दिल्ली/ शिमला।। मोदी सरकार में ताकतवर मंत्री व हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी वित मंत्री अरुण जेटली के अधीन इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने मनी लांड्रिंग केस में 83 वर्षीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पूछताछ के लिए 13 अप्रैल को तलब किया हैं। उधर इसी मामले में करीब नौ महीने (जुलाई)से जेल में बंद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने रदद कर दिया हैं। इडी ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी की अदालत में दलील दी कि आनंद चौहान को अगर जमानत दे दी जाती हैं तो वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इससे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह संकट में घिर गए हैं। जबकिनिश्चित तौर पर ये पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के लिए बर्थडे गिफ्ट से कम नहीं हैं।
इस सारे घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को उनके जन्मदिन पर फोन पर बधाई संदेश भेजा हैं। इस बधाई संदेश के कूट मायने बताए जा रहे है।
इडी दो बार पहले भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सम्मन भेज चुका हैं लेकिन मुख्यमंत्री नहीं गए । अबकी बार वो जाएंगे या नहीं ये देखना हैं। अगर इडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहेगी तो इस बार अदालती सुरक्षा घेरा भी नहीं हैं।
मनी लांड्रिंग के इस केस में मुख्यमंत्री वीरभद्र की पत्नी व पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह व उनके पुत्र व प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह से पहले ही लंबी पूछताछ हो चुकी हैं।अब इडी मुख्यमंत्री का बयान लेना चाहती हैं। अरेस्ट करेगी इसकी भी बराबर आशंका हैं।
राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि ये इस बात पर निर्भर करेगा की धूमल परिवार क्या चाहता हैं।धूमल के जन्मदिन पर उन्हें बधाई संदेश देना इसीलिए मायने रखता हैं।गौरतलब हो कि 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में एचपीसीए का मामला भी लगा हैं।उस मामले में वीरभद्र सरकार का स्टैंड महत्वपूर्ण होगा।
वीरभद्र सिंह लगातार कहते आ रहे हैं कि उनके खिलाफ धूमल परिवार साजिश कर रहा हैं। इस बावत छोटे घूमल भी अपनी फेसबुक वाल पर कुछ न कुछ जाहिर करते ही रहते हैं।उनकी फेसबुक वाल दिलचस्प हैं।
सीबीआई व इडी की ओर से मुख्यमंत्री वीरभद्र व उनके परिवार के सदस्यों को इस मामले में अरेस्ट न करने के पीछे वीरभद्र सिंह की प्रधानमंत्री मोदी से उनके दोस्ताना ताल्लुकात को वजह माना जा रहा हैं। इडी पर तो इल्जाम ही ये है कि एलआईसी एजेंट को तो जेल में डाल रखा हैं जिसके पैसे थे वो राज कर रहा हैं।
ऐसा क्यों हैं इसका जवाब भाजपा नेताओं के पास भी नहीं हैं।ऐसे में इडी की ओर से पूछताछ के लिए ये तलबी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
आय से अधिक संपति मामले में पहले ही सीबीआई ने अदालत में चालान पेश कर दिया हैं। इसमें ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं।हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी हैं लेकिन उनकी याचिका पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई हैं।बहरहाल ,मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह संकटों से घिर गए हैं।
हालांकि वीरभद्र सिंह ने इडी का सम्मन मिलने के बाद मीडिया से कहा कि वो भाजपा की साजिशों का मुकाबला करेंगे।उन्होंने कहा कि वो कानूनी व राजनीतिक दोनों स्तरों पर मुकाबला करेंगे।
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