शिमला। प्रदेश की कांग्रेस की सुक्खू सरकार में बीस साल की एक युवती चंबा महिला पुलिस स्टेशन में बीजेपी विधायक हंसराज के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद प्रदेश की सुक्खू सरकार के साथ –साथ कांग्रेस पार्टी तक खामोश रही लेकिन इस बीच चंबा युवा कांग्रेस के सचिव अभि शर्मा अपनी आवाज बुलंद कर गए।
उन्होंने हंसराज के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करने की अर्जी दी है और सुरक्षा की मांग की हैं। अपनी ही सरकार में इस तरह से सुरक्षा की मांग करना सुक्खू सरकार को कटघरे में खड़ा कर देती हैं। अभि शर्मा ने दावा किया है उसे वाटसएप चैट पर हंसराज ने कुता तक बोला हैं।
अभी शर्मा ने सनसनीखेज दावा किया कि जिस महिला ने हंसराज के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने वाली महिला और उसके पिता की जान को खतरा हैं। इसलिए उन्हें ढूंढा जाना चाहिए। उन्होंने ये बड़ा सवाल उठा दिया हैं।
बीजेपी विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद सुक्खू सरकार और उनकी मशीनरी को ये सुनिश्चित करना था कि इस महिला पर किसी तरह का दबाव न बनाया जाता। सरकार के पास नागरिकों के थ्रेट परसेप्शन का आकलन करने का एक पूरा तंत्र विकसित है। इस बावत सुक्खू सरकार और उनकी एजेंसियों ने क्या किया होगा ये सुक्खू सरकार किसी को नहीं बता रही हैं। इस महिला को लेकर अभि शर्मा ने जिस तरह का इल्जाम लगाया कि उसे व उसके पिता को जान का खतरा है तो इसके बाद भी क्या मुख्यमंत्री सुक्खू जिनके पास गृह महकमा है, ने थ्रेट परसेप्शन को लेकर किसी तौर तरीके पर काम किया होगा।वो जिस नजरिए से इस मामले को देख रहे है वो नजरिया कानून के नजरिए से मेल नहीं खाता है। वो प्रदेश के गृह मंत्री है।
सीआइडी महकमे में डीजीपी स्तर के अधिकारी तैनात है और देश कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की एक महिला डाक्टर के ब्लात्कार और उसकी जघन्य हत्या के बाद उबाल पर हैं। ये तो बिलकुल ही साधारण सी बात है कि अगर विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है तो शिकायतकर्ता पर दबाव आना ही है। समझौते के लिए या किसी और कारण से…
इस आक्रोश के बीच चंबा में ही कांग्रेस सरकार की पुलिस में ही विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो जाती हैं और मुख्यमंत्री इस एफआइअआर को लेकर जुबान तक नहीं खोलते। जबकि आज का दौर एफआइआर को आनलाइन अपलोड़ करने का हैं। चूंकि मुख्यमंत्री के पास गृह महकमा था और एफआइआर एक विधायक के खिलाफ हुई थी इसलिए कायदे से इस मसले पर उन्
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