शिमला। पूर्व मुख्यमन्त्री प्रेम कुमार धूमल, एवं बरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि वीरभद्र सरकार के आज भले ही 2 वर्ष पूरे हो गए हैं परन्तु यह 2 वर्ष हिमाचल की जनता को निराश करने वाले ही रहे हैं । उन्होंने कहा कि शुरू के दो वर्ष ही प्रदेश के विकास के लिये काफी होते हैं परन्तु विडम्बना यह है कि वीरभद्र सरकार के पास आज दो वर्ष की कोई भी बड़ी उपलब्धि प्रदेश की जनता के सामने गिनाने को नहीं है ।
धूमल ने कहा कि आज प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति लड़खड़ा रही है और अभी तक के दो वर्ष के कार्यकाल में वीरभद्र सरकार 8000 करोड़ रूपये के ऋण ले चुकी है । उन्होंने कहा कि आज वीरभद्र सिंह जो यह कह रहे हैं कि पूर्व भाजपा सरकार ने कांग्रेस को हजारों करोड़ों का ऋण छोड़ा था सरासर गलत है । उन्होंने कहा कि क्योंकि वीरभद्र सिंह को अब आंकड़े याद नहीं हैं, हकीकत तो यह है कि भाजपा सरकार ने केवल 6672 करोड़ रूपये का ऋण पूरे 5 वर्ष के कार्यकाल में लिया था जबकि अभी 2 वर्ष में ही वीरभद्र सिंह की सरकार 8000 करोड़ रूपये के ऋण ले चुकी है ।
धूमल ने कहा कि हमारी सरकार ने तो कर्मचारियों और पेंशनरों को भी उनके भत्ते दिये जबकि कांग्रेस सरकार वेरोजगारी भत्ता तक नहीं दे पाई । उन्होंने कहा कि यहां पता चलता है कि वीरभद्र सिंह की उनके अफसरों पर कितनी पकड़ है । उन्होंने कहा कि सरकार की हालत इतनी पतली हो चुकी है कि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिये कुछ भी नहीं है। प्रदेश सरकार की कोई उपलब्धि होती तो वो जनता के बीच रखते ।
हिमाचल प्रदेश में विकास के कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं जबकि हमारी सरकार की 5 वर्ष में इतनी उपलब्धियां रही हैं कि हमें 85 पुरूस्कार प्राप्त हुये थे जबकि वीरभद्र सिंह की सरकार को आज मीडिया को बताने के लिये भी कोई आंकड़ा नहीं था । प्रदेश सरकार दो वर्ष तक प्रदेश की जनता के साथ छल करती रही और विकास के नाम पर उपलब्धि शून्य ही रही । सरकार की यह उपलब्धि जरूर रही कि उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले हजारों की संख्या में किए और बदला-बदली की भावना से काम किये । श्री धूमल ने कहा कि भाजपा को यह कहने में भी कोई संकोच नहीं है कि दो वर्ष में वीरभद्र सरकार ने भाजपा नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये और उनके रिस्तेदारों के चुन-चुन कर तबादले किए ।
धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने आज जो मीडिया को कहा कि वह श्वेतपत्र जारी करने को तैयार हैं तो उन्हें यह जल्द कर देना चाहिए । उन्होंने कहा कि यह तो वक्त ही बताएगा कि श्वेतपत्र जारी करने में भाजपा के कारनामें सामने आते हैं या कांग्रेस के । उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह हर बार मीडिया में यही कहते हैं कि भाजपा ने उनके खिलाफ मामले दर्ज करवाए, तो वह कैसे मुख्यमन्त्री हैं जो केन्द्र सरकार में मंत्री रहते हुए उसी जांच अधिकारी को अपने साथ दिल्ली ले गए जो उनके कहने के बाद मामले की जांच कर रहा था । उन्होंने कहा कि यह मामले वीरभद्र सरकार के दौरान के ही हैं और जिस सी डी प्रकरण की वह हर बार बात करते हैं वह तो उनके ही पूर्व मंत्री ने मीडिया में लाई थी, उन्होंने कहा कि इसमें भाजपा बीच में कहां से आई । धूमल ने कहा कि आज से ही वीरभद्र सरकार की उल्टी गिनती आरम्भ हो गई है ।
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