सुक्खू ने कहा जमीन वापस कर दो पैसा वापस ले लो
शिमला।विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के परिवार से जुड़ी जमीन पर जयराम सरकार में ही कई कुछ हो गया था।
मानसून सत्र के आखिरी दिन आज उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि बीते रोज भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री के परिवार को लेकर जो इल्जाम लगाए है वो सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत नदी के किनारे उस जमीन पर जयराम सरकार में काम शुरू कर दिया था। लेकिन बाद में पता चला कि वो जमीन सरकारी नहीं है ।वो निजी जमीन है। इस बावत नादौन की अदालत ने 16 दिसंबर 2021 को सरकार को नोटिस दिया कि नीजि जमीन पर निर्माण कैसे कर दिया। इसके बाद जयराम सरकार में ही तय किया गया कि जमीन मालिकों से बातचीत की जाए।28 मार्च 2022 को सौदे को लेकर वार्ता की गई। 31मार्च 2022 को इस जमीन की कीमत तय की गई ।
22 मई 2022 को इस जमीन के अधिग्रहण को लेकर एसडीएम नादौन ने प्रक्रिया शुरू कर दी।28 अप्रैल 2022 को इस पूरे मसौदे को डीसी हमीरपुर को भेज दिया गया। उसक बाद सरकार के स्तर पर मंजूरी दे दी गई। अग्निहोत्री ने कहा कि ये सब जयराम सरकार में ही हो गया था।
अग्निहोत्री ने कहा कि इस बीच प्रदेश में चुनाव आ गए और आचार संहिता लग गई। अगर आचार संहिता नहीं लगती तो इस जमीन की कीमत भी जयराम सरकार में ही अदा कर दी जाती।
दिसंबर में चुनाव हो गए और इस जमीन की कीमत का भुगतान दिसंबर में किया गया और तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गई थी। अग्निहोत्री ने कहा कि सब कुछ तो बीजेपी सरकार में हो गया था। यहां होने वाले निर्माण का उदघाटन भी जयराम सरकार में हो गया था।
सुक्खू ने कहा जमीन वापस कर दो पैसा वापस ले लो
इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीजेपी को कोई भी मसला हो उसे तथ्यों के आधार पर उठाना चाहिए। जिस जमीन पर ये टैंक बना वो उनके परिवार का साझा खाता था। अगर विभाग चाहे तो इस जमीन को वापस दें दे और जो उनको रकम मिली है वो वापस लें ले। इन मामलों की इडी जांच कर ही रही है। अगर विपक्ष के पास को ई तथ्य है तो वो सदन में उसे सभापटल पर रखे।
इस पर बीजेपी पूरी तरह से चुप रही।
आखिर में भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने ये कभी नहीं कहा कि आपने पैसे गलत लिए । बीजेपी ने तो ये कहा कि गांवों में इस तरह बावंड़ी,टैंक आदि के लिए जमीन दान दे देते है। हम तो ये कह रहे है।
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