शिमला।विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भाई के ही नहीं प्रदेश में 28 क्रशरों से रेत बजरी को बरसात में बेचने की मंजूरी दी गई थी।
इनमें से कांगड़ा में 23 व हमीरपुर में चार स्टोन क्रशरों को रेत बजरी बेचने की मंजूरी दी गई थी और उन्हें M फार्म दिए गए थे।
उदयोग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बीते रोज हमीरपुर से भाजपा विधायक अशीष शर्मा की ओर से सदन में इल्जाम लगाए गए थे कि बरसात में सभी क्रशरों पर रेत बजरी का खनन करने पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन एक क्रशर से रेत बजरी बिकता रहा था।
मंत्री उदयोग मंत्री ने कहा कि भाजपा विधायक ने ये इल्जाम केवल राजनीति करने के लिए लगाया।
मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि पिछले साल भारी बरसात में प्रदेश में भारी तबाही मची और नदी नालों से रेत बजरी के खनन पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन जिन क्रशरों में पहले से निकाला गया रेत व बजरी थी उसे बेचने की मंजूरी दी गई थी ताकि लोगों को सही कीमत पर निर्माण सामाग्री मिलती रहे।
मंत्री ने कहा कि बरसात में अमूमन हर साल खनन पर पाबंदी लगा दी जाती है ऐसे में क्रशर मालिक पहले ही ज्यादा खनन कर रेत बजरी स्टोर कर लेते हैं। उसी सामाग्री को बेचने की मंजूरी दी गई थी।
इस मसले पर खास बात ये रहीहै कि उदयोग मंत्री की ओर से पूरी स्थिति साफ करने के बाद न तो नेता प्रतिपक्ष और न ही बीजेपी के किसी अन्य विधायक ने सदन में कुछ कहा। जबकि बीजेपी विधायक जिन्होंने बीते रोज इस मसले को उठाया था वो सदन से गैरहाजिर रहे।
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