शिमला।पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के सांसद बेटे अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन मामले में वीरभद्र सिंह सरकार की विजीलेंस की ओर से आरोपी बनाए गए सरकार अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी दीपक सानन, अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी गृह पी सी धीमान व ग्रामीण विकास व पंचायती राज के निदेशक अजय शर्मा को संवेदनशील पदों पर तैनाती देने के लिए प्रदेश सरकार पर अवमानना की कार्रवाई करने के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को चिटठी लिखी गई है।
स्थानीय पत्रकार बलदेव शर्मा ने दो पन्नों की इस चिटठी के साथ हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर व जस्टिस कुलदीप सिंह के 8जनवरी 2014 के आदेश का हवाला दिया है। शर्मा ने कहा कि शेर सिंह बनाम सरकार मामले में अदालत ने आदेश दिया था कि राज्य सरकार संवेदनशील पदोें से संदेहास्पद निष्ठा वाले अफसरों को तुरंत हटा दे। लेकिन मुख्य सचिव पी मित्रा की कमान में सिविल सर्विसेस बोर्ड की ओर से इस आदेश की जानबूझ कर अवहेलना की जा रही है,इसलिए इस मामले में अवमानना की कार्रवाई होनी चाहिए।
चिटठी में लिखा गया है दीपक सानन को वन पर्यावरण का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है,जो अति संवेदनशील पद है।जबकि उनके खिलाफ आईपीसी के तहत अपराधों में सीआरपीसी की धारा 197 के तहत अभियोजन की मंजूरी दी हुई है। इसी तरह पीसी धीमान जो कि अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह व विजीलेंस के अति संवेदन शील पद पर तैनात है उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिली हुई। तीसरे अफसर अजय शर्मा है जिन्हें ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग का निदेशक बनाया गया हैउनके खिलाफ भी अभियोजन की मंजूरी मिली हुई। ऐसे में सरकार सरेआम अदालत की अवमानना कर रही है।
यहां पढ़े पूरी चिटठी-
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