शिमला। कांग्रेस पार्टी संगीन इल्जाम लगाते हुए कहा है कि भाजपा के आंतकियों व अपराधियों से रिश्ते रहें है। राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव ने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद पर राजनीति के पक्ष में कभी नहीं रही है। लेकिन आज जो हालात हैं और जिस तरह से एक के बाद एक घटनाओं में लगातार आतंकियों तथा अपराधियों के तार भाजपा से जुड़े मिले हैं वैसे में सवाल पूछना जरूरी हो जाता है। यादव ने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में देश के साथ कितना घिनौना खेल खेल रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या में शामिल एक आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी भाजपा बीजेपी का कार्यकर्ता निकला। इसने बाकायदा बीजेपी के नेताओं की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली थी। मीडिया रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि रियाज राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के नेता और पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया के दामाद एवं पूर्व पार्षद अतुल चंडालिया की फैक्ट्री में काम कर चुका है। इसे भाजपा के कई कार्यक्रमों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया है।
इसी तरह जम्मू-कश्मीर में ग्रामीणों की ओर से पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों में से एक तालिब हुसैन शाह भाजपा का पदाधिकारी निकला। इसकी भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ व देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी तस्वीर है। यादव ने संगीन इल्जाम लगाया कि जब ये पकड़ा गया तब पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालुओं पर हमले की योजना बना रहा था।
उन्होंने मीडिया रिपोर्टस का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के कथित मास्टरमाइंड इरफान खान का निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा से संबंध हैं और राणा दंपति का भाजपा से क्या रिश्ता है ये किसी से छिपा नहीं है। इरफान खान राणा दंपति के लिए प्रचार करता था और वोट मांगता था।
2020 में जम्मू कश्मीर में आतंकियों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में भाजपा के पूर्व नेता एवं सरपंच तारिक अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया था। तारिक़ अहमद पर हिजबुल कमांडर नवेद बाबू को हथियार देने का आरोप था जो आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार हुआ था। एनआईए ने साफ तौर पर कहा भी था कि तारिक अहमद मीर दविंदर सिंह का सहयोगी है। यदि दविंदर सिंह के मामले की ढंग से जांच होती तो सच्चाई का पता चलता लेकिन जांच बीच में ही रोक दी गई।
यादव ने कहा कि 2017 में मध्यप्रदेश में एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए आंतकी संगठन आइएसआइ के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक भाजपा आईटी सेल का सदस्य ध्रुव सक्सेना भी था जिसकी राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ तक तस्वीरें है।
उन्होंने कहा कि इसके 2 साल बाद 2019 में मध्यप्रदेश में ही टेरर फंडिंग के आरोप में बजरंग दल के एक नेता बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई थी जबकि 2017 में असम के भाजपा नेता निरंजन होजाई को एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई। इन्हें एक हजार करोड़ के वित्तीय घोटाले एवं टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया था। इनकी फंडिंग से मिले पैसों से आतंकवादी हथियार आदि खरीदते थे जिसका इस्तेमाल देश की सेवा में लगे सुरक्षा बलों के खिलाफ होता था।
यादव ने कहा कि इतना ही नहीं भाजपा सत्ता के लिए अपराध सिद्ध आतंकवादी को भी टिकट देने से नहीं चुकी है। इसी भारतीय जनता पार्टी ने मसूद अजहर के शागिर्द मोहम्मद फारुख खान को स्थानीय चुनाव में श्रीनगर के वार्ड नंबर 33 से टिकट दिया था। जो जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट एवं हरकत उल मुजाहिदीन का सदस्य रह चुका है।
आतंकवादी मसूद अजहर को भी इसी भाजपा की सरकार ने छोड़ा था जिसके बाद उसने देश में कई आतंकी वारदात को अंजाम दिया। पुलवामा में जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था वहां 200 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा इसका जवाब अभी तक देश को नहीं मिला है। इसकी जांच अभी तक क्यों हुई ये भी एक सवाल है ।
यादव ने जनता का आहवान किया वह भाजपा के खोखले राष्ट्रवाद को पहचाने । उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद की आड़ में ये देश को खोखला करने का घिनौना खेल खेल रहे हैं।
यादव ने भाजपा पर बेहद संगीन इल्जाहम लगाए है अब बारी भाजपा की है कि वो इन इल्जामों का कांग्रेस को जवाब दें।
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