शिमला । 29 जनवरी को भाजपा मुख्यालय पर हुए खूनी संघर्ष का मसला कही गूंज आज विधानसभा में खूब गूंजी। भाजपा विधायकों ने सदन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वो प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। भाजपा विधायकों ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री का बेटा शामिल है। विपक्ष नेता प्रेम कुमार धूमल समेत भाजपा विधायक पूरे प्रश्नकाल के दौरान वेल में आकर नारेबाजी करते रहे और मुख्यमंत्री व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे है।
मसले पर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग को लेकर बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में विपक्षी पार्टी भाजपा की ओर से किए हंगामे के बीच प्रश्नकाल पौने घंटा देरी से शुरू हुआ। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायक व चीफ व्हीप सुरेश भारद्वाज ने खड़े होकर स्पीकर से विधायकों की ओर से नियम 69 के तहत दिए स्थगना प्रस्ताव के तहत चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को भाजपा मुख्यालय पर हमला किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला नहीं था बल्कि ये विपक्ष पर हमला था।
इस बीव भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने इस मामले में धारा 307 के तहत कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। जिन लोगों ने पत्थरबाजी की है,उन्हें चेयरमैन बना कर नवाजा गया है।
इस पर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने कहा कि भाजपा विधायकों का प्रस्ताव उनके पास आ गया है। अभी उन्हें इस पर फैसला लेना है जब तक वो फैसला नहीं ले लेते इस पर चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने भाजपा विधायकों की ओर से नियम 67 के तहत दिए प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा कि वो भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से नियम 62 के तहत दिए प्रस्ताव पर चर्चा कराने को तैयार है। उन्होंने ये प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है व वहां से जवाब आते ही चर्चा कराई जाएगी। इस बीच भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने नियम 62 के तहत चर्चा के लिए जो प्रस्ताव दिया था उसे वापस लेते है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ये प्रस्ताव 15 दिन पहले दिया था । अगर इस पर अब तक सरकार से कोई जवाब नहीं आया है। उनके साथी विधायकों की ओर से नियम 67 के तहत दिए प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए। स्पीकर ने कहा कि नियम 67 के तहत आए प्रस्तावों को वो नामंजूर करते है।
भाजपा विधायक सतपाल सती ने स्पीकर से कहा कि वो सरकार के ही स्पीकर नहीं है ,भाजपा के स्पीकर भी है।वो स्पीकर का संरक्षण चाहते है। भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने कहा कि दंगा-फसाद करने वाले प्रदेश में खुलेआम घूम रहे है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमलावरों का नेतृत्व मुख्यमंत्री का बेटा कर रहा था। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
स्पीकर ने इस पर चर्चा की इजाजत नहीं दी। जिस पर भाजपा विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।सती ने कहा कि इस मामले में शामिल एक व्यक्ति जिसके खिलाफ 22 मामले दर्ज है उसे चेयरमैन बना दिया है। विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि ये गंभीर मसला है। राजनीतिक दल के मुख्यालय पर हमला हुआ है। शीशे टूटे है।पार्टी के कार्यकर्ता व कर्मचारी घायल हुए है। भाजपा नेता राजेश शारदा की आंखें की रोशनी चली गई है। उन्होंने स्पीकर से कहा कि नियम 62 व 67 में न पकड़ कर अपनी आत्मा की आवाज सुनकर फैसला लें। स्पीकर ने कहा कि वो किसी अन्य नियम के तहत चर्चा की मांग करे। नियम 67 के तहत चर्चा नहीं कराएंगे।
नारेबाजी व शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल चलता रहा और पूरे प्रश्नकाल के दौरान भाजपपा विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे । प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर चले गए। स्पीकर ने अगली कार्रवाई शुरू कर दी तो भाजपा विधायकों ने उनकी मांग पर चर्चा न कराने के विरोध में सदन से वॉक आउट कर दिया।
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