शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आय से अधिक संपति मामले में मनी लांड्रिंग वाले पहलु की जांच करने वाले मोदी सरकार के इंफोर्समेंट विभाग के अधिकारी भूपेंद्र सिंह नेगी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए प्रदेश सरकार के डीजीपी से सुरक्षा मांगी है। शिमला में तैनात इडी के सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी भूपेंद्र सिंह नेगी हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग से केंद्र के वित मंत्रालय के इंफोर्समेंट विभाग में डेपुटेशन पर गए हुए है।मजे की बात है कि जेटली की इडी को कूल डाउन करने के लिए अनाधिकारिक तौर पर चीफ सेक्रेटरी पी मित्रा व डीजीपी संजय कुमार की डयूटी लगाई गई हैं।
भूपेंद्र नेगी मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया की संपतियों की जांच भी कर रहे थे । अब ये मामला चंडीगढ़ रेफर हो गया है। नेगी ने सुभाष आहलुवालिया से पूछताछ भी की थी। इस बीच प्रदेश सरकार ने उनका डेपुटेशन समाप्त कर उन्हें वापस प्रदेश में भेजने के लिए 13 अगस्त को केंद्र सरकार को चिटठी भेज दी है। अब नेगी ने खुद को सुरक्षा मांग ली है। दिल्ली से इडी के आला अधिकारियों ने कहा कि वो नेगी को स्पोर्ट करेंगे। उन्होंने मना कि नेगी मुख्यमंत्री के मनी लांड्रिंग वाले पहलु की जांच देख रहे है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की खबर के मुताबिक इडी के आला अफसरों ने कहा है कि मामला उनके नोटिस में है व वो अपने अधिकारी का साथ देंगे।
इससे पहले कई बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन लगाए आरोपों को बेबुनियाद व राजनीतिक साजिश करार दे चुके है।भूपेंद्र नेगी के मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में दो दिनों तक हंगामा हो चुका है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या केंद्र की मोदी सरकार इस अफसर का डेपुटेशन समाप्त करने के प्रदेश सरकार के आग्रह को मान लेगी या फिर अदालत के आदेशों का हवाला दिखाकर वीरभद्र सरकार को ठेंगा दिखा देगी।
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