शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा मुख्यालय पर 29 जनवरी को हुए खूनी कांड पर भाजपा की ओर से सदन में किए हंगामें को निंदाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि ये सब हंगामा इसलिए हो रहा है क्योंकि इनके नेता के खिलाफ कई मामले चल रहे है और कई अदालतों में चल रहे है। जिसकी आंच से ये खीझ रहे है।कई मामले बन चुके है और कई बन रहे है। ये पिछले दो सालों से यही कर रहे है।कोई न कोई बहाना लेकर हंगामा कर देते है। पर रजिस्टर पर हाजिरी लगाना नहिीं भूलते ताकि भता मिल जाए।
जिस वक्त मुख्यमंत्री सदन में इस मसले पर बोल रहे थे भाजपा विधायक वाकआउट कर बाहर जा चुके थे।वीरभद्र ने कहा कि विपक्ष ने सदन की परंपरा को कुचला है।स्पीकर की आज्ञा के बिना प्रतिरोध पैदा किया है। राजनीतिक कारणों से इस हादसे का जिक्र बढ़ा चढ़ा कर किया जा रहा है।मोदी सरकार ने पिछले दिनलपों भूमि अधिग्रहण बिल को संसद में लाया था जो किसानों के हितों के खिलाफ था। इस पर ससंद में बहस हो रही थी। गांवों व शहरों में विरोध हो रहा था।राजनीतिक पार्टिया प्रदर्शन कर रही थी।ऐसे में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की कॉल पर प्रदेश युवा कांग्रेस ने भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और इस तरह के प्रदर्शन हर प्रदेश में हुए।
वीरभद्र सिंह ने सदन में कहा कि वो युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह की शालीनता को बधाई देना चाहते है कि उन्होंने एक दिन पहले पहला नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल को टेलीफोन कर सूचित किया आपके कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे है। [ हालांकि बाद में धूमल ने सदन में कहा उन्हें फोन तब आया था जब वो भाजपा कार्यालय पहुंच चुके थे।उन्होंने प्रदर्शग्न करने को मना किया था। विक्रमादित्य ने मुझसे कहा था कि उन्हें उपर से आदेश है। धूमल ने कहा कि अमूमन उपर का मतलब ये समझा जाता है कि आलाकमान का आदेश है या हॉलीलॉज का] साथ ही आग्रह किया कि केंद्र में भाजपा की सरकार है तो आप केंद्र सरकार से इस बिल को वापस लेने का आग्रह करे। वीरभ्ज्ञद्र सिंह ने कहा कि विक्रमादित्य ने शालीनता क्या दिखाई फिजूल में मुसीबत मोल ले ली। पहले से सतर्क होने पर संघ और भाजपा के कार्यकर्ता तैयार हो गए।कार्यकर्ताओं को दूर दूर से बुलाया गया ताकि हुल्लड़बाजी हो ।अबालुगंज में ही विक्रमादित्य ने कहा कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण होग। यही नहीं झंडे भी उन्होंने प्लास्टिक की पाइपों में लगाएं।भाजपाइयों ने कार्यालय से पहले ही सड़क में जंजीर लगाकर पब्लिक रोड़ को रोक दिया और पुलिस ने युवा कांग्रेस के काय्रकर्ताओं को चार पंक्तियों में घेर दिया। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिसमें बुचड़खाने के बुचड़ भी थे, ने पत्थबाजी और डंडों से हमला कर दिया।वो भाजपा कार्यालय के गेट तक नहीं गए।चैनल की वीडियो फुटेज मैने खुद देखी है उसमें भाजपा कार्यकर्ता जमकर पत्थरबाजी कर रहे है।युवा कांग्रेस के लोगों पर डंडे पड़े उसका जिक्र नहीं था।
उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि एक व्यक्ति को पत्थर लगा। इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच हुई लेकिन भाजपा इसमें शामिल नहीं हुई। वो सबूत पेश करते । लेकिन उनकी चाल कुछ और थी। उनके नेता सरकार से नारज है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि वो राजनीतिक दल है अगर वो राजनीतिक लड़ाई लड़ना चाहते है तो सदन के बाहर लड़े। हम लड़ाई के लिए तैयार है। पत्थर का जवाब ईंट से देंगे।
इस बीच वाकआउट कर बाहर गए भाजपा विधायक वापस सदन में आ गए।भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने सदन में कहा कि उन्होंने इस मसले पर चर्चा की गुजारिश की थी।नारेबाजी भी की।अ वाकआउट भी किया लेकिन चर्चा की इजाजत नहीं मिली। लेकिन मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब दे दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया । भाजपा विधायकों ने सदन में जो हंगामा किया उस पर अपना वक्तव्य दिया।
बिंदल ने बोलते रहे और कहा कि जिन्होंने गुंडागर्दी की उन्हें सीएम ने सदन में क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि जब ये घटना हुई थी उसी समय वीरभद्र सिंह ने दिल्ल्ी से ब्यान देकर क्लीन चिट दे दी थी। ऐसे में एडीएम क्या जांच करते। भाजपा ऐसी जांच में शामिल क्यों होती। पीजीआई से रिपोर्ट तक नहीं आई है।सरकार सदन से उपर हो गई है।
इस हंगामें के बीच सीएम ने कहा कि वॉकआउट किया है तो बाहर रहो। इस पर भाजपा विधायक भड़क गए। उन्होंने कहा कि ये हमारा अधिकार है हम कब वाकआउट करे और कब सदन में आए।
वीरभद्र फिर उठे और भाजपा विधायकों से कहा कि वो स्पीकर को गुंडागर्दी के दम पर मनाना चाहते है। स्पीकर पर दबाव बनाया जा रहा है। इस पर रणधीर शर्मा ने कहा कि विरोध करना हमारा अधिकार है।
इस बीच हिलोपा नेता महेश्वर सिंह ने कहा कि हर इस तरह की चर्चा के लिए जीरो आवर का प्रावधन किया जाए। लेकिन इससे पहले जब महेश्वर सिंह बोलने को उठे तो भाजपा विधायक उनके विरोध में आ गए। महेश्वर सिंह ने कहा कि स्पीकर की रुलिंग आने के बाद भी व्यवधान हुआ। इसलिए जीरो आवर का प्रावधान किया जाना चाहिए।
जब धूमल ने सदन में खोले पुराने कानामे-:इस बीच नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने सीएम को याद दिलाया कि भाजपा विधायक तो वेल में आए हैं। आप अपनपा वो जमाना याद करें जब में सीएम होता था और आपने मेरे टेबल को बजाया था। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि जब सुजानसिंह पठानिया कांग्रेस विधायक होते थे तो वो वेल में पंजाबी में गाते थे बेच दिया बेच दिया, हिमाचल बेच दिया। इस पर पठानिया ने चुटकी ली कि वो नाचे नहीं। धूमल ने भी चुटकी में जवाब दिया कि टोली में कछ गाने होते है तो कुछ नाचने वाले।
उन्होंने सीएम से कहा कि पिछली बार आप दिल्ली चले गए थे। तब कौल सिंह और विधायक के बीच व्यक्तिगत तौर झगड़ा हो गया। तब वो वाकआउट कर गए। ऐसा चलता रहता है।
जब धूमल ने सदन में पढ़ा विक्रमादित्य का पत्र-: सदन में भाजपा मुख्यालय पर हुए हमले को लेकर बहस की मांग चली नोक झोंक के दौरान धूमल ने विक्रमादित्य की ओर धूमल को लिखे पत्र को सदन में पढ़ा। इस पत्र में विक्रमादित्य ने धूमल को लिखा कि भाजपा मुख्यालय पर हुई पत्थरबाजी से उन्हें बहुत जो पीड़ा हुई है उसे वो शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता।वो युवा कांग्रेस के अध्यक्ष्ज्ञ के तौर पर इसके लिए खेद जताते है व जो घायल हुए उनके स्वास्थ्य की कामना करता हूं। भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए आगे से सजग रहना होगा। राजनीति में वैचारिक लड़ाई होती हैं वहां हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। ये प्रदर्शन अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की कॉल पर किया गया था। ये सब भाजपा मुख्यालय से भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से की गई पत्थरबाजी के प्रतिकार में हुआ। धूमल ने कहा कि वो विक्रमादित्य की समझ को धन्यवाद करते है।
धूमल ने कहा उन्होंने भी विक्रमादित्य को इसका जवाब पत्र लिखकर दिया। उन्होंने सदन में अपनी ओर से विक्रमादित्य को भेजा पत्र भी पढ़ा। इसके बाद उन्होंने इस कांड पर चर्चा कराने की मांग की।
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