शिमला। ब्रिटिश राज में भारतीयों के खून-पसीने की कमाई से बने आलीशान गार्टन कैसल के बीते साल आग की लपटों में तबाह होने के बाद इसके कायाकल्प पर एक बार फिर 56 करोड़ खर्च करने का इंतजाम हो गया है।ये सारा इंतजाम हेरीटेज को सहेजे रखने के नाम किया जा रहा है।यही नहीं इस विरासत इमारत का हेरिटेज तमगा न बदले इसमें वही पत्थर उसी तरह लगेगा जो इसमें इस समय लगा हुआ है। बाकी नयन नक्श भी हुबूहू रखने का इंतजाम किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के प्रधान अकांउटेंट जनरल ए के जोहरी ने रिपोर्टर्ज आइ डॉट कॉम से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इस इमारत का कायाकल्प तीन साल में कर दिया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी इसे 56 करोड़ रुपए में इस काम अंजाम दे देगी।उन्होंने कहा पूरा प्लान बना दिया गया है।
इस विरासत भवन की पुरानी रुपरेखा बरकरार रहे इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी की टीम में पुरातत्व विभाग का एक विशेषज्ञ भी साथ रहेगा। जोहरी ने कहा कि इस काम को तीन सालों में अंजाम दे दिया जाएगा।अगर ज्यादा बजट की जरूरत पड़ी तो उसका भी इंतजाम किया जाएगा।
इस इमारत में अकांउंटेंट जनरल का कार्यालय है। याद रहे कि पिछले साल 28 जनवरी की सुबह आम की भेंट चढ़ गई थी। आग की वजह जानने के लिए तीन तीन जांचें हुई लेकिन किसी भी जांच रिपोर्ट में असली कारणों का पता नहीं चला। सभी रिपोर्टो में ये सामने आया कि ये आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी है।
लेकिन आग कहां से लगी इस सवाल का जो जवाब इन रिपोर्टों में दिया है वो संदिग्ध माना जा रहा है।
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