शिमला।सुक्खू सरकार गिराने की नाकाम कोशिश व छह कांग्रेस विधायकों के भाजपा के पाले जाने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने देरी ही से सही पर हरकत में आया है और हालीलाज कांग्रेस की सर्वेसर्वा प्रतिभा सिंह के पर कतर दिए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी व अर्की विधानसभा हलके में सुपर सीएम के नाम से ख्यात कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और मंडी जिला के धर्मपुर से कांग्रेस विधायक कामरेड चंद्रशेखर को प्रदेश कांग्रेस पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया हैं। पहले के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन, पवन काजल, राजेंद्र राणा तीनों ही भाजपा में जा चुके हैं।ये तीनों ही हालीलाज कांग्रेस के वफादार थे। लेकिन अब सुक्खू ने अपने करीबियों पर भरोसा जता कर अपने वफादारों को कार्यकारी अध्यक्ष बना पार्टी पर भी कब्जा करने का प्रयास किया हैं।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने आज इन नियुक्तियों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी हैं।
प्रतिभा सिंह को एक अरसे से अंदरखाते पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की जा रही हैं। राज्यसभा चुनावों में क्रास वोटिंग व छह कांग्रेस विधायकों के भाजपा में चले जाने के पूरे एपिसोड में उनकी भूमिका को लेकर आलाकमान को संदेह रहा हैं।लेकिन खुल कर अभी पार्टी में कोई जुबान नहीं खोल रहा हैं। पर अंदरखाते कशमकश जारी हैं।
उस दौरान पार्टी के पर्यवेक्षक डी शिवकुमार के शिमला आगमन पर पार्टी के कई नेताओं ने अपना पक्ष उनके सामने रखा भी था । प्रतिभा सिंह के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला को लेकर भी आलाकमान को जानकारी दी गई गई थी। हालांकि अभी राजीव शुक्ला को लेकर आलाकमान ने कोई फैसला नहीं लिया हैं।
प्रतिभा सिंह मंडी से टिकट लेने के इच्छुक है लेकिन जिस तरह की राजनीतिक परिस्थितियां उभर गई हैं उनको भी मंडी के कांग्रेसी नेता सबक सिखाने की मुड़ बना चुके है। ऐसे में उनके लिए जमीनी स्तर से सही संकेत नहीं मिल रहे हैं। जबकि सुक्खू खेमा व आलाकमान चाहता है कि वह चुनाव लड़े व अपना जलवा दिखाएं।वह चुनाव से इंकार भी करती रही हैं। अब उनको टिकट मिलता है या नहीं इसका इंतजार सभी को हैं।
सभी जानते है कि वह 2021 के उप चुनावों में किसके बूते जीती थी। तब पूरी कांग्रेस एक हो गई थी लेकिन 2022 के विधानसभा चुनावों में हारे गए कांग्रेसियों का कहना रहा है कि उनके साथ दगाबाजी हुई। बहरहाल अब आलाकमान ने देरी से ही सही कोई तो फैसला लिया हैं। अब एक जून तक भाजपा व कांग्रेस में आए दिन खेला होते रहना हैं।
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