शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को घेरने के साथ बाकी खेल संघों को कानून के दायरे में लाने के लिए लाए गए खेल बिल पर भाजपा सदस्य चर्चा टालने में कामयाब रहे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जैसे ही चर्चा के लिए बिल सदन में रख्ख भाजपा सदस्य व मुख्य सचेतक सुरेश भारदवाज ने कहा कि चूंकि ये बिल भाजपा सदस्यों को मिला ही नहीं है इसलिए इसे कल या परसों के लिए टाल दिया जाए। स्पीकर बीबी बुटल ने अपनी ओर से साफ किया कि उन्होंने बिल सभी विधायकों को बीते रोज साढ़े दस बजे उनकी टेबल पर पहुंचा दिया था। इस बीच धूमल ने भी कहा कि उन्ळें बिल की प्रति नहीं मिली।
भाजपा विधायकों ने कहा कि ये महत्वपूर्ण बिल है इसलिए इस पर आज चर्चा न की जाए। स्पीकर ने कहा कि कल प्राइवेट मेंबर डे है।उन्होंने सदन की सहमित मांगी और सदन ने इस बिल पर चर्चा करने के लिए सहमति प्रदान कर दी। संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कल वीरवार को सदन में बिल पर चर्चा होगी इसे सदन की सहमति माना जाए। अब इस बिल पर वीरवार को चर्चा होने की संभावना है।
विपक्ष की गैर मौजूदगी में हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में एचपीसीए समेत 42 खेल संघों को कानून के दायरे में लाने के लिए खेल विधेयक पेश किया ताकि इन्हें वितीय तौर पर जवाबदेह बनाया जा सके। हिमाचल प्रदेश खेल संगमों का रजिस्ट्रेशन,मान्यता और विनियम विधेयक 2015 को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जिनके पास खेल विभाग भी है,ने सदन में रखा था।
विधेयक के उपबंधों के मुताबिक क्रिकेट समेत ऐसी सभी खेलों संस्थाओं की अधिनियम के पहले के सभी दावों, दायित्वों पर क्लेम किया जा सकेगा , जो सहकारी सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकृत थी लेकिन जिनका बाद में किसी वजह से पंजीकरण समाप्त हो गया है
इसके अलावा इन संघों के पास अगर कोई सरकारी या किसी व्यक्ति और संस्था की संपति भी है तो वो उसे भी इन्हें वापस सरकार व उस व्यक्ति ,संस्था को लौटानी होंगी । इस विधेयक के मुताबिक ऐसे खेल संघों का पंजीकरण समाप्त नहीं माना जाएगा ।
हालांकि एचपीसीए खुद को कंपनी एक्ट के तहत कंपनी मांनती है।जबकि सरकार ने इस विधेयक के दायरे में एचपीसीए को भी रखा है।
सदन में आज हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना(संशोधन) विधेयक, 2015 , हिमाचल प्रदेश पंचायती राज(संशोधन) विधेयक, 2015 और हिमाचल प्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2015 को पारित कर दिया गया।
(0)