शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए कांड में प्रदेश के वरिष्ठ अफसर दीपक सानन को आरोपी बनाने के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विजीलेंस और की एंटी क्रप्शन ब्यूरो को केंद्र की मोदी सरकार के सीवीसी ने तलब कर उससे जवाब तलबी की है।
सचिवालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र सिंह सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन की अभियोजन मंजूरी के लिए फाइल केंद्र की मोदी सरकार को भेजी थी। लंबा अरसा हो जाने के बावजूद मोदी सरकार की ओर से सानन के मामले में मंजूरी नहीं मिली। पता चला कि फाइल सीवीसी के कब्जे में है।इससे पहले कि इस मामले में सीवीसी ने सानन के अभियोजन की मंजूरी देती या उसे नामंजूर करती,उसने विजीलेंस से जवाब तलबी कर ली।
सीवीसी ने पूछा कि सरकार ने किसी समय पर खुद कहा है कि सानन की एचपीसीए मामले में किसी तरह की मिलीभगत साबित नहीं होती है और केस नहीं बनता है।बावजूद इसके सरकार ने सानन को एचपीसीए जमीन हड़पने के भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के कांड में अभियोजन की मंजूरी मांगी है।
सीवीसी की जवाब तलबी से वीरभद्र सिंह की विजीलेंस में हड़कंप मच गया।विजीलेंस सूत्रों की माने तो जवाब देने के लिए डीआईजी विजीलेंस एपी सिंह और एसपी विजीलेंस कांगड़ा विमल गुप्ता सीवीसी के दरबार में पेश हो आए हैं और अपना पक्ष रख आए ।
सूत्रों के मुताबिक सीवीसी इन अफसरों की मुंह जुबानी दी गई व्याख्या से शांत नहीं हुआ है और लिखित में सब कुछ मांगा गया है।
उधर, दीपक सानन 31 जनवरी 2017 को सेवानिवृत होने वाले है और किसी भी तरह इस कांड से बाहर निकलने की कोशिश में जुटे है।अब सारा दारोमदार मोदी की सीवीसी पर है कि वह सानन के मामले में क्या करती है।
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