शिमला। हाईकोर्ट के आदेशों पर काटे जा रहे बागवानों के अवैध सेब के बगीचों को लेकर हिमाचल प्रदेश की आम आदमी पार्टी ने इस समस्या का नया समाधान सुझाया है। ये समाधान किसी और ने नहीं बल्कि 2002 में अवैध कब्जाधारियों से शपथ पत्र मांगकर उनकी सरकारी जमीन को नियमित करने का वादा करने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक राजन सुशांत ने सुझाया है। उन्होंने राजधानी में आंखें खोलने वाला बड़ा खुलासा किया और कहा कि सरकार के अफसरों ने जो हाईकोर्ट में अवैध कब्जों के आंकड़ें दे रखे है वो सही नहीं है। असल आंकड़ें कुछ और ही है।
सुशांत ने वीरभद्र सिंह पर धावा बोलते हुए कहा कि सरकार के अफसर जिस विधवा महिला ने एक बीघा पर अवैध कब्जा कर सेब का बगीचा लगाया है उसे उखाड़ने चली गए। उन्होंने आरोप लगाया कि 70 प्रतिशत सेब केबगीचे कांग्रेस के नेताओं के और 30 प्रतिशत भाजपा के नेताओं के है।इस काम में विधायक,पूर्वमंत्री लगे हुए है।सरकार के अफसर बड़े मगरमच्छों पर हाथ नहीं डाल रही है। छोटे लोगों लोगों को तंग किया जा रहा है। जिन लोगों ने 100 -100 बीघा जमीन पर कब्जा कर सेब के बगीचे लगा कर करोड़ों कमाए है,उन पर वीरभद्र सिंह सरकार हाथ नहीं डाल रही है।सुशांत ने कहा कि वो न तो पेड कटने देंगे और ही बिजली पानी कटने देंगे।
उन्होंने मांग की इस मसले पर वीरभद्र सरकार 24घंटें के भीतर अध्यादेश लाए और 7 दिनों के भीतर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और वहां पर 2002 की उनकी ओर से बनाई गई नीति के तहत इस समस्या का हल निकाला जाए। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान राजन सुशांत की 2002 की नीति है। इसके अलावा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखे जाए। उन्होंने एलान किया कि प्रदेश में 9लाख परिवारों ने सरकार व वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर रखा है। ये आंकड़े 2002 में जब वो धूमल सरकार में राजस्व मंत्री थे तो एकत्रित हुए थे।सरकार के अफसर गलत तस्वीर पेश कर रहे है और ये कब्जे आज के नहीं है बलिक 1954 सेपहले के है।उन्होंने वीरभद्र सिंह पर हमला बोला कि वो ये प्रचार कर रहे है कि ये मुसीबत राजन सुशांत की वजह से हुई है। उन्होंने वीरभद्र सिंह को कहा कि वो सही तथ्य जनता के समक्ष रखे अगर उनके पास नहीं है तो उनसे बात कर लें।
उन्होंने कहा कि अगर वीरभद्र सिंह सरकार ने कुछ नहीं किया तो आम आदमी पार्टी प्रदेश भर में जगह जगह जाकर सत्याग्रह करेगी। लेकिन इस पर अंतिम फैसला 27जुलाई के बाद लिया जाएगा।इसके अलावा इस मसले पर जरूरत पड़ी तो आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी।उन्होंने कहा कि वो जल्द ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलकर गुहार लगाएंगे की पार्टी के सांसद इस मसले को संसद में उठाए। हालांकि ये होगा या नहीं इसका सबकों इंतजार है।
सुशांत ने कहा कि सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अवैध कबजों के प्रदेश में 4123 मामले में 10बीघा से कम है।10बीघा से ज्यादा के 2513 मामले है कुल 2830 मामले है । व इन्होंने 6866 बीघा जमीन अवैध तौर पर कब्जा रखी है। ये राजस्व विभाग की जमीन है। जबकि वन विभाग की जमीन पर अवैध कबजों के 16194 मामले है और 6 लाख 80 हजार बीघा जमीन अवैध रूप से कब्जा रखी है। सरकार के अफसर दावा करते है कि इसमेंसे 3788 बीघा जमीन से कबजा हटा लिया गया है।उन्होंने इन आंकड़ों को गलत करार देते हुए कहा कि 2002 में जब वो अवैध कबजोंको नियमित करने की नीति लाएथे और उन्होंने शपथ पत्र मांगे थे तो डेढ लाख लोगों ने शपथ पत्र दिए थे।उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2लाख गउशालाएं सरकारी जमीन पर बनी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 प्रतिशत कम से 35 लाख ऐसे लोग है जिनके पास पांच बीघा से कम जमीन है।जबकि कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक खेती करने के लिए कम से कम से 25 बीघा जमीन की जरूरत होती है।उनकी 2002 की नीति के मुताबिक पांच बीघा तक के अवैध कबजों रियायती रेट पर नियमित किया जाए। पांच से ज्यादा को मार्किट रेट पर नियमित किया जाए। उन्होंने मांग की कि उनकी नीति के मुताबिक20 बीघा तक के अवैध कब्जे को नियमित किया जाना चाहिए। इसके अलावा सरकार इन अवैध कब्जों को अपने कब्जें में लें और उनपर उगी फसल की नीलामी करें व आय का एक भाग जिन्होंने सेब लगाएं है उन्हें दिया जाए।
राजन सुशांत ने वीरभद्र सिंह पर हमला बोला की उनसे सरकार नहीं चल रही है । उनकी सरकार को अदालत चला रही है। इसे बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने धूमल पर भी हमला बोला और कहा कि वो दो बार प्रदेश के सीएम रहे पर इस मसले पर कभी कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हजारों लोग भाखड़ा,पौंग जैसे प्रोजेक्टों की वजह से विस्थापित हुए। उन्होंने अवैघ कब्जे कर रखे है। उनके घर कैसे उजाड़ सकते है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों को ये मसला संसद में उठाना चाहिए। प्रदेश से भाजपा का एक सांसद मोदी सरकार में शामिल है। शांता कुमार तो आत्मा की आवाज पर विस्फोट करते रहते है। उन्हें प्रदेश की जनता की आवाज भीसंसद में उठानी चाहिए।
राजन सुशांत ने अवैध कबजाधरियों के पक्ष में तो कई कुछ कह दिया हैलेकिन वो खुद इस मसले पर क्या करते है इसका इंतजार रहेगा। क्योंकि अवैध कबजों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बहुत सी जजमेंट्स है जो सुशांत के वादों पर कुठाराघात करेगी। इसके अलावा जिन लोगों ने कानून की पालना की और अवैध कब्जे नहीं किए है क्या उन्होंने कोई गलती की है।सुशांत खुद कहते है कि 70 प्रतिशत मामले कांग्रेस के नेताओंऔर 30 प्रतिशत भाजपा के नेताओं के है। वो उन लोगों के मामलों में क्या चाहते है।ये बड़ा सवाल है।
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