शिमला। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरा कर व भाजपा की सरकार बनाने का मोदी-शाह व नडडा की भाजपा का मंसूबा फिलहाल चार जून तक प्रदेश की कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने विफल कर दिया हैं।कम से कम जिस जरह के हालात बन गए है उससे तो यही साफ लगता हैं। अब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की मुख्यमंत्री बनने का सपना भी अगले घटनाक्रम तक पूरा होने वाला नहीं हैं।
इस्तीफा मंजूर होने से पहले भाजपा में शामिल होकर कानूनी दांव पेंच में फंसे तीनों आजाद विधायक होशियार सिंह,आशीष शर्मा और के एल ठाकुर अब दल बदल कानून के फंदे मे फंस गए हैं। उनके इस्तीफे के मामले को दरकिनार कर अब उनके खिलाफ दलबदलू कानून के तहत कार्यवाही करने को लेकर याचिका स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के पास पहुंच गई हैं।
सुक्खू के सबसे तेज तर्रार मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते रोज ही स्पीकर को याचिका दी है कि इन विधायकों ने अपने जवाब में जब यह कह दिया है कि ये भाजपा में शामिल हो गए है तो कानूनन इनके इस्तीफे के बाद चल रही जांच के कोई मायने नहीं रह गए हैं।
ये तब भाजपा में शामिल हो गए थे जब इनके इस्तीफे स्वेच्छिक है या नहीं इसे लेकर स्पीकर की ओर से नोटिस दे दिए गए थे और जांच चल रही थी। इनके इस्तीफों को तब मंजूर नहीं किया गया था।ऐसे में इनके खिलाफ अब दल बदलू कानून के तहत कार्यवाही होनी चाहिए।
नेगी ने राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन आजाद विधायकों ने दबाव में इस्तीफे दिए हैं। ये सीआरपीएफ के घेरे में हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से इन आजाद विधायकों को दी गई सीआरपीएफ सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।
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