शिमला । पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे पुत्र अरुण धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम लिए बगैर उनकी तुलना शोले फिल्म के मशहूर डाकू गब्बर से कर दी और खुद को शोले फिYम को ठाकुर करार दे दिया।वीरभद्र सिंह की ओर से हमीरपुर में अपने दौरे के दौरान धूमल परिवार पर तरह- तरह के आरोप लगाए थे।छोटे धूमल ने इसी संदर्भ में वीरभद्र सिंह पर उनका नाम लिए बगैर ये हमला किया।छोटे धूमल ने राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इफ गब्बर इज बैक,ठाकुर इज बैक। जब-जब हमला होगा वो जवाब देने वापस आएंगे।इससे पहले विधानसभा में बजट सत्र के दौरान धुूमल और वीरभद्र के बीच की जुबानी जंग माता-पिता और पुत्र तक पहुंची थी।
अरुण धूमल ने आज एक वीरभद्र सिंह के परिवार पर एक नया आरापे लगाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या रोहतांग टनल बनाने वाली कंपनी स्टारबैग-एफकॉन जेवी ने मुख्यमंत्री के परिवार के किसी सदस्य की प्रापर्टी को किराए परले रखा। क्या उनके परिवार के सदस्य को इस कंपनी से लाखों रुपया किराए का मिल रहा है। अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री बताए किये प्रापर्टी कहां पर है।
उन्होंने कहा कि इस कंपनी को रोहतांग टनल बनाने का ये ठेका यूपीए सरकार ने दिया था व वीरभद्र सिंह तब केंद्रीय मंत्री थे।उन्होंने अंदेशा जताया कि इस तरह की कोइ्र प्रापर्टी ही नहीं है या फिर वीरभद्र सिंह ने इस प्रापर्टी को जगजाहिर नहीं किया है।ऐसे में कंपनी से लाखों रुपया हड़पा जा रहा है।
छोटे धूमल ने आयकर विभाग को पिचेश्वर गढढे के बयान का हवाला देते हुए कहा के वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य और बेटी अपारजिता के नाम बनी कंपी मेपल डेस्टिनेशनएंड ड्रीमलैंड प्राइवेट लिमिटेड ने जिसगढढे से 6करोड़ 61 लाख की फार्महाउस दिल्ली के महरौली में खरीदा था,उसे ही इसे डेढ लाख महीने के किराए पर दे दिया। अरुण धूमल से जब ये पूछा गया कि आपके पास तरह की जानकारी है तो आपअदालत क्यों नहीं जाते। उन्होंने कहा कि वहां का हाल भी देख लिया है।हालांकि उन्होंने साथ में जोड़ा कि उनका न्यायपालिका पर भरोसा है।उन्होंने चुनाव आयोग को भी लपेट लिया और कहा कि चुनाव के दौरान पर्चा भरने वक्त ने वीरभद्र सिंह ने आयोग को गलत जानकारियां दी थी।इसकी शिकायत आयोग से की गई थी। आयोग ने कहाहै किअगर आपकों कािेई आपति है तो वो अदालत में जा सकते है।जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि चुनाव आयोग इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने में सक्षम है।
इससे पहले 16 अप्रैल को अरुण धूमल ने वक्कामूल्ला की कंपनी के दफ्तर के रेनोवेशन का ठेका विक्रमादित्य व अपराजिता कीकंपनी को 1 करोड़ 20 लाख रुपए में देने का आरोप लगाया था। आयकर विभाग वीरभद्र सिंह के परिवार केआयकर मामलों क जांच कर रहा है। मामले को शिमला से चंडीगढ़ ट्रासंफर करने के आयकर विभाग के आदेश पर प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टे दिया था। इसके खिलाफ आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में होनी है।वीरभद्र सिंह सरकार ने धूमल उनके दोनों बेटों भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और अरुण धूमल के खिलाफ एचपीसीए मामले में मामले दर्ज कर रखे है।दोनों पक्षों के बीच मानहानि के मामले भी अदालतों में चल रहे है।
(0)