शिमला। पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में कारपोरेशन के निदेशक देशराज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया हैं। प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने 24 तारीख को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए देशराज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया हैं।
अब गेंद पुलिस के पाले में आ गई हैं। देश राज कहां है ये किसी को पता नहीं हैं। अब पुलिस को उसे गिरफतार कर कस्टडी में लेने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी।
हालांकि देशराज के पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है।वो वहां प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
उधर,पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी आइएएस हरिकेश मीणा और निदेशक पर्सनल शिवम प्रताप को लेकर भी पुलिस ज्यादा कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। मीणा को एमडी के पद से हटा दिया गया था और वो राजस्थान अपने घर चले गए थे। पुलिस उनके साथ संपर्क में है या नहीं इस बावत कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
याद रहे देशराज बिजली बोर्ड में चीफ इंजीनियर थे । वो वहां पर सबसे कनिष्ठ चीफ इंजीनियर थे। वो विमल नेगी से कॉलेज में भी और बिजली बोर्ड में कनिष्ठ थे। लेकिन बावजूद इसके उनको निदेशक लगा दिया गया। बहरहाल, कारपोरेशन में कर्मचारियों के साथ अफसरों ने हाहाकार मचाया हुआ था। बदतमीजी करना कारपोरेशन में अफसरों की संस्कृति बन गई थी।
गौरतलब हो कि विमल नेगी दस मार्च से लापता था और बाद में 20 मार्च को उनका शव तलाई के आसपास मिला था। इल्जाम है कि कारपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक प्रशासन शिवम प्रताप और निदेशक देशराज ने विमल नेगी को इतना प्रताडि़त किया कि उन्होंने मौत को गले लगा लिया। उनकी मौत से पूरा हिमाचल सदमें आ गया।
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