शिमला। राजधानी के विकास नगर गैंगरेप मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों को पुलिस ने पाक-साफ करार देते हुए बरी कर दिया है। पुलिस का दावा है कि जिस नाबालिग लड़की ने रेप का आरोप लगाया था उसके साथ रेप हुआ ही नहीं था।मेडिकल में ये आया है कि उसके साथ सेक्स वारदात से 72 घंटे पहले हुआ था।
रेप मामले में फंसे इन युवकों को दो अक्तूबर को अदालत ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। लेकिन ये पांच दिन का रिमांड पूरा होने से पहले ही बाहरआ गए। एसपी शिमला अभिषेक दुल्लर ने दावा किया मेडिकल रिपोर्ट में लड़की को नशा देने की पुष्टि नहीं हुई है।
इसके अलावा लड़की का आरोप था कि उसे अगवा किया गया और उसे बंधक बनाकर रखा गया। एसपी ने कहा कि ये जांच में सब गलत निकला है।जांच में पाया गया कि इस लड़की ने शॉपिंग की है।नेलपॉलिश खरीदा है। इसके अलावा इसने कपड़े भी बदले है। वारदात के बाद 72 घंटे तक इसने किसी के साथ सेक्स नहीं किया है। मेडिकल रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं आया। इसलिए सभी को रिहा कर दिया गया है।
ये पूछे जाने पर कि इस लड़की और इसकी मां ने ये सब क्यों किया। फिलहाल इसका पुलिस के पास कोई साफ जवाब नहीं है।अभिषेक दुल्लर ने कहा कि लड़की की मां पर पहले भी पुलिस में केस दर्ज हुए है।
प्रदेश का ये अब तक ऐसा पहला केस है जिसमें पुलिस ने इतनी तेजी से जांच की हो।
एक अक्तूबर को शिमला पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों हेमसिंह और प्रवेश को गिरफ्तार किया था । तीसरे युवक अर्जुन पंडित को दो अक्तूबर को अरेस्ट किया गया था। उधर लड़की मां ने पुलिस के सारे आरोपों को गलत करार दे दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मेडिकल रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। झूठे गवाह खड़े किए जा रहे है।पुलिस सब दबाव में कर रही है।हम छोड़ेंगे नहीं अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
पुलिस रिमांड पूरा होने से पहले ही तीनों बरी होने के बाद दर्जनों युवकों ने पहले महिला के घर के बाहर, उसके बाद छोटा शिमला थाना बाद में डीसी ऑफिस कके बारह विजयरैली निकाली और पुलिस जिंदा बाद के नारे लगाए। इन युवाओं ने झूठे आरोप लगाने वाली महिला और उसकी लउ़की के खिलाफ मामला दर्ज उसे सलाखों के पीछे भेजने की मांग की है।
उधर, आईजीएमसी में दूसरे रेप मामले में पुलिस की जांच में ऐसी तेजी नहीं दिखाई गई है।इस मामले में आरोपी राजू नेगी पुलिस रिमांड में ही है।
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