शिमला। माकपा ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार को नाकाम करार देकर कहा है कि इस सरकार में कई विभाग और अधिकारी स्वायत हो गए है। सरकार का उन पर कोई जोर नहीं चल रहा है। वो आज कारपोरेट घरानों के लिए काम कर रहे है जबकि तनख्वाह सरकारी खजाने से हासिल कर रहे है।
माकपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सचिव राकेश सिंघा,पार्टी नेता ओंकार शाद और पार्टी सचिवालय सदस्य टिकेंद्र पंवर ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के नौ महीने के कार्यकाल में ये सामने आया है कि सरकार की पॉलिटिकल अथारिटी कमजोर हो गई। इससे पुलिस और लेबर विभाग खुद को स्वायत समझने लग गए है।
इसी तरह कुछ अन्य विभागों ने भी इसी रास्ते पर चलने के संकेत दिये हैं जिनमेंएचपीएमसी भी शामिल हो गया है। इन सभी ने अपने आपको कारपोरेट व बड़ी पुंजी के हितों के लिए किसानों व मजदूरों के अहित में राज्य राजनैतिक प्रशासन से अलग कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि यह रणनीति मुख्यमन्त्री कार्यालय की स्वीकृति से अमल में लाई गई है या नहीं। हालांकि श्रम आयुक्त का दावा है कि श्रम विभाग की कार्यप्रणाली को कारपोरेट घरानों के पक्ष में बदलने के लिए राजनैतिक स्वीकृति ली गई है। उन्होंने कहा कि विभाग ने प्रदेश में नया चलन चला दिया है जिसके तहत मजदूरों की युनियनों का पंजीकरण करने से पहले कंपनी व फैक्टरी के सीईओ से मंजूरी ली जा रही है। छः महीने बीत जाने के बावजूद भी जेपी सीमेंट प्लांट बाघा के मजदूरों जिन्होने 17 सितम्बर 2013 को अपने पहचान पत्रों के साथ 900 मजदूर श्रम आयुक्त कार्यालय में व्यक्तिगत पहचान के लिए पंहुचे थे। जेपी
प्रबन्धन ने मजदूरों के नेतृत्व को धमकी दी है कि यदि उन्होने के पंजीकरण के लिए दबाव बनाया तो उन्हे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। जेपी सीमेन्ट में 1500 मजदूर बहुत दयनीय स्थिति में काम कर रहे है। लगता है श्रम आयुक्त ने कम्पनी के हितों को साधने की शपथ ले रखी है। इन वामपंथी नेताओं ने कहा कि श्रम आयुक्त ने उच्च स्तरीय शक्तियां ले रखी है तथा उच्च न्यायलय की शक्ति को भी सीधे तौर पर चुनौती दे रही है। कुल्लू में एक फैक्टरी में स्थानीय विधायक महेश्वर सिंह को अंदर नहीं घुसने दिया गया। छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में एसएचओ खुद ही मेजिस्ट्रेट की शक्तियों का इस्तेमाल कर रहा है तथा 18 सिंतबर को विवादित
तेंजिन अस्पताल से 300 मीटर की दूरी पर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज व शिमला लोकसभा सीट से माकपा के घोषित प्रत्याशी जगत राम को बहुत ही बुरी तरह से पीटा गया।
उन्होंने कहा कि परवाणू में 15 करोड़ का सेब सड़ गया। ये सेब प्राइवेट व्यक्ति के कोल्ड स्टोर में रखा गया था।अब इसके पैसे एचपीएमसी भरेगा। किराया बढ़ा कर प्राइवेट बस आपरेटरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इन नेताओ ने कहा कि सात अक्तूबर को सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
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