवं काज़ा, सिरमौर तथा चम्बा ज़िलों के 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोडरा-क्वार में पायलट आधार पर टेली-मैडिसन परियोजना आरम्भ होगी।
ऽ 7,750 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के उपरान्त गांवों में तैनात किया जाएगा।
ऽ चिकित्सकों के 200 तथा पैरा मेडिकल कर्मियों के 500 पद भरे जाएंगे।
ऽ स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर रक्त शर्करा परीक्षण सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
ऽ सभी ज़िला अस्पतालों में बुज़ुर्गों के लिए वार्ड खोले जाएंगे।
ऽ उन एकल नारियों एवं 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अथवा किसी अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के दायरे में नहीं आते, के लिए ‘मुख्य मन्त्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना’ आरम्भ होगी।
ऽ सार्वजनिक-निजी-सहभागिता के अन्तर्गत पहाडी कस्बों का अध्ययन, इसके अतिरिक्त नीदरलैंड सरकार के सहयोग से सुन्दरनगर तथा धर्मशाला समूहों में ठोस कचरा प्रबन्धन के लिए एक पायलट अध्ययन आरम्भ होगा।
ऽ शहरी/अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में मलनिकासी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ृ 30 करोड़ उपलब्ध करवाए जाएंगे।
ऽ पार्किंग सुविधा विकसित करने वाले शहरी स्थानीय निकायों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए ृ 15 करोड़ के बजट आवंटन का प्रस्ताव।
ऽ शिमला स्थित सर्कुलर/कार्ट रोड को चौड़ा किया जाएगा।
ऽ नगर निगम शिमला को निगम में विलय किए गए क्षेत्रों में चिन्हित अधोसंरचना विकास योजनाओं हेतु ृ 3 करोड़ का अतिरिक्त अनुदान।
ऽ सभी योजना क्षेत्रों में मिक्सड् लैंड यूज को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ऽ ष्स्ंदक व्ूदमते ठमबवउम च्ंतजदमते पद क्मअमसवचउमदज ूपजी भ्प्डन्क्।ष् नामक एक नई आवास योजना आरम्भ होगी।
ऽ स्वरोज़गार के लिए महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को ृ 2,500 से बढ़ाकर ृ 5,000 किया जाएगा।
ऽ कन्या भ्रूण हत्या पर नियत्रंण पाने हेतु, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं तथा ग्राम स्तरीय अनुश्रवण सहायता समितियों के माध्यम से गर्भावस्था पर निगरानी रखने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी।
ऽ दो बालिकाओं तक के ऐसे परिवार जिनमें कोई लड़का नहीं हैं, की लड़कियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी।
ऽ 6 वर्ष की आयु तक की सभी कन्याओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधा।
ऽ ‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत पहली से 12वीं कक्षा तक कन्याओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
ऽ एक कन्या के उपरांत स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ृ 35,000 तथा दो कन्याओं के उपरान्त स्थाई परिवार नियोजन अपनाने वाले दम्पत्तियों की राशि बढ़ाकर ृ 25,000 की जाएगी।
ऽ बाल गृह में शिक्षा पूरी कर बाल गृह छोड़ गई कन्याओं की आगे की पढ़ाई के लिए किसी भी सरकारी संस्थान में प्रवेश लेने पर, पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
ऽ अपंग, वृद्ध एवं विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा पैंशन ृ 550 से बढ़ाकर ृ 600 प्रतिमाह की जाएगी। 70 प्रतिशत से अधिक अपंग व्यक्तियों तथा 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा पैंशन अब ृ 1,100 प्रतिमाह होगी।
ऽ बुजु़र्ग व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए प्दजमहतंजमक ैबीमउम वित व्सकमत च्मतेवदे में यथोचित सुधार किए जाएंगे।
ऽ फॉलोअप कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सिलाई मशीन खरीद के लिए सहायता ृ 1,200 से बढ़ाकर ृ 1,800 की जाएगी।
ऽ अल्पसंख्यक विकास के लिए सरकार के ृ 2 करोड़ के योगदान से कॉर्पस फंड स्थापित होगा।
ऽ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हिमाचल के मूल निवासियों को कोचिंग सहायता के रूप में प्रति उम्मीदवार ृ 30,000 प्रदान किए जाएंगे।
ऽ द्वितीय विश्व युद्ध के वयोवृद्ध सैनिकोें की वित्तीय सहायता को ृ 2,000 से बढ़ाकर ृ 3,000 किया गया।
ऽ धर्मशाला में ैजंजम ॅंत डमउवतपंस डनेमनउ की स्थापना के लिए ृ 3 करोड़ किए जाएंगे।
ऽ सैनिक विश्राम गृहों की मुरम्मत के लिए ृ 2 करोड़ का प्रावधान।
ऽ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सभी पुलिस चौकियों को अधीनस्थ पुलिस थानों के रूप में नामित किया जाएगा।
ऽ अत्याधुनिक ‘ब्मदजतम वित ब्लइमत ैमबनतपजल प्दअमेजपहंजपवदे – प्ददवअंजपवदे’ स्थापित होगा।
ऽ दो और महिला पुलिस थाने खुलेंगे।
ऽ जुन्गा स्थित ैजंजम थ्वतमदेपब ैबपमदबम स्ंइवतंजवतल में एक टवपबम ।दंसलेपे तथा एक क्पहपजंस थ्वतमदेपब क्पअपेपवद सृजित होगा।
ऽ गृह आरक्षियों के मानदेय को ृ 260 से बढ़ाकर ृ 280 प्रतिदिन किया जाएगा।
ऽ घुमारवीं, सरकाघाट और सुन्नी में तीन और अग्निशमन चौकियां स्थापित होंगी।
ऽ डवइपसम ज्तंििपब डंहपेजतंजम के 6 पद/न्यायालय सृजित किए जाएंगे।
ऽ विभिन्न विभागों में 5,000 क्रियाशील पद भरे जाएंगे।
ऽ प्रदेश सरकार के कर्मचारियों/पैंशनरों को अप्रैल, 2015 के वेतन के साथ महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की अदायगी।
ऽ सेवाकाल के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर रोज़गार प्रदान करने के लिए आय सीमा को बढ़ाकर ृ 1.50 लाख प्रतिवर्ष किया जाएगा।
ऽ दिहाड़ी ृ 170 से बढ़ाकर ृ 180 की जाएगी।
ऽ 31 मार्च, 2015 को 7 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले दैनिकभोगी नियमित होंगे।
ऽ 31 मार्च, 2015 को 8 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अंशकालिक कर्मी दैनिकभोगी बनेंगे।
ऽ अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय ृ 1,500 से बढ़ाकर ृ 1,700 प्रतिमाह किया गया।
ऽ 31 मार्च, 2015 को 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबन्ध कर्मी नियमित होंगे।
ऽ महिला अनुबन्ध कर्मियों के मातृत्व अवकाश को 112 दिन से बढ़ाकर 135 दिन किया गया।
ऽ दिहाड़ीदार, अंशकालिक कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाएं तथा मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को ‘मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के दायरे में लाया जाएगा।
ऽ नये सरकारी आवासों के निर्माण तथा वर्तमान सरकारी आवासों की मुरम्मत के लिए क्रमशः ृ 30 करोड़ व ृ 15 करोड़ का अतिरिक्त बजट प्रावधान।
ऽ पुलिस आवासों के लिए ृ 20 करोड़ का प्रावधान।
ऽ मनरेगा कार्यकर्ता, कृषि एवं बागवानी मज़दूर, दुकानों में काम करने वाले कामगार तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों के लिए पैंशन योजना।
ऽ वर्ष 2015-16 के लिए ृ 28,339 करोड़ का बजट अनुमान।
193ण् अध्यक्ष महोदय, मैंने अपनी सरकार के प्रथम दो वर्षोें में किए गए मुख्य विकासात्मक कार्यों को संक्षिप्त रूप से छुआ है तथा साथ में वर्ष 2015-16 में सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की है।
यह बजट हमारे सर्व कल्याण समग्र विकास के आदर्श को दर्शाता है। यह विकासोन्मुखी बजट है जिसमें कृषि, बागवानी, जल विद्युत, सिंचाई, जलापूर्ति, स्वास्थ्य एवं पर्यटन जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश के लिए एक स्पष्ट वित्तीय नीति प्रस्तुत की गई है।
अध्यक्ष महोदय, वित्तीय कठिनाईयों के बावजूद, हमने समाज के प्रत्येक वर्ग को राहत प्रदान की है। किसी भी विकास कार्य में धन की कमी आड़े नहीं आने दी गई। हमारे चुनावी घोषणा पत्र में किए गए अधिकतर वायदे प्रथम दो वर्षों में ही पूरे कर दिए गए हैं। यह सब हमारी वित्तीय सूझ-बूझ, प्रशासनिक कुशलता और निःसन्देह प्रदेश के लोगों के कठिन परिश्रम का परिणाम है।
अध्यक्ष महोदय, निम्न पंक्तियों के साथ मैं इस बजट को माननीय सदन को संस्तुत करता हूँ-
‘कई जीत बाक़ी है,
कई हार बाक़ी है,
अभी तो ज़िन्दगी का सार बाक़ी है,
यहाँ से चले हैं
नई मन्ज़िल के लिए,
यह एक पन्ना था,
अभी तो क़िताब बाक़ी है।’
जय हिन्द । जय हिमाचल।
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