शिमला। कांट्रेक्ट पर पांच साल का कार्याकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने ,दिहाड़ी में महज दस रुपए बढ़ोतरी और कारोबारियों के लिए ढेरों सौगातें देकर मुख्यमंत्री जिनके पास वित विभाग भी है,ने अपना तीसरा बजट पेश किया। अपनी बजट स्पीच में केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि नीति आयोग की व्यवस्था होने से ये तय नहीं है कि केंद्र सरकार से मिलनी वाले अनुदानों व केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों को कितना पैसा मिलेगा।
वीरभद्र सिंह ने बजट भाषण के दौरान कई शेर पढ़े। बिना कोई कर लगाए 3285 करोड़ रुपए के वितीय घाटे के बजट को पेश करते हुए कारोबारियों के लिए तोहफो की झड़ी लगा दी।बजट भाषण में उन्होंने उदयोगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 40 करोड़ देने का एलान किया। बददी-बरोटावाला-नालागढ़ प्राधिकरण क्षेत्र में विकास के लिए 20 करोड़ देने का एलान किया। इसके अलााव नए उदयोगों से औदयोगिक इनपुट पर मौजूदा के दो प्रतिशत के स्थान पर एक प्रतिशत की दर से प्रवेश शुल्क वसूलने की घोषणा की।
बजट में जहां आम जनता को डेढ सौ रुपए के हिसाअब से तीन एलईडी ब्लब देने का एलान किया वहीं उदयोगों के लिए जो पहले की अमीर है को बिजली शुल्क में रियायते देकर अपनी मंशा जाहिर कर दी। प्रदेश का बिजली बोर्ड पहले ही अरबों के घाटे में चल रहा है लेकिन बजट में एक्स्ट्रा हाई टैंशन श्र्रणी के उदयोगों को बिजली शुल्क मं दो प्रतिशत की कटौती कर दी । इस 15 से 13 फीसद कर दिया। बाकी के मध्यम व बड़े उदयोगों को बिजली शुल्क 13 से 11 प्रतिशत कर दिया। लघु उदयोगों के लिए इसे 7 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। तीन सौ से अधिक हिमाचलियों को रोजगार प्रदान करने वाले उदयोगों को पांच साल तक एक प्रतिशत के हिसाब से बिजली शुल्क वसूलने का एलान कर दिया हे। बजट में आम उपभोक्ताओं को बिजलों दरों में किसी भी तरह की कटौती का एलान नहीं किया गया। कारोबारियों के लिए कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
इसके अलावा आम लोगों के कामों बेशक महीनों तक लटके रहे लेकिन उदयोगों के उदयोग लगाने की मंजूरी 45 दिनों के भीतर प्रदान कर जाएगी। यही नहीं इनके आवेदन कहा है उसके लिए आवेदन पत्र ट्रैकिंग प्रणाली भी विकसित की जा रही है।
मोदी सरकार की तरह प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार ने भी श्रमिकों से जुड़े कानूनों में बदलाव करने का एलान कर दिया है। बजट भाषण में इन कानूनों में किस तरह का संशोधन होगा ये तो साफ नहीं है पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये उदयोगों के मनमाफिक होगा।
उदयोगां के लिए केंद्रग सरकार से पहले ही इंडस्ट्रियल पैकेज मिला हुआ है। उदयोगों को इन सब रियायतों से प्रदेश को मिलने वाले राजस्व में कमी आ रही है और कर्जा लगातार बढ़ रहा है। संसाधनों को सृजित करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
कारोबारियों की चिंता करते हुए आठ लाख तक कारोबार करने वाले ढाबों,हलवाई,चाय व चाट दुकानों को वैट से छूट दे दी है। पहले ये छूट पांच साल तक का कारोबार करने वले कारोबारियों को थी। ये कारोबारी उपभोक्ताओं को इस छूट का लाभ देंगे या नहीं इसका बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
25 लाख तक का कारोबार करने वाले 47 हजार छोटे कारोबारियों को दो लाख रुपए का समूह दुघग्टना बीमा शुरू करने का एलान किया। इसका प्रीमियत राज्य सरकार भरेगी।
सरकार ने ट्रकों व बसों की बॉडी फैब्रिकेशन पर भी वैट में कमी कर दी है। इसे 1375 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। लेकिन अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद बस किरायों में कोई कटौती नहीं की गई है। निर्यात के लिए राज्य के भीतर औदयोगिक इनपुट खरीदने वाले निर्यातकों को फार्म पेश करने पर वस्तु कर में छूट देने का एलान किया है।पैकेजड वाटर बोटल पर लगाए गए सीजीसीआर कर को भी हटाने का एलान किया गया। गैर अनुसूचित एयरलाइनों के लिए एवियेशन टरबाइन इंधन पर शुल्क 27 प्रितिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है।जादूगरी व सर्कस करतबों का प्रदर्शन करने वालों को आगामी दस साल तक मनोरंजन कर से छूट दे दी है।
उदयोगों व कारोबारियों को ढेरों रियायतें देने के साथ साथ कर्मचारियों और कमजोर वगो्रं को कुछ रियायतें देने का टोटका बजट में दिखाया गया है। इनमें सफाई कर्मचारियों, कूड़ा बीनने वालों ऑटो रिक्शा व टैक्सी चालकों राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में लाया गया है। प्रदेश में ऑटो रिक्शा बहुत कम चलते है। सरकार ने प्रदेश उपभोक्ताओें को तीन तीन एलईडी ब्लब देने का एलान किया हे। डेढ डेढ सौ के इन ब्लबों की कीमत दस रुपए महीना की किश्त के हिसाब उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी। इससे एलईडी कारोबारियों को करोड़ों का लाभ होगा। इससे पहले पिछली धूमल सरकार इसी तरह सीएफएल ब्लब बांट चुकी है। इस स्कीम में घोटाले के आरोप लग चुके है। लब्लब एलईडी हो या सीएफएल कंपनी का लाभ तय है।
इस मंहगाई के दौर में सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 500 से बढ़ाकर 550 रुपए इसमें मामूली बढ़ोतरी की है। दिहाड़ी केवल दस रुपए बढ़ाई है।एचआरटीसी की बसों में केंद्रीय स्कूलों के छात्रों को फ्री यात्रा का एलान किया है।बुजुर्गों की पैंशन में 5, 10 व 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। ये पैंशन पहले ही नगण्य है।बजट में विधायक निधि को 50 से 70 लाख कर दिया है लेकिन साथ ही ये शर्त लगा रखी है कि 20 लाख की राशि लघु सिंचाई योजनाओं पर खर्च करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में विश्व बैंक की हाल की रिपोर्ट स्केलिंग द हाइट्स का हवाला देकर दावा किया कि प्रदेश में गरीबी 85 प्रतिशत रह गई है। ये आंकड़ा अपने आप में अजीब है।
कुल आबादी का 63 प्रतिशत किसानों के लिए चार सालों में 154 करोड़ की राजीव गांधी सुक्ष्म सिंचाई योजना चलाने का एलान किया गया । लाखें किसानों में से केवल 14 हजार किसानों को फायदा होगा। ये प्रोजेक्ट फव्वारा सिंचाई के लिए है। बेमौसमी सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए 60 करोड़ व पालीहाउस को 30 करोउ़ का मामूली प्रावधान किया गया । पालीहाउस के तहत कुल 5000 हजार किसान आएंगे। प्रदेश की कुल आबादी का 70 प्रतिशत हिस्सा किसानों का है। यानि की प्रदेश में 40 लाख से ज्यादा आबदी किसानों की है। ऐसे में दो तीन सौ करोड़ के प्रोजेक्ट क्या बदलाव लाएंगे,इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
दुग्ध उत्पादकों के लिए दूघ की कीमतों एक अप्रैल से केवल एक रुपए की बढ़ोतरी की जा रही है। खुले बाजार में पहले ही गांवों का दूघ 40 से 50 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। प्रदेश के गरीबों और आम आदमी को बजट में बीमा और मामूली राहत देकर ही निपटा दिया गया है।मनरेगा के तहत किसनों के कच्चे टेंकों को पक्का करने के लिए केवल 20 करोड़ का प्रावधान है। जो लाखें किसानों की आबादी के लिए उंट के मुंह में जीरा के समान है।
बजट में सस्ते आवास की आड़ में भूमालिकों की जमीन हड़पने का प्रयास किया गया है। बजट भाषण में कहा गया है कि लेंड आनर्स बीकम पार्टनर इन डवलपमेंट विद हिमुडा नामक योजना शुरू की गई है। इसके तहत जिन भूमालिकों की कहीं विवाद मुक्त व एक साथ लगती र्प्याप्त जमीन उपलब्ध है वहां वो हाउसिंग एस्अेट विकसित करने के लिए हिमुडा के साथ समझौता कर अपने भू अधिकार हिमुडा को सोंप सकते है।इस योजना के में भूमि मूल्य बढ़ने से जहां एक और भू मालिक लाभांवित होंगे वही आवास निर्माण को र्प्यापत भूमि मिलेगी। प्रदेश में रियल एस्टेट के कारोबारी व बाहरी राज्यों के रईस प्रदेश में किसी भी तरह जमीन व मकान हथियाने के लिए तैयार बैठे है। इस स्कीम को वो लोग हाईजैक नहीं कर लेंगे इसकी कोई गांरटीइ नहीं हे। आखिर पूरी स्कीम क्या ये भी साफ नहीं है।प्रदेश में हर बार जमीन माफिया के आरोप सरकारों पर लगते रहे है।
शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छी पहल फाइन आर्ट्स कालेज खोलने को लेकर की गई है। इससे निश्िचित तौर पर हिमाचल के छात्रों को लाभ मिलेगा। पत्रकारों में भी उन पत्रकारेां को दुघर्टना बीमा कवर देने का एलान किया गया जो सरकार से एक्रिडियेटिड व मान्यता प्राप्त है। लेकिन बड़ी तादाद में काम कर रहे स्टींगरों को छोड़ दिया गया है जिन्हें इस तरह की सबसे ज्यादा जरूरत है। एक्रिडियेटिड और मान्यता प्राप्त पत्रकारों को तो वेतन के अलावा पहले ही बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध है।बजट में साज साल का कार्याकाल पूरा करने वाले दिहाड़ी दारों और आठ साल का काया्रकाल पूरा करने वाले पार्ट टाइम कार्यकर्ताओं को दिहाड़ी दार बनाने का एलान किया गया है जो इन गरीबों के लिए थोडा़ राहत भरा है। पांच साल का कार्याकाल पूरा कर चुके कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है। लेकिन इस मामले में सरकार कीनीति ही गलत है।पहले ही नियमित भर्ती क्यों नहीं होती।
हालांकि मुख्यमंत्रऋी ने इसे खुद विकासोन्मुख बजट करा दिया है तो नेता प्रतिपक्ष प्रेकुमार धूमल ने इस दिशाहीन व नौजवानें से धोखा देने वाला बजट करा दिया है।
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