शिमला। भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप के नोट कांड में प्रदेश सरकार दो सप्ताह में हाईकोर्ट में आखिरी रिपोर्ट दो सप्ताह में पेश कर देगी। प्रदेश हाईकोर्ट में ये जानकारी आज सरकार के महाधिवकक्ता ने दी। जिस पर अदालत ने आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष भटटाचार्य की ओर से दायर याचिका को निपटा दिया। भटटाचार्य ने प्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले में पूर्व भाजपा सरकार के कार्याकाल में पुलिस की ओर की गई जांच की रिपोर्ट को निरस्त करने का आग्रह किया था। ये जांच रिपोर्ट 2मार्च 2010को पुलिस ने दी थी।भटटाचार्य ने इस मामले की दोबारा जांच कराने की मांग भी की थी।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर और जस्टिस धर्म चंद चौधरी की खंडपीठ ने एजी की ओर से दी गई जानकारी के बाद भटटाचार्य की अर्जी को डिस्पोज ऑफ कर दिया। एजी ने कहा कि इस मामले में सरकार दो हफते कके भीतर सीआरपीसी की धारा 173/8 के तहत आखिरी रिपोर्ट पेश करेगी। याचिका में एक न्यूज चैनल के सिअंग का हवाला देकर वीरेंद्र कश्यप पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक शिक्षण संसथान को फेवर करवाने के बदले कैश लिया था।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इस मामले में धूमल सरकार की ओर से की गई जांच निष्पक्ष नहीं थी। यह मामले को खत्म करने का प्रयास था।इस मामले में पांच फरवरी 2010 को जांच करने के लिए एसआईटी गठित की थी और एसआईटी ने 2 मार्च 2010 को जांच रिपोर्ट देकर रिपोर्ट में साफ कर दिया कि कोई मामला नहीं बनता है।
इससे पहले डीजीपी ने अदालत को बताया था कि इस मामले की जांच विजीलेंस कर रही है और 6 मार्च2014 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कानून के मुताबिक कार्यवाही कीइ जा रही है।
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