शिमला।सिटीजन राइटस प्रोटेक्शन फोरम ने पटवारियों की हड़ताल से सख्ती से निपटने व जरुरत पड़ने पर इन्हे नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है। फोरम के अध्यक्ष देशबंधु सूद ने कहा कि इन लोगों की नौकरी से पहले की पारिवारिक स्थिति क्या थी व अब क्या है, इसकी जांच सी.बी.आई., सी.आई.डी. या विजीलेंस से करवाई जाए ।
उधर,देशबंधू सूद के इल्जामों को संयुक्त पटवारी व कानूनगो संघ ने पूरी तरह से नकार दिया है।संघ के राज्य प्रधान प्रताप सिंह ने कहा है कि जो गलत करते है उनके खिलाफ सरकार का एंटी क्रप्शन ब्यूरो रंगे हाथों पकड़ता है और उन्हें सजा भी देता है।संघ ऐसे किसी भी व्यक्ति की पैरवी नहीं करता।ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फोरम को किसी ने गलत जानकारी दी है कि संघ हड़ताल पर है।हम हड़ताल पर नहीं है केवल अतिरिक्त काम छोड़ा है।
देशबन्धु सूद ने कहा कि कानूनगो एवम पटवारियों का कहना है कि इन्हें सरकारी कार्य के लिए आने जाने का खर्च 75 रुपए मिलता है व बिजली का बिल वे स्वयं देते हैं परन्तु ये लोग यह बताएं कि जब ये लोग डिमार्केशन के लिए जाते हैं तो आने जाने के लिए गाड़ी किसकी होती है । उन्होंने आरोप लगाया कि जमाबन्दी, ततीमा या अन्य किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र लोगों को देने के एवज में ये लोग जो उपर का धन लेते हैं वह किस कोष में जमा करवाते हैं, ये कानूनगो एवम पटवारी कम परन्तु प्रापर्टी डीलर ज्यादा हैं ।
प्रताप सिंह ने कहा कि पटवारी कानूनगो डिमार्केशन के कोई फीस नहीं लेते है और ततीमा व जमाबंदी के तीन चार रुपए जो भी फीस होती है वो पटवारखानों के बाहर चिपकाई गई होती है।अगर कोई ज्यादा पैसा लेता है तो इसके लिए संघ जिम्म्ेदार नहीं है।ऐसे लोग पकड़े जाने चाहिए।उन्होंने कहा कि एक कानूनग गो मौजूदा समय में 17 -17 सर्कलों का काम देख रहे है और पटवारियों के पास तीन तीन सर्कल है ।ऐसे में वह किस तरह काम कर सकते है। अगर किसी की डिमारकेशन करते हुए पांच बज जाए और डिमारकेशन पूरी न हो तो क्या उन्हें वापस घर चले जाना चाहिए। उनहोंने कहा कि सरकार उनकी डयूटी के घंटे बढा दे।उनका संघ जो संघर्ष के रास्ते पर है वह अपनी मांगों को लेकर है।क्रप्शन को वह कहीं भी उचित नहीं ठहरा रहे है।
सूद ने वर्तमान में जिला शिमला में गठित तहसीलदार संघ को लेकर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा कि संघ के प्रमुख पदाधिकारी ने शिमला नगर निगम क्षेत्र में तथा डी.आर.ओ. के रुप में जिला शिमला में क्या-क्या गुल खिलाए हैं, इसकी भी सी.बी. आई. जांच होनी चाहिए । इन संघों के अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ एक और भी धोखा किया हुआ है कि गैर कृषक को कृष्क बनाना जो शायद सरकार के इन लोगों ने धारा 118 के अन्दर राज्य के बाहरी लोगों को किस तरह से पटटेदार बनाया तथा जिस मकसद से यह कानून बनाया गया था इन लोगों ने इस कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं तथा हिमाचल की जनता के साथ संघों के नाम पर धोखा किया है ।
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