शिमला। अनुभवहीनता हादसों को आमंत्रित कर देती हैं। हिमाचल पावर कारपोरेशन में भी ऐसा ही हुआ । इस कारपोरेशन में जिन निदेशक देशराज की आज जमानत याचिका खारिज हुई है वो पांच –छह नहीं 17 वरिष्ठ इंजीनियरों को पीछे छोड़ कर इस पद पर पहुंचे थे। ये दावा किसी और ने नहीं सुक्खू सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी ने पिछले दिनों संवाददाता सम्मेलन में किया था। ये कमाल कैसे हुआ होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं। जाहिर तौर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का वरदहस्त देशराज पर रहा ही होगा।
देशराज 2024 में पावर कारपोरेशन में निदेशक के पद पर तैनात हुए ।वो बिजली बोर्ड में सबसे जूनियर चीफ इंजीनियर थे। इसके अलावा 1998 में जब उनकी भर्ती हुई थी तो विमल नेगी समेत 17-18 लोग उनसे सीनियर थे।
यही नहीं जब पावर कारपोरेशन में निदेशक पद के लिए अर्जियां मांगी गई तो जितने इंजीनियरों ने आवेदन किया था उनमें से तमाम सीनियरों को दरकिनार कर जूनियर देशराज को निदेशक लगाया गया ।
अब ऐसा कैसे हो गया होगा ये तो सुक्खू ही बता सकते है क्योंकि महकमा उनके अधीन हैं । देशराज अगर सुक्खू के लाडले नहीं थे तो फिर जूनियर होने के बावजूद वो इस पद पर कैसे पहुंच गए।ये बड़ा सवाल हैं। कहीं ये भर्ती घोटाला तो नहीं हैं।
देशराज ही नहीं सुक्खू ने पावर कारपोरेशन के एमडी के पद पर भी जूनियर आइएएस हरिकेश मीणा को लगा दिया। 2012 बैच के आइएएस मीणा अभी सचिव भी नहीं बने है जबकि पावर कारपोरेशन के एमडी का पद सचिव स्तर के आइएएस के स्तर का हैं।
यही नहीं सुक्खू ने निदेशक पर्सनल शिवम प्रताप को भी यहां तैनाती दे दी वो भी 2017 बैच के आइएएस हैं। यानी उनके पास भी काम करने का तर्जुबा व परिपक्कवता नहीं है।
खुद सुक्खू पहली बार मुख्यमंत्री बने है। उनके पास खुद विभागों को चलाने का अनुभव नहीं हैं। ऐसे में विमल नेगी और बुधराम जैसे कांड तो होने ही थे। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि ये सिलसिला रुकेगा भी ये यूं ही चलता रहेगा।
चूंकि विमल नेगी की मौत तो हो ही चुकी हैं। सुक्खू व सत्ता में बैठे बाकी मशीनरी पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं हैं। कारपोरेशन के कर्मचारियों के मुताबिक इन अफसरों ने कारपोरेशन में कर्मचारियों का जीना हराम कर रखा था व इसकी मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी थी।कर्मचारियों ने कारपोरेशन में क्या–क्या चल रहा था उसकी जानकारी सुक्खू को दी थी लेकिन सुक्खू ने कोई कदम नहीं उठाया।
नतीजतन विमल नेगी जैसे अफसरों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा। उधर, मीणा और शिवम प्रताप जैसे अफसर अभी भी आजाद घूम रहे हैं। विमल नेगी के परिजनों ने इस बावत साफ कर ही दियाय है कि विमले नेगी की मौत के लिए जिम्मेदार अफसर अभी बैखौफ घूम रहे है और सुक्खू जन्मदिन मना रहे हैं।
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