शिमला। हिमाचल प्रदेश के बैंकों की ओर से कर्ज के रूप में दिया गया 1723करोड़ रुपया डूब गया है।बैंकों ने इसे नॉन परफार्मिंग एस्सेट में डाल दिया है।पिछले साल ये आंकड़ा 1629करोड़ रुपए था। उधर,मोदी सरकार की ओर से चलाई गई जनधन योजना के तहत खोले गए 30 प्रतिशत खातों में एक भी पैसा जमा नहीं हुआ है।यही नहीं मोदी की मुद्रा योजना भी ज्यादा सफल नहीं हो पाई है।ये योजना तय लक्ष्य का 35 प्रतिशत ही सफल हो पाई थी।इसके अलावा मुद्रा कार्ड लेने भी लोग नहीं आ रहे है।प्रदेश में अभी तक कुल 1461कार्ड ही बनाए जा सके है।ये योजना भी फेल होती नजर आ रही है।
ये सारा खुलासा आज राजधानी में स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की 138वीं बैठक में हुआ। यूको बैंक के सीएमडी आरके टक्कर ने बढ़ते एनपीए पर चिंता जताई व सरकार से रिकवरी में मदद मांगी। इस मौके प्रदेश के मुख्य सचिव पी मित्रा ने भी शिरक्त की। जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव आईटी संजीव गुप्ता ने बैंकर्स से
प्रदेश सरकार की ओर से एक हजार रुपए का योगदान देने के बावजूद अटल पेंशन योजना गति नहीं पकड़ पाई है।इसके अलावा आधे के करीब जिलों में लोग कर्ज लेने नहीं आ रहे हे। क्रेडिट डिपोजिट रेशो में बड़ा अंतर है।इनमें कांगड़ा , हमीरपुर,चंबा,लाहुल स्पिति जैसे जिले शामिल है।
(0)