शिमला।बुधवार को विधानसभा के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और उसके बाद माकपा के कार्यालय पर हुए पुलिस हमले के मसले पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घटना के लिए सारी जिम्मेदारी एसएफआई कार्यकर्ताओं पर डाल दी
। सदन में इस मामले को भाजपा के चीफ व्हीप सुरेश भारदवाज ने प्रश्न काल के बाद उठाय।उन्होंने कहा कि माकपा के कार्यालय पर पुलिस का हमला होना गलत है। एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष को कार्यालय से उठाकर ले जाया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए।
इस पर मुख्यमंत्री अपनी सीट पर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि आप चर्चा के लिए नोटिस दें हम जवाब दे देंगे। सुरेश भारदवाज ने कहा कि उन्हें स्पीकर ने बोलने की इजाजत दी है। इस पर वीरभद्र फिर बोले उन्हें नहीं संज्ञान कि आप क्या बोलने वाले है। इस पर स्पीकर ने भारदवाज को कहा कि आप नोटिस दे।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष ने सुरेश भरदवाज के मसले को उठाते हुए कहा कि भाजपा विधायक इस मसले को सदन के संज्ञान में लाए हैं। माकपा तो आपके समर्थन में संसद तक कदमताल कर गई है। आपका ध्यान आकर्षित कर रहे है। किसी भी दल के कार्यालय पर हमला नहीं होना चाहिए। आप जब चाहे उतर दें।
इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में बताया कि बुधवार को एसएफआई का एक डेलीगेशन उनसे मिलने आया था। जब वो उनसे मिलने आए थे तो उनकी पीठ पर पीठू थे और हाथों में झंडे थे। उनके पिठुओं और झंडों को पुलिस ने बाहर उतरवा दिया । जब वो मिलने के बाद वापस गए तो उन्होंने अपने पीठु उठाए,झंडे लिए और बाहर चले गए। उन पिठुओं में पत्थर थे। बाहर जाते हुए उन्होंने पुलिस पर पत्थ बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस के साथ झड़प हुई।माकपा का कार्यालय साथ ही था। जो लोग पत्थर फेंक रहे थे वो सीपीएम के कार्यालय में घुस गए। उन्होंने कहा कि उनके माकपा के साथ मधुर रिश्ते है।वो हमारी सिस्टर पार्टी है। लेकिन अगर कोई अपराध करेगा तो उसे सरकार नहीं बख्शेंगी।
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