शिमला। जिला सोलन के बागा में सीमेंट का कारखाना लगाने वाली जेपी कंपनी ने वीरभद्र सिंह सरकार के दो –दो एसडीएम को बैरंग लौटा दिया। सरकार के अफसरों को किसी कारपोरेट घराने की ओर से इस तरह बैरंग लौटाने का ये प्रदेश में संभवत: पहला मामला है।
ये दिलचस्प मामला बीते सप्ताह का है। मांगल पंचायत में लगे जेपी कंपनी के सीमेंट कारखाने की वजह से स्थानीय लोगों व ट्रक आपरेटरों को हो रही दिक्कतों की वजह से वो हड़ताल पर बैठे है।बीते सप्ताह स्थानीय लोगों के इस मसले को सुलझाने के लिए अर्की के एसडीएम एल आर वर्मा और बिलासपुर के एसडीएम डॉक्टर हरीश गज्जू मांगल पंचायत पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने तय किया कि जेपी कंपनी के अफसरों को बुलाया जाए व स्थानीय लोगों के मसले पर बातचीत की जाए। इन दोनों अफसरों ने जेपी कंपनी के अफसरों को न्यौता भेजा। लेकिन मजे की बात है कि जेपी कंपनी के अफसर हाजिर ही नहीं हुए। बताते है कि इस दिन मौक पर दोनों जिलों के डीएसपी भी मौके पर गए थे।
सूत्रों के मुताबिक अर्की के एसडीएम एल आर वर्मा ने मौके से ही सोलन के डीसी मदन चौहान को फोन पर सारे मामले की जानकारी दे दी। मदन चौहान मुख्यमंत्री के करीबीअ अफसरों में से है। इससे पहले डीसी सोलन रहे राजेश लकटू भी मुख्यमंत्री के करीबी अफसर थे । रिटायरमेंट के बाद जे पी कंपनी में ही नौकरी पर लग गए थे। ये अंदेशा स्थानीय लोगों ने उनके डीसी रहते ही जता दिया था। जब प्रदेश में धूमल सरकार सता में आई तो जे पी कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
वीरभद्र सिंह सरकार के दो दो अफसरों की ओर से जेपी कंपनी के अफसरों की इस तरह फजीहत करने पर सथानीय लोगों ने सीएम आफिस को टारगेट करना शुरू कर दियाहै। स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी के लोग सीएम ऑफिस में तैनात रिटायर अफसर का नाम जमकर भुनाते है और अफसरों को ट्रांसफर करा देने का डर दिखाते है। सीएम आफिस में तैनात अधिकारी का कोई भाई है जो जेपी कंपनी में लाइजनिंग का काम करता है। ऐसा स्थानीय लोग दबी जुबान में कहते है।जेपी कंपनी के अफसर इन्हीं के दम पर दबंगई दिखाते है।
15 जुलाई को ही प्रधान सचिव उदयोग ने स्थानीय लोगों की ओर से भेजे गए रिप्रेजेंटेशन एसडीएम से एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांग रखी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पानी के स्त्रोतों को हाईकोर्ट व एनजीटी के आदेशों के बावजूद बहाल नहीं किया गया है। उधर बीते सप्ताह ही बागा में कंपनी की ओर से फेंके मलबे से मची तबाही के मामले की सुनवाई एनजीटी में हुई। एनजीटी ने अगली सुनवाई को तय करेगी कि जेपी कंपनी की ओर से मौक पर हाईकोर्ट व एनजीटी के आदेशों की पालना हुई है या नहीं।
उधर,जेपी कंपनी के खिलाफ मांगल में लोगों की हड़ताल अभी भी जारी है और उनसे कोई वार्ता के लिए नहींआ रहा है।स्थिति अजीब बन गई है।
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