शिमला। विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में विजीलेंस जांच का सामना कर रहे है पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरभद्र सिंह को कहा है कि अगर उन्हें जांच का इतना ही शौंक है तो मुख्यमंत्री के बजाय थानेदार बनना चाहिए था। धूमल के हवाले से भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा की ओर जारी ब्यान में धूमल ने कहा प्रदेश आर्थिक दिवालिएपन के कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में राजनीतिक विरोधियों पर व्यक्तिगत आरोप लगाना और कीचड़ उछालना घटियश राजनीति का सबूत है।
धूमल ने वीरभद्र कहा है कि अगर वह उनकी संपतियों की जांच करवाना चाहते है तो अपनी संपतियों की जांच भी सीबीआई से करवाएं । वह केवल विरोधियों की जांच करा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि रामपुर में करोड़ों का होटल किसका बन रहा है । होटल के सौंदर्यीकरण में खलल न पड़े न पड़े इसके लिए बससटैंड किसके आदेश पर हटाया जा रहा है।होटल के सामने पार्क बनाने केलिए नगर परिषद पर कौन बार बार दबाब डाल रहा है।
वीरभद्र सिंह उम्र भर एक रुपया वेतन लेने का ढोंग करते रहे और वो कोई व्यापार भी नहीं करते।ऐसे मेंउनके व उनके परिवार में करोड़ों की संपतियां कहा से आ गई। प्रदेश की जनता ये भी जानना चाहती है कि महरोली में करोड़ों का फार्म हाउस किसने खरीदा।उन्होंने कहा कि जो शीशों के घरों में रहते उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर फेंकने से पहले हजार बार सोचना चाहिए। भाजपा जल्दी ही वीरभद्र सिंह की संपतियों का ब्यौरा जनता के सामने लाएगी।
धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह कीचड़ उछाल राजनीति के जनक है। दूसरों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना उनकी पुरानी फितरत है। पूर्व वो वह अपने समधी और एक पुलिस अधिकारी के कंधे पर बंदूक रखकर निशाने साधते रहे और हर मुंह की खाने पर अब खुद आरोप लगा रहे है।धूमल ने इस समधी और पुलिस अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया है।उन्होंने कहा कि उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
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