शिमला। बेरोजगारी भते पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने माना कि घोषणा पत्र में किया गया ये वादा पूरा उनकी कांग्रेस सरकार पूरा नहीं कर पाई है।
इसके अलावा सदन में गधे पर दो नों पक्षों में भिड़ंत हो गई और वीरभद्र सिंह ने व्यंग्यवाणों से विपक्ष को घायल करने का प्रयास किया। आखिर में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
घोषणा पत्र में बेरोजगारी भते पर घिरे सीएम ने कहा कि कोई भी सरकार घोषणा पत्र में किए गए वादों को सौ फीसद पूरा नहीं कर पाती हैं।
इस मसले पर सफाई देते हुए सीएम ने कहा कि सरकार ने कौशल विकास को ज्यादा महत्व दिया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भेते के वादे को भूले नहीं हैं। जब संसाधन होंगे, अलग से धन का प्रावधान होगा तो तो इस वादे पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी पांच साल नहीं हुए हैं। हो सकता हैं ये सरकार को बेरोजगार भता देने का प्रावधान करे और न भी करे।
बेरोजगारी भते पर मुख्यमंत्री अपने सरकार,पार्टी और विपक्ष के निशाने पर थे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव सदन में मुख्यमंत्री व विपक्षी भाजपा सदज्ञस्यों के बीच खूबगर्मागर्मी भी हुई। भेदभाव के विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए मुख्यमंत्री ने उल्टे विपक्ष ही क्षेत्रवाद, जातिवाद के इल्जाम जड़ते हुए विपक्ष की मानसिकता पर ही सवाल उठा दिया। इस पर भाजपा सदस्यों ने आपति जताई। मुख्यमंत्री ने मामला बिगड़ता देख अपने शब्द वापस ले लिए। भाजपा सदस्यों पर हमला करने से मुख्यमंत्री फिर भी बाज नहीं आए।उन्होंने कहा कि भाजपा कि रजनीति ही जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई-भतीजा वाद की हैं। भाजपा ने इस पर फिर आपति जताई।
यही नहीं वो टोपी के रंग को भी सदन में ले आए और भाजपा सदस्यों पर हमला बोला कि भाजपाई तो लाल टोपी ओर हरे रंग की टोपी पर भी बांटने की राजनीति करती हैं, फिर सतापक्ष की ओर मुखातिब हो कर कहा कि वो आप हरी ही नहीं लाल रंग की टोपी भी पहना करे ताकि ये टोपी का भेदभाव खत्म किया जा सके।
नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने पलटवार करने की कोशिश की व कहा कि लाल टोपी तो आपके घर में भी लगने लगी हैं।
सीएम ने कहा कि आप पीली,नीली टोपी क्यों नहीं पहनते।भाजपा बोलती है ये हरी ब्रिगेड हैं और लाल ब्रिगेड हैं। कांग्रेस सरकार भेदभाव पर विश्वास नहीं करती। इस बीच नेता प्रतिपक्ष धूमल ने एचआरटीसी में भर्ती में हुए घोटाले का मामला उठा दिया व कहा कि अदालत ने एफआईआर के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कंडक्टर भर्ती में 73 कंडक्टर नगरोटा बगवां से व 37 रोहड़ू से लगे थे अब मामला अदालत में हैं।
इस पर परिवहन मंत्री जी एस बाली ने धूमल की ओर मुखातिब होकर तल्खी से कहा कि भाजपा सरकार ने पांच साल तक विजीलेंस जांच चलाई और अदालत में रिपोर्ट दी कि कुछ नहीं बनता। भाजपा सरकार में ही उनको क्लीन चिट मिल गई थी। भाजपा के समय में ओबीसी के एक वकहल ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। मेरा मुंह मत खुलवाओ । अगर नगरोटा बगावां का कोई लग जाता हें तो किसी को तकलीफ क्यों होती हैं। इस बीच सीएम ने सफाई दी कि रोहड़ू से पांच सात लगे होंगे।
बाली ने कहा कि ये अदालत का मामला हें इसे अदालत में ही रहने दो।
इस बीच भाजपा के कर्नल इंद्र सिंह कुछ बोलने लगे तो मुख्यमंत्री ने व्यग्ंय किया कि ” कर्नल साहब, वहीं रहना । अच्छा हुआ हमारी पार्टी से चले गए”।
सीएम ने कहा कि उनके पास सीआईडी की रिपोर्ट हैं कि सीएम के जवाब के दौरान कुछ सदस्यों ने खलल डालने की रणनीति बनाई हैं। लेकिन मैं जवाब देता रहूंगा चाहे सरात के बारहही क्यों न बन जाए।
इस पर भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने आपति जता दी व कहा कि क्या सरकार ने विपक्षी सदस्यों पर सीआईडी बिठा रखी है।
सीएम ने भारद्वाज पर फिर व्यंग्यवाण फेंका व बोला ” रोहड़ू का होकर बकवास करता हैं, शर्मा कर।साथ ही जोड़ा ये ”मेरे व भारद्वाज के बीच का मामला है, हमारा पुश्तैनी संबंध हैं” । वीरभद्र बोलते गए ” पंडित बैठ जाओ,।
भारद्वाज ने माइक ऑन न होने को लेकर स्पीकर से शिकायत की तो वीरभद्र सिंह यहां भी बोल पड़े ”स्पीकर साहब,आपकी ओर ही देखते रहते हैं , हमारी ओर देखते भी नहीं हैं”।
इस बीच गधे का जिक्र दोबारा आ गया और भाजपा विधायक सरवीण चौधरी और सीएम के बीच नोकझोंक चलती रही। सीएम ने कहा कि सरवीण चौधरी ने कांग्रेस के विधायकों की ओर मुखातिब होकर कहा कि ये तो गधे के बाप हैं। सरवीण चौधरी ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं बोला। इस पर स्पीकर ने रिकार्ड पढ़ लिया ।
सरवीण चौधरी ने कहा कि सदन में गधे को पहले लाया कौ।
मुख्यमंत्री ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने पर भी भाजपा सदस्यों के इल्जामों को नकारा व कहा कि धर्मशाला का महत्व बढ़ाने के लिए उन्होंने ऐसा किया हैं।वहां से 15 विधायक आते हैं।भाजपा सदस्य इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता हैं कि इस मसमले में कांग्रेस पार्टी ने बाजी मार ली। मुख्यमंत्री ने भाजपा सदस्यों से सवाल किया कि आप को तकलीफ क्यों हो रही हैं। इस पर भाजपा सदस्य ने रविंद्र रवि ने कहा कि भाजपा विरोध नहीं कर रही हैं। उन्होंने सवाल किया क्या कर्मचारियों को राजधानी भता अदा करेंगे और क्या यहां से सचिवालय व बाकी निदेशालयों को यहां से शिफ्ट करेंगे व इसके लिए क्या सरकार कर्ज लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त आएगा तो हम देखेंगे।
रविंद्र रवि ने कहा कि जब भाजपा सरकार सता में थी तो चार मंत्री धर्मशाला में बैठते थे । कांग्रेस सरकार का तो एक भी मंत्री वहां नहीं बैठता।
वीरभद्र सिंह ने भाजपा विधायकों को चुनौती दी कि वो लिख कर दे दें कि वो कौन सा स्कूल, कॉलेज, पटवार खाना व तहसील बंद करवाना चाहते हैं। सरकार दूसरे दिन उन्हें बंद कर देगी। बाहर जाकर ये बोलो ।
महेंद्र सिंह ने मांग उठा दी कि मंडी को भी राजधानी बना दिया जाए। सीमए बोले” मजाक कर रहे हो। ये एक राजनेता की मांग हैं ,जिस दिन जनता की मांग आएगी तो सोचूंगा”।
भाजपा के सुरेश भारदृवाज ने कहा कि ”शिमला से पांच देशों का शासन चलता था”। सीएम बोले ,”आपको क्या तकलीफ हो रही हैं,क्या आपको दुख हो रहा हैं’।
वीरभद्र सिंह ने विपक्ष के इस इल्जाम का कि नौकरियों में धांधलियां हो गई हैं, को पूरी तरह से नकार देंगे । उन्होंने कहा कि ” धांधलियां तो भाजपा सरकार में हुई थी । वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि सितंबर तक सभी पदों को भरा जाए। इन पदों को कमिशन व आयोग ही नहीं बैच वाइज भी भरा जाएगा।
इस पर भाजपा सदस्यों की ओर से कहा गया कि ”ये कहो कि बैकडोर एंट्री करेंगे, बाकी बजट का इंतजार करो”।
सुरेश भारद्वाज ने राजधानी के मसले पर सवाल उठाए व कहा कि ”शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के प्रेम में स्मार्ट सिटी को आंकड़ों से हेराफेरी कर धर्मशाला ले गए। उन्होंने पूछा कि क्या हॉलीलॅाज को धर्मशाला जे जाओगे”।
वीरभद्र ने फिर व्यंग्यवाण फेंका व कहा ” रोहड़ू निवासी, मैं आपकी मानसिकता जानने लगा हूं,मैं आपको शरीफ समझता था”। इस पर भारद्वाज ने आपति जताई कि शरीफ का विलोम क्या होता हैं। ” कौन सी बदमाशी की हैं मैंने”।
वीरभद्र सिंह ने राजधानी के मसले पर सफाई दी कि शिमला पहले की तरह राजधानी रहेगी। स्मार्ट सिटी का मसला केंद्र सरकार का हैं। सीएम का दखल नहीं होता । मेयर व डिप्टी मेयर ने प्रजेंटेशन दिया था। स्मार्ट सिटी का मसला दोबारा उठा हैं।
भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा सदस्यों की ओर से उठाए गए महत्वपूर्ण किसी भी मसले का जवाब नहीं दिया व भाजपा ने जवाब से असंतुष्ट कर सदन से वॉकआउट कर दिया ।
सीएम ने सफाई दी कि हर बार इसी तरह से जवाब दिया जाता रहा हैं। भाजपा सदस्यों की ओर से किया गया वॉकआउट राज्यपाल के प्रति अपमान हैं। ये उनके अभिभाषण को पास करने के बजाय वॉकआउट कर रहे हैं।
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