शिमला।लोकसभा चुनावों में मोदी-शाह की पीठ सवार होकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा और नेता प्रतिपक्ष व सुक्खू सरकार के गिरने पर मुख्यमंत्री बनने का सपना पाल रहे जयराम ठाकुर की भाजपा को हाशिए पर धकेले गए भाजपाइयों तबाह करने काबड़ा प्लान बना दिया हैं। अंदरखाते प्रदेश भर कई कुछ हो चुका हैं।
इन लोकसभा चुनावों में मोदी-शाह की दबंग राजनीति के अलावा नडडा व जयराम खेमे की चाल भरी राजनीति को करारा तमाचा लगाने की योजना बन रही हैं। कांग्रेस से आयात कर भाजपा में शामिल किए गए कांग्रेसियों को हाशिए पर धकेले गए भाजपाइयों ने मंजूर करने से इंकार कर दिया हैं।
ऊना में पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने अभी तक बगावत का डंका बजाया हुआ हैं। उधर देहरा में रमेश ध्वाला के सुर पूरी तरह से भाजपा को परेशान करने वाला हैं। आज हमीरपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल पहुंचे तो उनकी अगुवाई में न तो पूर्व भाजपा दिग्गज जगदेव चंद के पुत्र नरेंद्र ठाकुर चंद गए और उर्मिल ठाकुर ने भी दूरी बनाए रखी। इसके अलावा सुजानपुर से 2022 में विधानसभा चुनावों में बेहद कम अंतराल से हारे भाजपा प्रत्याशी रणजीत राणा ने भी दूरी बनाए रखी।
हमीरपुर के बाद पंडोह में नडडा-जयराम भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व विधायक कर्नल इंद्रर सिंह ,जवाहर ठाकुर, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह पुत्र अभिषेक ठाकुर, मंडी से प्रवीण शर्मा, कुल्लू से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के पुत्र हितेश्वर ठाकुर,किन्नौर से भाजपा नेता तेजवंत नेगी समेत कई नेताओं ने पंडोह में चाय पार्टी की। मायने साफ है कि मोदी-शाह के अलावा नडडा-जयराम भाजपा को सबक सिखाने का मंसूबा बांध लिया गया हैं। लाहुल स्पिति में रामलाल मारकंडा पहले ही भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं।
कांगड़ा से पूर्व मंत्री राकेश पठानिया कहीं अलग ही गुल खिला रहे हैं।
उधर, पूर्व सांसद कृपाल परमार और संघ के बागी राजन सुशांत इस जंग में आहुति देने आएंगे या नहीं यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन आज के दिन तो ये तमाम नाराज भाजपाई नेता भाजपा को तबाह करने का मंसूबा बांध कर मैदान में उतर चुके हैं।
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