शिमला। प्रदेश में शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव शिक्षा व शिक्षा निदेशक को आज ही आदेश दिए गए हैं, कि पूरे प्रदेश में शिक्षा विभााग में की गई प्रत्येक प्रतिनियुक्ति को रद्द कर दिया जाए और अध्यापक जहां से भी आएं हो वे वहीं वापस जाएं।
वीरभद्र सिंह अर्की से भाजपा विधायक गोविंद राम शर्मा के उस प्रश्न का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने प्रतिनिुक्ति को रद्द करने बारे सवाल पूछा था। उन्होंने कहा कि अपनी सहुलियत के अनुसार जो अध्यापक जिला मुख्यालयों में जम कर बैठे हैं, उन्हें तत्काल वापस भेजा जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इन प्रतिनियुक्तियों की कोई जानकारी नहीं है। अभी जानकारी मिलते ही उन्होंने सभी प्रतिनियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दे दिया है। नेता प्रतिपक्ष धूमल ने इस पर सवाल किया कि जिलों में बैठे उप शिक्षा निदेशक क्या कर रहे हैं, वे क्यों स्कूलों की इंस्पेक्शन नहीं कर सकते। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उप निदेशक शिक्षा को बहुत से प्रशासनिक काम देखने होते हैं, इसलिए वे इंसपेक्शन का काम नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने सैंदांतिक रूप से फैसला किया है कि प्रत्येक जिलों में जिलानुसार एक इंस्पेक्टर व एक डिप्टी इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाएगी जो किसी भी स्कूल का किसी भी समय औचक निरिक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े जिलों में इंसपेक्टर के साथ दो-तीन डिप्टी इंस्पेक्टर नियुक्त किए जाएंगे।
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